परियोजना शिक्षा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। इसे तैयार करने में किसी खेल की तरह का ही आनंद मिलता है। इस तरह परियोजना तैयार करने का अर्थ है-खेल-खेल में बहुत कुछ सीख जाना। उदाहरण के लिए, ऊपर कही गई। दशहरों की परियोजना को ही लें। यदि आपको कहा जाए कि इस पर निबंध लिखिए, तो आपको शायद उतना आनंद नहीं आएगा, लेकिन यदि आपसे कहा जाए कि अखबारों में छपे अलग-अलग शहरों के दशहरे के चित्र काट कर अपनी कॉपी में चिपकाइए और लिखिए कि कौन-सा चित्र, किस शहर के दशहरे का है, तो शायद आपको बहुत आनंद आएगा। तो इस तरह से चित्र इकट्ठे करके चिपकाना भी एक शैक्षिक परियोजना है। यह एक प्रकार की फोटो-फीचर परियोजना कहलाएगी। इस तरह से न केवल आपने चित्र काटे और चिपकाए, बल्कि कई शहरों में मनाए जाने वाले दशहरे के तरीके को भी जाना। परियोजना पाठ्य-पुस्तक से प्राप्त जानकारियों के अलावा भी आपको देश-दुनिया की बहुत सारी जानकारियाँ प्रदान करती है। यह आपको तथ्यों को जुटाने तथा उन पर विचार करने का अवसर प्रदान करती है। इससे आप में नए-नए तथ्यों के कौशल का विकास होता है। इससे आप में एकाग्रता का विकास होता है। लेखन संबंधी नयी-नयी शैलियों का विकास होता है।
आप में चिंतन करने तथा किसी पूर्व घटना से वर्तमान घटना को जोड़कर देखने की शक्ति का विकास होता है। परियोजना कई प्रकार से तैयार की जा सकती है। हर व्यक्ति इसे अलग ढंग से, अपने तरीके से तैयार कर सकता है। ठीक उसी प्रकार जैसे हर व्यक्ति का बातचीत करने का, रहने का, खाने-पीने का अपना अलग तरीका होता है। ऐसा निबंध, कहानी, कविता लिखते या चित्र बनाते समय भी होता है। लेकिन ऊपर कही गई बातों के आधार पर यहाँ हम परियोजना को मोटे तौर पर दो भागों में बाँट सकते हैं-एक तो वे परियोजनाएँ जो समस्याओं के निदान के लिए तैयार की जाती हैं और दूसरी वे जो किसी विषय की समुचित जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की जाती हैं। समस्याओं के निदान के लिए तैयार की जाने वाली परियोजनाओं में संबंधित समस्या से जुड़े सभी तथ्यों पर प्रकाश डाला जाता है और उस समस्या के समाधान के लिए सुझाव भी दिए जाते हैं। इस तरह की परियोजनाएँ प्राय: सरकारी अथवा संगठनों द्वारा किसी समस्या पर कार्य योजना तैयार करते समय बनाई जाती हैं। इससे उस समस्या के विभिन्न पहलुओं पर कार्य करने में आसानी हो जाती है। किंतु दूसरे प्रकार की परियोजना को आप आसानी से तैयार कर सकते हैं। इसे शैक्षिक परियोजना भी कहा जाता है। इस तरह की परियोजनाएँ तैयार करते समय आप संबंधित विषय पर तथ्यों को जुटाते हुए बहुत सारी नयी-नयी बातों से अपने-आप परिचित भी होते हैं।
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