केंद्रीय विद्यालय क्रमांक - ४,
भुवनेश्वर
मासिक शैक्षणिक योजना
हिंदी
जुलाई 2021
जुलाई , 2021 के लिए हिंदी-शैक्षणिक-योजना इस प्रकार है :—
पाठ्यक्रम पूर्णता :—
:— हर कक्षा में जुलाई का निर्धारित पाठ्यक्रम पूर्ण किया जाएगा । पाठ्यक्रम पूर्ण होने के साथ ही यदि समय रहता है तो पुनरावृत्ति कार्य भी करवाया जाएगा ।
कक्षा-कार्य व गृहकार्य जाँच :—
:— हर सप्ताह बच्चों को एक ही गृहकार्य दिया जाएगा और यह गृहकार्य हर सप्ताह शनिवार को जाँच किया जाएगा । जिन बच्चों ने गूगल क्लासरूम पर गृहकार्य अपलोड नहीं किया , उन्हें व्यक्तिगत संदेश , कॉल द्वारा सूचित किया जाएगा , उनके अभिभावकगण को ब्रॉडकास्ट समूह द्वारा सूचित किया जाएगा व कक्षा में भी पेरेंट्स को बताया जाएगा ।
कक्षाकार्य भी गूगल क्लासरूम के द्वारा ही जाँच किया जाएगा , बस ये पंद्रह दिन में एक बार वीडियो ऑन करके तथा गूगल क्लासरूम पर भी मँगाया जाएगा ।
कक्षा में बच्चों को उनके अनुक्रमांक के अनुसार पढ़वाया जाएगा , बीच -बीच में किसी भी विद्यार्थी को भी पढ़ने हेतु कहा जाएगा ताकि सारे बच्चे कक्षा में ही रहें और अध्यापक के साथ चलते रहें । साथ ही बीच-बीच में प्रश्न पूछे जाते रहेंगे ।
जो बच्चे देरी से सीखते हैं या जो बच्चे पढ़ने में थोड़े कमज़ोर हैं , उन्हें घर से पाठ पढ़ते हुए का ऑडीओ बनाकर भेजने हेतु कहा जाएगा , साथ ही सुलेख भी लिखने हेतु दिया जाएगा ।
इस महीने आने वाली गतिविधियों हेतु योजना :— १. गुरु तेग़ बहादुर के जीवन पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा तथा उनका लिखा निबंध गूगल क्लासरूम पर मँगाया जाएगा । २. आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत पीपीटी तैयार करवाई जाएगी और एक ड्रामा या रोल प्ले का वीडियो मँगाया जाएगा । ३. सीसीए के अन्तर्गत ‘एकल देशभक्ति गीत’ हेतु बच्चों को तैयार करवाया जाएगा ।
विद्यालय-पत्रिका :—
:— विद्यालय-पत्रिका हेतु बच्चों को नाटक /कविता/कहानी आदि लिखने हेतु प्रेरित किया जाएगा और हमेशा उनका मार्गदर्शन किया जाएगा ।
भाषा-शिक्षण में तकनीकी को शामिल करते हुए उनको यू-ट्यूब , पॉडकास्ट ,ब्लॉग आदि पर खाता बनाने और इनके सदुपयोग हेतु प्रेरित किया जाएगा ।
अब बच्चे भी अपनी ही कक्षा को पढ़ाएँगे :— सभी बच्चों को पीपीटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं , वे अपनी पीपीटी या पुस्तक की पीडीएफ़ से अपनी ही कक्षा को पढ़ाएँगे । इसको ‘माइक्रो टीचिंग’ नाम दिया गया है। उचित मार्गदर्शन किया जा चुका है। एक दिन में तीन-चार बच्चों को ही पढ़ाने हेतु कहा गया है।
भाषा के सभी कौशलों सुनना, बोलना , पढ़ना , लिखना के विकास की ओर निरंतर ध्यान दिया जाता रहेगा । इसके अन्तर्गत ही ऊपर लिखी गतिविधियाँ की जा रही हैं ।
अन्य कोई भी समस्याएँ , जो पठन-पाठन में दृष्टिगोचर होंगी उनका भी शीघ्र समाधान किया जाएगा ।
विषय - समिति समन्वयक
घनश्याम
श्रेष्ठतम कार्य
ReplyDeleteउत्तम कार्य
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