साभार प्राप्त 👏👏
प्रशस्ति पत्र
श्री मानस रंजन दर्जी, प्राथमिक शिक्षक , संभवतः एक विविध शिक्षक हैं जो अपने पेशे के लिए प्रतिबद्ध हैं। विद्यालय में एक जीवंत माहौल बनाने का उनका हर संभव प्रयास उनके आयोजन कौशल में परिलक्षित होता है।
वह छात्रों में जीवन कौशल के मूल्यों को प्रस्तुत करते हैं और उन्हें विभिन्न सामुदायिक विकास गतिविधियों, विद्यालय परिसर के सौंदर्यीकरण और जागरूकता कार्यक्रमों की संख्या में शामिल करता है। वह बच्चों, माता-पिता द्वारा उनकी धार्मिकता, समर्पण और गतिशीलता के लिए सराहना की जाती है।
वह अपने पाठ को सक्रिय, जीवंत, हर्षित और दिलचस्प बनाने के लिए नाटकीयता और अभिनव तरीके से तरीका अपनाता है। उन्होंने विभिन्न पाठों पर अपने छात्रों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका के कई वीडियो तैयार किए हैं।
एक कब मास्टर के रूप में, वह सक्रिय रूप से सामाजिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। हर साल कई छात्रों को उनके कुशल मार्गदर्शन में पुरस्कार दिया जाता है। उन्हें पैनल निरीक्षण टीम के सदस्यों द्वारा लगातार सराहना मिली है, जो उनके करियर की पहचान है।
श्री मानस रंजन दर्जी निश्चित रूप से प्रशंसा के पात्र हैं। मैं उनके जीवन में सभी सफलता की कामना करता हूं।
(डी के त्रिपाठी)
प्राचार्य
के.वि . न .2 कटक
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प्रशस्ति-पत्र
श्रीमती सीमा सिंह (पी.जी.टी भूगोल) केन्द्रीय विद्यालय संगठन को 32 वर्षों तक अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज दिनांक 30/09/2020 को सेवानिवृत्त हो रही हैं ।
श्रीमती सीमा सिंह ने 1988 में केन्द्रीय विद्यालय एयर फोर्स स्टेशन भुज में टी.जी.टी (सामाजिक विज्ञान) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था । जहाँ चार वर्षों तक इन्होंने अपने अर्जित ज्ञान और अनुभव के आलोक से छात्रों को लाभान्वित करते हुए, छात्रों की जिज्ञासा की पूर्ति के लिए सदैव तत्पर रहते हुए अध्यापन कार्य किया । उसके बाद इनका स्थानान्तरण दिल्ली में हुआ । सितम्बर 1992 से अक्टूबर 1995 तक केन्द्रीय विद्यालय सादिक नगर में अपने ज्ञान-गंगा के प्रवाह से छात्रों को आप्लावित करते हुए कर्त्तव्यनिष्ठ होकर अविचल भाव से अपनी सेवा प्रदान की । अक्टूबर 1995 में पुनः इनका स्थानान्तरण केन्द्रीय विद्यालय सेक्टर 8. आर.के.पुरम में हुआ ,जहाँ इन्होंने तीन वर्षों तक अपने अथक प्रयासों से छात्रों को लाभान्वित करते हुए विद्यालय की अनेक गतिविधियों में भाग लिया और अपनी कार्यकुशलता से अन्य सहयोगियों को भी प्रेरित करते हुए अपनी सेवा प्रदान की ।
अगस्त 2008 में इनकी पदोन्नति पी.जी.टी. (भूगोल) पद पर हुई । परिणामस्वरूप इनका स्थानान्तरण केन्द्रीय विद्यालय सेक्टर 8 रोहिणी में हुआ । जहाँ अपने अथक प्रयासों से इन्होंने छात्रों को कर्त्तव्यनिष्ठ होकर अपने पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान की । उसके बाद इनका स्थानान्तरण केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2 दिल्ली छावनी में हुआ । यहाँ इन्होंने अपने सेवाकाल की सबसे लम्बी अवधि अर्थात् 13 वर्षों तक छात्रों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ अनुशासनात्मक ज्ञान की शिक्षा प्रदान करते हुए विद्यालय के विभिन्न प्रशासनिक कार्यों में भी अपना महत्त्वपूर्ण सहयोग दिया ।
इनके परिवार में पाँच बहन एवं एक भाई हैं । इनका विवाह फरवरी 1982 में दिल्ली निवासी श्री उदयवीर सिंह के साथ हुआ जो भारतीय वायुसेना में कार्यरत थे । सम्प्रति सेवानिवृत्त हो चुके हैं । इनका एक पुत्र है जो वर्त्तमान में अध्ययनरत है । ऐसा प्रतीत होता है कि अनुशासन का पालन इन्हें पारिवारिक धरोहर के रूप में प्राप्त हुआ था जिसका इन्होंने विद्यालय में समुचित क्रियान्वयन किया ।
विद्यालय परिवार इनके सुखद एवं मंगलमय भविष्य की कामना करता है साथ ही आशा करता है कि ये सामाजिक दायित्वों का भी समुचित निर्वहन करेंगी ।
शुभेच्छु
विद्यालय परिवार
केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2 दिल्ली छावनी ( द्वितीय पाली )
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