केंद्रीय संस्कृत विवि भोपाल के पूर्व छात्र डॉ. मुदित पाण्डेय ने बनाई अनोखी लैब
नवाचार... अब संस्कृत की भी लैब तैयार, उपकरणों से खेल-खेल में सिखा रहे भाषा
विज्ञान के अलग-अलग विषयों की लैब तो सभी जानते हैं, लेकिन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व छात्र डॉ. मुदित पाण्डेय ने संस्कृत भाषा की लैब बनाई है। उनका दावा है कि संभवतः देश-विदेश की यह पहली संस्कृत लैब है। इसके पीछे उनका उद्देश्य संस्कृत भाषा की पढ़ाई और उसे सीखने की प्रक्रिया को न सिर्फ सरल बनाना है बल्कि बच्चों में इसकी रुचि भी बढ़ाना है।
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि संस्कृत लैब में संस्कृत के धातु रूपों के लिए कई तरह के गेम्स तैयार किए हैं, जिनके माध्यम से वे बच्चों को संस्कृत और उसकी व्याकरण को सहजता से समझा पा रहे हैं। इसी विषय पर उन्होंने अपना शोधकार्य पूर्ण किया है। वर्तमान में वह केंद्रीय विद्यालय एनआईटी अगरतला में संस्कृत शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। यहीं पर उन्होंने यह प्रयोगशाला बनाई है। इसका विस्तार वे देश के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर करेंगे।
विशेषताः कार्ड पढ़कर संस्कृत की क्रियाओं का करते हैं अभिनय
1. डॉ. पाण्डेय के मुताबिक लैब में संस्कृत की क्रियाएं सिखाने के लिए एक उपकरण बनाया है, जिसका नाम है वर्फी। इसमें शब्द व वाक्य के लिए कार्ड रखे जाते हैं। उनमें जो लिखा होता है, छात्र उसे पढ़कर वैसा ही अभिनय करता है, जिससे दूसरे छात्र समझ लेते हैं। मसलन उसमें हंसति लिखा है, तभी वह हंस रहा है। इस तरह के वाक्यों से भाषा को रुचिकर बनाया गया है।
2. संस्कृत की संख्या सिखाने के लिए उपकरण "संस्कृत सांप सीढ़ी" को विकसित किया है। इसमें भी संस्कृत भाषा की गिनती और शब्दों का उपयोग किया गया है।
3. संस्कृत भित्ति घटी। यह घड़ी की तरह है। इसमें संस्कृत में संख्या दर्शाई गई हैं। संस्कृत में छात्र स्वयं समय बता या पढ़ सकें। इसी तरह संधियों के ज्ञान के लिए "वर्णजालम" खिलौने का प्रयोग किया जा रहा है। कठपुतली व कुछ अन्य वस्तुएं भी इसमें शामिल की गई है। डॉ. पाण्डेय संस्कृत का पहला एंड्राइड गेम भी बना चुके हैं।
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