आदरणीय अभिभावक,
सादर अभिवादन
ग्रीष्मकालीन अवकाश की हार्दिक शुभकामनाएँ |
बच्चों के साथ हमने बहुत कुछ सीखा, उनकी देखभाल करने की कोशिश की । आपने ध्यान दिया होगा कि बच्चे भी विद्यालय से बहुत प्यार करते हैं । अगले 1½ माह बच्चे विद्यालय के बंधन से मुक्त होकर अपने -अपने घर पर समय बिताने वाले हैं | चलिए कुछ बातों को ध्यान में रखते हैं, जिनसे कि आने वाले 45 दिन बच्चों के लिए कुछ अलग प्रकार से फलदायी हो :–
1. बच्चों के साथ कम से कम 1 वक्त का खाना साथ जरुर खाएँ। उन्हें भोजन का मूल्य बताएँ और किसान की कड़ी मेहनत के बारे में बताएँ और उन्हें भोजन को व्यर्थ करने से रोकें।
2. उन्हें स्वयं से अपनी थाली धोने दें । इससे बच्चे मेहनत का सम्मान करना सीखेंगे।
3. उन्हें भोजन बनाने में आपकी सहायता करने दें। उन्हें सब्जी व सलाद बनाने दें।
4. अंग्रेजी के कम से कम 5-5 शब्द रोज याद करवाएँ एवं एक कॉपी में लिखवायें ।
5. कम से कम 3 पड़ोसियों से मिलिये एवं उनसे अच्छी पहचान बनाइये ।
6. दादा – दादी / नाना – नानी से मिलने जाइए और आपके बच्चों को उनसे खुलकर मिलने दीजिए । उनका प्यार और संवेदनात्मक सहारा आपके बच्चे के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी फोटो खींचिये।
7. अपने कार्य करने के स्थान पर बच्चों को ले जाइए , और उसे समझने दीजिए कि आप अपने परिवार के लिए कितनी कड़ी मेहनत करते हैं।
8. त्यौहार मनाना और बाजार जाना बिलकुल न भूलें।
9. अपने बच्चो में सब्जियों का बगीचा लगाने की प्रेरणा डालें साथ ही पेड़ - पौधों की जानकारियाँ बच्चों के लिए अति आवश्यक है।
10. आप अपने बचपन का एवं अपने परिवार का इतिहास अवश्य बताएँ ।
11. बच्चों को बाहर मैदानी खेल खेलने की अनुमति दें। चोट खानें दें , धूल में रंगने दें । सब ठीक है । उन्हें गिरने दें, और चोट का अनुभव करने दें , नर्म – नर्म सोफे में आरामदायक जीवन जीने से बच्चे आलसी बनते हैं।
12. उनको भी जीव (पक्षी,मछली......आदि ) पालने दीजिये।
13. उन्हें आंचलिक / लोक गीत सिखाइये ।
14. अपने बच्चों को T.V., मोबाइल, कम्प्यूटर, और अन्य उपकरणों से दूर रखिए , इन सबके लिए जीवन में बाद में भी समय है ।
15. बच्चों के लिए कहानी की किताबें लायें जिसमें रंगबिरंगे चित्र हों ।
16. बच्चों को चाकलेट, चिप्स, बिस्किट्स, कोल्ड ड्रिंक्स एवं तले भोजन से बचाएँ।
17. अपने बच्चें की आँखों में देखकर ईश्वर का धन्यवाद करें इस प्यारे उपहार के लिये कुछ ही वर्षों में वे नयी ऊचाईयों को छूएँगे।
18. बच्चों के साथ प्राकृतिक स्थल, पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल या ऐतिहासिक स्थल पर भ्रमण पर अवश्य जाएँ। एक पालक होने के नाते अपने बच्चों के साथ समय बिताना आवश्यक है।
19.बच्चों को व्यायाम, मैदानी खेल,एवं रूचि के अनुसार कोई नई गतिविधि का पाट्यक्रम (तैराकी,सुलेख,संगीत) आदि में सहभागिता कराएँ
शुभकामनाओं के साथ
Bahut hi badhiya
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