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Sunday, 1 March 2020

१२th preboard २nd

के. वि. सं. वाराणसी संभाग
द्वीतीय पूर्वपरिषदीय-परीक्षा

कक्षा  12वीं                                        विषय - हिन्दी (आधार)
निर्धारित समय : 3 घंटे                         अधिकतम अंक : 100
कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्नपत्र में 14 प्रश्न हैं ।
कृपया प्रश्न का उत्तर लिखना शुरू करने से पहलेप्रश्न का क्रमांक अवश्य लिखें ।
इस प्रश्न-पत्र को पढ़ने के लिए 15 मिनट का समय दिया गया है 
प्रश्न संख्या
खंड - क
अंक
1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
सृजनशीलता भाषा का एक प्रमुख गुण है । हिंदी में यह गुण प्रभूत मात्रा में है, जिससे यह निरंतर प्रवाहमान है । यही वह भाषा है जिसमें समायोजन की पर्याप्त जादुई शक्ति है । दूसरी भाषाओं और संस्कृतियों के शब्दों को जिस सहजता और अधिकार  के साथ यह जज्ब करती है ,उससे इसकी विस्तार की सम्भावनाएँ प्रशस्त होती हैं । इसके लचीलेपन ने अन्य भाषाओं के शब्दों  को ही नहीं वरन नके सांस्कृतिक तेवरों को भी अपने में समेट लिया है । यही कारण है कि हिंदी सामासिक-संस्कृति और विभिन्न भाषा-भाषियों की प्रमुख पहचान बन गई है । अरबी,फारसी,तुर्की,अँग्रेजी आदि भाषाओं के शब्दों को अपने में इस तरह समाहित किए जा रही है मानों वे जन्म से ही इसमें विद्यमान रहे हैं । यह समाहार ही इसकी जीवंतता के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं । 
आजकल अक्सर यह सुनने में आता है कि हमें इसके शुद्ध स्वरूप को बरकरार रखना चाहिए । शुद्धतावाद की इस मानसिकता से दूर रहना ही श्रेयस्कर है क्योंकि इससे इसके विस्तार,प्रचार प्रसार पर प्रतिकूल असर पड़ने की सम्भावना है । सूचना-क्रांति ,तकनीकी विकास और विश्वग्राम की परिकल्पना ने संवाद के अवसर निर्मित किए हैं जिसमें हिंदी को प्रभावी सम्प्रेषण का माध्यम बनने का सुअवसर मिल रहा है ।इसको भुनाने के लिए आवश्यकता है प्रयोजनवादी हिंदी का विकास,जिसमें भाषा और लिपि से संदर्भित यांत्रिक संसाधन भरपूर और सरलता से उपलब्ध हों । इलेक्ट्रानिक मीडिया हो या प्रिंट,बाजार हो या व्यापार ,शासन हो या प्रशासन इसकी पहुँच सभी तक हो,इसका प्रयास होना चाहिए । इसके सरल,व्यवहारपरक मानकीकृत स्वरूप को निर्मित कर प्रचारित प्रसारित करना चाहिए । सरकार का सहयोग और आम आदमी की सोच यदि एक साथ मिल जाए तो वह दिन दूर नहीं जब इसे विश्वभाषा के रूप में स्वत:मान्यता मिल जाएगी और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर  इसकी पताका फहराएगी । 


1- उपर्युक्त गद्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए ।
2- हिंदी की समायोजन शक्ति क्या है ?
3- हिंदी भारत की सामासिक संस्कृति की पहचान क्यों  मानी गई ?
4- शुद्धतावाद क्या है ? यह कैसे  हिंदी का नुकसान करेगा ?
5- स्पष्ट कीजिए : सम्प्रेषण में – उपसर्ग, सामासिक में – प्रत्यय
6- संवाद के बढ़ते  अवसर से हिंदी को क्या लाभ हो सकता है ?
7- वैश्विक भाषा बनने के लिए क्या आवश्यक है ?
8- हिंदी के सतत प्रवाहमान होने के कारण क्या हैं । 
15





















1
2
2
2
2
2
2
2. 
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है । 
देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से
सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से
जाति भेद की ,धर्म वेश की
काले गोरे ,रंग द्वेष की
ज्वालाओं से जलते जग में
इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है ।
लो अतीत से उतना ही जितना पोषक है
जीर्ण-शीर्ण का मोह मृत्यु का ही द्योतक है
तोड़ो बंधन,रुके न चिंतन
गति जीवन का सत्य चिरंतन
धारा के शाश्वत प्रवाह में
इतने गतिमय  बनो कि जितना परिवर्तन है । 

(1) आशय स्पष्ट कीजिए : तोड़ो बंधन,रुके न चिंतन
(2) संसार किन विषमताओं से त्रस्त है ?
(3) प्राचीनता के प्रति हमारा नजरिया कैसा होना चाहिए ?
(घ)जीवन का शाश्वत सत्य क्या है ? तर्क सहित उत्तर दें 
(ड़) काव्यांश के कथ्य को अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए । 

5
















1
1
1
1
1

3. 
खण्ड-ख
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए:
(1) स्वच्छ जल स्वच्छ भारत  
(2) राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य 
(3) आतंकवाद: वैश्विक समस्या  
(4) वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) नए कराधान का सूत्रपात 



5
4. 
आपके नगर में कुछ प्राईवेट अस्पतालों द्वारा मरीजों काअनावश्यक आर्थिक शोषण किया जा रहा है । स्वास्थ्य विभाग के सचिव को इस समस्या से अवगत कराते हुए पत्र लिखिए ।  
अथवा
किसी प्रतिष्ठित  समाचार- प्रत्र  के संपादक को पत्र लिखकर,विश्वविद्यालयों के छात्र- संघ चुनावों में प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार हेतु  धनबल और बाहुबल के अनुचित प्रयोग की  समस्या पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सार्थक समाधान सुझाइए।

5
5. 
निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दीजिए
(1) विशेषीकृत पत्रकारिता क्या है ?
(भारत का प्रथम छापाखाना कब और कहाँ शुरु हुआ ?
() सम्पादकीय में लेखक का नाम क्यों नहीं रहता ?
(सम्वाददाता किसे कहते हैं ?
(ड़) फ्रीलांसर पत्रकार किसे कहते हैं ?
1x5=5
6. 
“ कोचिंग के भँवरजाल में भटकते युवा ”विषय पर एक आलेख लिखिए।
                                   अथवा 
हाल ही में स्वयं के द्वारा पढ़ी गई किसी  पुस्तक की समीक्षा लिखिए ।
5
7. 
दिनों–दिन मलिन होती गंगा”  अथवा “प्रदूषण की मार से बीमार शहर”  में से किसी एक विषय पर फीचर लिखिए लिखिए । 
5

8. 
खण्ड-ग
प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
आखिरकार वही हुआ जिसका मुझे डर था
बात सीधी थी पर जोर जबरदस्ती से
बात की चूड़ी मर गई
और वह भाषा में बेकार घूमने लगी
हार कर मैंने उसे कील की तरह
उसी जगह ठोंक दिया ।
ऊपर से ठीक-ठाक
पर अंदर से
न तो उसमें कसाव था
न ताकत ।
(क)बात की चूड़ी मर गई से कवि का क्या आशय है ?
(ख) भाषा में बात को कैसे प्रयुक्त किया जाना चाहिए था?
(ग) अंदर से कसाव और ताकत रहित बात से क्या तात्पर्य है ?
(घ) कवि को किस बात का डर था? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए । 

अथवा

इसलिए कि तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने का रमणीय यह उजेला अब
सहा नहीं जाता
नहीं सहा जाता ।
ममता के बादल की मंडराती कोमलता भीतर पिराती है
कमजोर और अक्षम अब हो गई है आत्मा यह
छ्टपटाती छाती को भवितव्यता डराती है
बहलाती सहलाती आत्मीयता बर्दाश्त नहीं होती ।
(क) कवि किसे सहन नहीं कर पा रहा है ?
(ख) कवि भविष्य के प्रति आशंकित क्यों है?
(ग) आत्मीयता के बर्दाश्त न कर पाने से क्या आशय है ?
(घ) कवि आत्मा के किन विशेषणों का उल्लेख कर रहा है और क्यों ?


2x4=
9. 
 निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
  उससे पूछेंगे तो क्या आप अपाहिज हैं ?
  तो आप क्यों अपाहिज हैं ?
  आपका अपाहिजपन तो दु:ख देता होगा 
   देता है ?
    (कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा )
    हाँ तो आप  बताइए आपका दु:ख क्या है 
    जल्दी बताइए वह दु:ख बताइए 
    बता नहीं पायेगा ।
(क) काव्यांश का भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए । 
(ख) काव्यांश में निहित अलंकार के उदाहरण लिखिए । 
(ग) पद्यांश के शिल्प सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए। 

अथवा

रुद्ध कोश है  ,क्षुब्ध तोष 
अंगना-अंग से लिपटे भी 
आतंक अंक पर काँप रहे हैं ।
धनी,वज्र-गर्जन से बादल ! 
त्रस्त-नयन मुख ढांप रहे हैं । 
(1) काव्यांश की दो भाषागत  विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।  
(2) काव्यांश के भाव सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए ।  
(3) पद्यांश के अलंकार और रस को स्पष्ट कीजिए ।

2x3=6





















10. 
निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए : 
(1) आत्म परिचय कविता के आधार पर कवि के संसार के प्रति दृष्टिकोण को स्पष्ट करिए ?
(2) उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि उषा कविता सूर्योदय के क्षणों में परिवर्तित प्रकृति का सुरम्य शब्द-चित्र प्रस्तुत करती है । 
(3) पतंगकविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखो 

3+3= 6

11. 
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 
रात्रि की विभिषिका को सिर्फ पहलवान की ढोलक ही ललकार कर चुनौती देती रहती थी । पहलवान संध्या से सुबह तक,चाहे जिस ख्याल से ढोलक बजाता हो,किंतु गाँवके अर्धमृत ,औषधि-उपचार पथ्य-विहीन प्राणियों में यह संजीवनी शक्ति भरती थी । बूढ़े-बच्चे,जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे दंगल का  दृश्य नाचने लगता था । स्पंदन-शक्ति-शून्य स्नायुओं में भी बिजली दौड़ जाती थी । अवश्य ही ढ़ोलक की आवाज में न तो बुखार हटाने का कोई गुण था और न ही महामारी की सर्वनाशी शक्ति को रोकने की शक्ति थी ,पर इसमें संदेह नहीं कि मरते हुए प्राणियों को आँख मूदते समय कोई तकलीफ नहीं होती थी,मृत्यु से वे डरते नहीं थे ।  
(1) पहलवान की ढ़ोलक किसे चुनौती देती थी ? 
(2) गाँव वालों को ढ़ोलक की आवाज कैसी लगती थी ? 
(3) गाँव के लोंगों की दशा का वर्णन कीजिए ?
(4) ढ़ोलक की आवाज में किसकी सामर्थ्य नहीं थीस्पष्ट कीजिए 
अथवा
कुछ देर चुप रही जीजी, फिर मेरे मुँह में मठरी डालती हुई बोली “देख बिना त्याग के दान नहीं होता । अगर तेरे पास लाखों-करोडों रुपये  हैं और उसमें से तू दो-चार रुपये किसीको दे तो यह क्या त्याग हुआ । त्याग तो वह होता है कि जो चीज तेरे पास भी कम है,जिसकी तुझको भी जरुरत है तो अपनी जरुरत पीछे रखकर दूसरे के कल्याण के लिए उसे दे । दान तो वह होता है,उसी का फल मिलता है।“
(5) जीजी कुछ देर क्यों चुप रह गई ?
(6) जीजी के अनुसार त्याग का स्वरुप क्या है ?
(7) बिना त्याग के दान नहीं होता। जीजी के इस कथन का उदाहरण देकर आशय स्पष्ट कीजिए । 
(8) जीजी को किस बात के कारण त्याग और दान की बात कहनी पड़ी?

2x4=8
12. 
निम्नलिखित में से किन्हींचार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 
(1) भक्तिन,सेवक धर्म में हनुमान जी से स्पर्धा करनेवाली सेविका है‌-भक्तिन पाठ के आधार पर प्रस्तुत कथन की समीक्षा कीजिए। 
(2) बाजार दर्शन पाठ के आधार पर बाजार की अवधारणा स्पष्ट कीजिए ?
(3) चार्ली की फिल्में भावनाओं पर टिकी हुई हैं ,ुद्धि पर नहीं । चार्ली चैप्लिन यानी हम सब  पाठ के आधार पर स्पष्ट  कीजिए ?
(4) जाति-प्रथा को श्रम-विभाजन का ही  एक रूप न मानने के पीछे अम्बेडकर के तर्कों को स्पष्ट कीजिए  । 
(5) नमक कहानी से लेखिका द्वारा दिया गया संदेश स्पष्ट कीजि ?
3x4=12
13. 
सिल्वर वैडिंग कहानी में यशोधर बाबू अतीत को आदर्श मानते हैं परन्तु वर्तमान में रहना उनकी विवशता है  उनके व्यक्तित्व के आधार पर इसे  स्पष्ट कीजिए । 
5
14. 
(क) डायरीके पन्ने पाठ के आधार पर एन फ्रैंक के लेखन का वैशिष्ट्य क्या है ? इसको एतिहासिक दस्तावेज क्यों कहा जाना चाहिए ? लिखिए । 
(ख) अतीत में दबे पाँव के आधार पर बताइए कि पर्यटक मुअनजो-दड़ो में किन तीन महत्तवपूर्ण स्थलों को देख़ सकते हैं  । 
5+5















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