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Thursday 4 November 2021

सफल होने की चार सीढ़ियाँ — साभार संकलन

 








सफल होने की 4 सीढ़ियां



सफलता :– 

 :— किसी भी मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी इच्छा, जो वह हर हाल में प्राप्त करना चाहता है और उसके लिए वह अनेक प्रयत्न करता है । हर मनुष्य चाहता है कि जो भी कार्य शुरू करें उसमें वह शत-प्रतिशत सफल हो । असफलता को इतनी आसानी से स्वीकार नहीं कर पाता । परंतु इंसान अपने हर कार्य में सफल हो, यह जरूरी नहीं है और यह शायद संभव भी नहीं है । परंतु फिर भी वह इसके लिए अनेक प्रयत्न करता है । सफलता के लिए कई चीजें मायने रखती है, कई बातें महत्वपूर्ण होती है । इसके लिए आपका सामाजिक – आर्थिक परिवेश ,आपके मित्र, आपके पड़ोसी ,आपका पर्यावरण ,आपके चारों तरफ का आवरण, आपका परिवार — सभी बहुत मायने रखते हैं । अगर सबकुछ आपके अनुकूल है तब तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता, परंतु अगर परिस्थितियां इसके प्रतिकूल है तब थोड़ी सी परेशानी आती है । लेकिन उन  प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़कर सफल होना ही असली सफलता है । इसके अलावा जो अन्य बातें आवश्यक है सफल होने के लिए उनमें से जो प्रमुख चार बातें हैं ,जो प्रमुख चार आयाम , चार सीढ़ियां या चार सूत्र आप बोल सकते हैं वे हैं —


1* दृढ़ इच्छाशक्ति यानी स्ट्रांग डिटरमिनेशन पावर:—


 हिंदी में एक कहावत है–

 "मन ही मन की मानता, मन की मन से प्रीत ।

मन ही मन का शत्रु ,मन ही मन का मीत ।

मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत !" आप समझ गए होंगे ।हमारे बड़े– बड़े दार्शनिक ,बड़े –बड़े विचारक भी यह बात कह गए हैं कि अगर आपने यह सोच लिया है कि आप हार जाएंगे तो आप हंड्रेड परसेंट यकीन मानिए कि आप हार जाएंगे ! लेकिन अगर किसी कार्य के बारे में आपने यह ठान लिया, आपने यह मान लिया कि आप इस कार्य में सफल होंगे तो 200% सच मानिए कि आप इस कार्य में सफल होंगे ! सफलता की जो पहली सीढ़ी है, जिस पर कदम रख कर आप आगे की ओर बढ़ेंगे ,वह है आपकी दृढ़ इच्छा शक्ति याने स्ट्रांग डिटरमिनेशन पावर । यह दृढ़ इच्छाशक्ति ही थी कि अकेले बनवासी राम ने वानरों की सहायता से सौ योजन समुद्र को बांध दिया । ना सिर्फ बांध दिया बल्कि उसे पार करके लंकापति रावण जैसे विश्व विजयी राक्षस की सेना और उसके भाइयों को हराया । यह इच्छाशक्ति का ही परिणाम था कि अकेले गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म चलाया । यह इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि अकेली छोटी चीटियां मिलकर एक बड़े से बड़े हाथी को भी अपने वश में कर लेती हैं । यकीन मानिए अगर आपके अंदर इच्छाशक्ति है, अगर आपने यह ठान लिया है कि मुझे हर हाल में इस कार्य में सफल होना है तो फिर आप को इस से कोई नहीं रोक सकता । बहुत से कार्य हम जोश में आकर शुरू तो कर लेते हैं परंतु उस कार्य में आगे आने वाली परिस्थितियों से ,उस कार्य में मिलने वाली कठिनाइयों से विचलित हो जाते हैं और फिर उस कार्य को हम छोड़ देते हैं । आप एक सिंपल सा उदाहरण देख सकते हैं । अभी बच्चों की परीक्षाएं चल रही है । हर बच्चा अपनी पढ़ाई का एक टाइम टेबल बनाता है ,यह आपने भी अपने जीवन में किया होगा ,इसका अनुभव आपको भी होगा जब हम पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाते हैं अपने दैनिक जीवन का ,तब हम उसमें पढ़ाई का पूरा ब्यौरा लिखते हैं और निश्चय करते हैं कि हम इसका पालन करेंगे , परंतु अगले दिन से ही हमारा सारा डेली रूटीन धरा का धरा रह जाता है और हम बोलते हैं अरे आज नहीं कल शुरू कर लेंगे परंतु कल कभी नहीं आता ।इसलिए जरूरी है कि आप काम शुरू करें, उसके प्रति दृढ़ बने रहे तभी आप उसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं ।


2 * स्व मूल्यांकन या आत्मनिरीक्षण :

  :— यह तो आपको भी पता है कि आप से ज्यादा आपके बारे में कोई नहीं जानता ! आप क्या कर सकते हैं ,क्या नहीं कर सकते ,इसे आप से बेहतर कोई नहीं जान सकता । इसलिए जरूरी है कि आप अपना स्वयं मूल्यांकन खुद करें । आपकी किस विषय में रुचि है ,कौन सा विषय आपका पसंदीदा है ,वह कौन सा ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप लगन के साथ-साथ अपनी पसंद और अपनी रूचि के अनुसार कार्य कर सकते हैं ,तभी अब उस कार्य को बेहतर नहीं बेहतरीन ढंग से कर पाएंगे ।आपको अपने अंदर की शक्तियों को स्वयं जानना होगा  । इसीलिए मैंने स्व मूल्यांकन शब्द का प्रयोग किया है । ईश्वर ने संसार के किसी भी प्राणी को यूं ही नहीं बनाया ,बेकार में नहीं बनाया । हर किसी के अंदर कोई ना कोई विशेषता, कोई न कोई विशेष गुण देकर भेजा है । बस आवश्यकता है उन विशेष गुणों को जानने की, उसे समझने की । परंतु हम क्या करते हैं ?? हम इंतजार करते रहते हैं कि कोई आए और हमें प्रेरित करे हमें । क्या आपको लगता है कि आज  की दुनिया में जहां लोगों के पास अपने लिए समय नहीं है , वहां आपको कोई जगाने आएगा । दूसरी बात ,आज की दुनिया में जहां लोग अपने दुख से दुखी नहीं बल्कि दूसरों के सुख से दुखी हैं ,जहां लोग आपकी सफलता से ही चिढ़ते हैं ,जहां लोगों को इसलिए तकलीफ हो रही है कि उसके पेट में दर्द क्यों  नहीं हो रहा है, मेरे पेट में क्यों हो रहा है!!! क्या आपको लगता है कि लोग आपको जगाने !! इसलिए आपके अंदर जो टैलेंट है उसे आपको खुद को बाहर निकालना पड़ेगा ,आपको खुद को जानना पड़ेगा ,आपको खुद तय करना पड़ेगा । आप कीजिए ना कोशिश । हर क्षेत्र में अपना हाथ आजमाइए,पता तो चले कि बंदे का हाथ किस कार्य में तेज चलता है ,बंदे की रूचि किसमें है । 'Do not wait for someone to pinch you, to provoke you, to let you know that what special features you have'.



3 * कड़ी और अनवरत मेहनत :– 

:—यह तो आपको मानना पड़ेगा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं और सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं  । 'There is no shortcut to success 'यहां कोई आपको विद्या गेस या नोट्स नहीं मिलेंगे कि बेटा इसको पढ़ ले तो परीक्षा में पास हो जाएगा ! इसके लिए तो आपको खुद के हाथ पैर चलाने ही होंगे, और तब तक चलाने होंगे जब तक जीत नहीं जाते l आपको भूख प्यास छोड़ना होगा, आपको आपकी 12 घंटे की नींद छोड़नी होगी ,आप को दिन दूनी ,रात चौगुनी मेहनत करनी पड़ेगी l हाथ पर हाथ धरे रह कर के तो आप सफलता के मायने भूल जाइए l हमारे पूर्वज कह गए हैं

" उद्यमेन हि सिध्यंति कार्याणि ना मनोरथै:!

 ना ही सुप्तस्य सिंहस्य प्रविष्यंति मुखे मृगा: !!" बिना मेहनत किए तो सफलता प्राप्त करना बारिश की बूंदों को पकड़कर आसमान चढ़ने के बराबर है! बिना हाथ हिलाए तो पंखे की हवा भी हम नहीं ले  सकते । बिना हाथ हिलाए थाली में रखा हुआ भोजन भी हमारे मुंह में नहीं जा सकता । यहां तक कि हमें सांस लेने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है । हम एक साथ छोड़ेंगे तभी दूसरी सांस लेंगे तो मेहनत तो आपको करनी पड़ेगी । इसके अलावा आपके पास और कोई उपाय नहीं है । अब कोई भी तिकड़म लगा लीजिए, कोई भी शॉर्टकट तरीका अपना लीजिए ,यह संभव नहीं है । अगर आप स्थाई सफलता, स्थाई ख्याति चाहते हैं ,तो भाई !!आपको तो हाथ पैर चलाना पड़ेगा , दैनिक जीवन की मेहनत के अलावा आपको एक्स्ट्रा एफर्ट लगाने होंगे फिर चाहे आप कहीं से भी कोशिश करें ।


4 * -एकाग्रता या एकनिष्ठता :—

:— यह तो आपको मानना पड़ेगा कि बिना एकाग्र हुए, बिना एक निष्ठ हुए, दो चीजें प्राप्त नहीं हो सकती– पहला प्रेम और दूसरी सफलता । दोनों के लिए ही किसी एक पर (जिसे हमने चाह लिया उस पर) केंद्रित होना बहुत जरूरी है इसलिए आवश्यक है कि बाकी सारी चीजों को भूल कर ,बाकी सारी बातों को दरकिनार कर आपको उस एक व्यक्ति और आपको एक बिंदु पर अपना पूरा का पूरा ध्यान केंद्रित करना पड़ेगा । इसके लिए आपको अपने दोस्तों से दूर होना पड़ेगा, आपको सोशल मीडिया से दूरी बनानी पड़ेगी, आपको पार्टीज में जाना कम करना पड़ेगा, आपके अपने दोस्तों के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाना बंद करना पड़ेगा, घूमने फिरने में जो आप अपना समय बर्बाद करते हैं ,उसे रोकना होगा ।अगर आप दोनों हाथों में लड्डू रखना चाहेंगे तो यह संभव नहीं है । आपको अर्जुन की तरह सिर्फ और सिर्फ मछली की आंख पर ही ध्यान केंद्रित करना होगा । अगर आप मछली की आंख भी देखेंगे, पत्ते भी देखेंगे, फल पर भी आपका ध्यान होगा, पेड़ों की डालियां भी आपको आकर्षित करेंगे और भीम भैया के हाथों में रखा हुआ लड्डू भी आपके मुंह में पानी भर रहा होगा ,तब आप मछली की आंख भूल जाइए । द्रोणाचार्य का यह प्रयोग आज भी उतना ही प्रासंगिक है ,जितना उस समय था ।अगर आप यह भी चाहेंगे कि दिन भर आप फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम पर एक्टिव रहो दिन भर व्हाट्सएप चलाओ और अपने लक्ष्य में भी शत-प्रतिशत सफलता हासिल करूं ,मैं दोस्तों के साथ पार्टीज में भी जाऊं, मैं अपने प्रिय ग्रुप में बैठकर कहकहे लगाऊं और इधर भी सफल हो जाऊं तो आप गलतफहमी में हैं । यह संभव नहीं है ।इसलिए जिस काम को लिया है ,उसके प्रति आपको निष्ठावान होना पड़ेगा । उसको समय देना पड़ेगा । बिना समय दिए आप किसी भी चीज को पूरी तरह से पा नहीं सकते । मुझे पता है थोड़ा अटपटा लग रहा होगा आपको कि मैं आपको यह बातें बोल रही हूं, लेकिन यह जरूरी है ।आपके दिमाग में आ रहा होगा कि ऐसी बातें ऐसी हरकतें अगर मैं करूंगा या करूंगी तो मेरे दोस्त मुझसे दूर हो जाएंगे ,वह मेरा मजाक उड़ाएंगे तो आप यकीन मानिए ,ऐसा होगा । आपके दोस्त आप का मजाक उड़ाएंगे ।आपके ऊपर हंसेंगे ,क्योंकि लीक से हटकर चलने वालों पर दुनिया हमेशा हंसती है । लेकिन आप विश्वास रखें ,जिस समय आपको सम्मान प्राप्त होगा ,जिस समय आप अपनी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किए जा रहे होंगे, आपको भरी सभा में उपाधियां और पुरस्कार दिए जा रहे होंगे उस समय आपके यही दोस्त अपना सीना चौड़ा करके बोलेंगे यह मेरा दोस्त है । इसलिए सारी बातें छोड़िए और आज से और अभी से अपनी मंजिल की ओर लग जाइए। सफलता आपका इंतजार कर रही है विजय माला लेकर । तो जाइए और उस माला को अपने गले में धारण कीजिए ।


— श्रीमती पूनम कुमारी ,

(लेखिका अनुभवी अध्यापिका , जानी-मानी कवयित्री-लेखिका और मोटिवेशनल स्पीकर हैं ।)

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