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Friday, 30 July 2021

राजभाषा के सभी 12 नियम (1976)





 राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग)


नियम, 1976


(यथा संशोधित, 1987, 2007 तथा 2011)


सा.का.नि. 1052 --राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थातः-


1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ--


(क) इन नियमों का संक्षिप्त नाम राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 है।


(ख) इनका विस्तार, तमिलनाडु राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है।


(ग) ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे।


2. परिभाषाएं-- इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न होः-


(क) 'अधिनियम' से राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) अभिप्रेत है;

(ख) 'केन्द्रीय सरकार के कार्यालय' के अन्तर्गत निम्नलिखित भी है, अर्थातः-


(क) केन्द्रीय सरकार का कोई मंत्रालय, विभाग या कार्यालय;


(ख) केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किसी आयोग, समिति या अधिकरण का कोई कार्यालय; और


(ग) केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में या नियंत्रण के अधीन किसी निगम या कम्पनी का कोई कार्यालय;


(ग) 'कर्मचारी' से केन्द्रीय सरकार के कार्यालय में नियोजित कोई व्यक्ति अभिप्रेत है;


(घ) 'अधिसूचित कार्यालय' से नियम 10 के

उपनियम (4) के अधीन अधिसूचित कार्यालय, अभिप्रेत है;


(ड़) 'हिन्दी में प्रवीणता' से नियम 9 में वर्णित प्रवीणता अभिप्रेत है ;


(च) 'क्षेत्र क' से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड़, उत्तराखंड राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;


(छ) 'क्षेत्र ख' से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;


(ज) 'क्षेत्र ग' से खंड (च) और (छ) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;


(झ) 'हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान' से नियम 10 में वर्णित कार्यसाधक ज्ञान अभिप्रेत है ।


3. राज्यों आदि और केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से भिन्न कार्यालयों के साथ पत्रादि-


(1) केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'क' में किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) या व्यक्ति को पत्रादि असाधारण दशाओं को छोड़कर हिन्दी में होंगे और यदि उनमें से किसी को कोई पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा।


(2) केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से--


(क) क्षेत्र 'ख' में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) को पत्रादि सामान्यतया हिन्दी में होंगे और यदि इनमें से किसी को कोई पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगाः परन्तु यदि कोई ऐसा राज्य या संघ राज्य क्षेत्र यह चाहता है कि किसी विशिष्ट वर्ग या प्रवर्ग के पत्रादि या उसके किसी कार्यालय के लिए आशयित पत्रादि संबद्ध राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट अवधि तक अंग्रेजी या हिन्दी में भेजे जाएं और उसके साथ दूसरी भाषा में उसका अनुवाद भी भेजा जाए तो ऐसे पत्रादि उसी रीति से भेजे जाएंगे ;


(ख) क्षेत्र 'ख' के किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी व्यक्ति को पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में भेजे जा सकते हैं।


(3) केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'ग' में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो)या व्यक्ति को पत्रादि अंग्रेजी में होंगे।


(4) उप नियम (1) और (2) में किसी बात के होते हुए भी, क्षेत्र 'ग' में केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र 'क'या'ख'में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) या व्यक्ति को पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं । परन्तु हिन्दी में पत्रादि ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करे।


4. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि-


(क) केन्द्रीय सरकार के किसी एक मंत्रालय या विभाग और किसी दूसरे मंत्रालय या विभाग के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;


(ख) केन्द्रीय सरकार के एक मंत्रालय या विभाग और क्षेत्र 'क' में स्थित संलग्न या अधीनस्थ कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी में होंगे और ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार, ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या, हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे संबंधित आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए, समय-समय पर अवधारित करे;


(ग) क्षेत्र 'क' में स्थित केन्द्रीय सरकार के ऐसे कार्यालयों के बीच, जो खण्ड (क) या खण्ड (ख) में विनिर्दिष्ट कार्यालयों से भिन्न हैं, पत्रादि हिन्दी में होंगे;


(घ) क्षेत्र 'क' में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों और क्षेत्र 'ख' या 'ग'में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;


परन्तु ये पत्रादि हिन्दी में ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करे ;


(ङ) क्षेत्र 'ख' या 'ग' में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि हिन्दी या अंग्रेजी में हो सकते हैं;


परन्तु ये पत्रादि हिन्दी में ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या,हिन्दी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करे ;


परन्तु जहां ऐसे पत्रादि--


(i) क्षेत्र 'क' या क्षेत्र 'ख' किसी कार्यालय को संबोधित हैं वहां यदि आवश्यक हो तो, उनका दूसरी भाषा में अनुवाद, पत्रादि प्राप्त करने के स्थान पर किया जाएगा;


(ii) क्षेत्र 'ग' में किसी कार्यालय को संबोधित है वहां, उनका दूसरी भाषा में अनुवाद, उनके साथ भेजा जाएगा;


परन्तु यह और कि यदि कोई पत्रादि किसी अधिसूचित कार्यालय को संबोधित है तो दूसरी भाषा में ऐसा अनुवाद उपलब्ध कराने की अपेक्षा नहीं की जाएगी ।


5. हिन्दी में प्राप्त पत्रादि के उत्तर--


नियम 3 और नियम 4 में किसी बात के होते हुए भी, हिन्दी में पत्रादि के उत्तर केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से हिन्दी में दिए जाएंगे ।


6. हिन्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग-


अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (3) में निर्दिष्ट सभी दस्तावेजों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग किया जाएगा और ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्तियों का यह उत्तरदायित्व होगा कि वे यह सुनिश्चित कर लें कि ऐसी दस्तावेजें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही में तैयार की जाती हैं, निष्पादित की जाती हैं और जारी की जाती हैं।


7. आवेदन, अभ्यावेदन आदि-


(1) कोई कर्मचारी आवेदन, अपील या अभ्यावेदन हिन्दी या अंग्रेजी में कर सकता है।


(2) जब उपनियम (1) में विनिर्दिष्ट कोई आवेदन, अपील या अभ्यावेदन हिन्दी में किया गया हो या उस पर हिन्दी में हस्ताक्षर किए गए हों, तब उसका उत्तर हिन्दी में दिया जाएगा।


(3) यदि कोई कर्मचारी यह चाहता है कि सेवा संबंधी विषयों (जिनके अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाहियां भी हैं) से संबंधित कोई आदेश या सूचना,जिसका कर्मचारी पर तामील किया

जाना अपेक्षित है, यथास्थिति, हिन्दी या अंग्रेजी में होनी चाहिए तो वह उसे असम्यक विलम्ब के बिना उसी भाषा में दी जाएगी।


8. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों में टिप्पणों का लिखा जाना -


(1) कोई कर्मचारी किसी फाइल पर टिप्पण या कार्यवृत्त हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकता है और उससे यह अपेक्षा नहीं की जाएगी कि वह उसका अनुवाद दूसरी भाषा में प्रस्तुत करे।


(2) केन्द्रीय सरकार का कोई भी कर्मचारी, जो हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखता है, हिन्दी में किसी दस्तावेज के अंग्रेजी अनुवाद की मांग तभी कर सकता है, जब वह दस्तावेज विधिक या तकनीकी प्रकृति का है, अन्यथा नहीं।


(3) यदि यह प्रश्न उठता है कि कोई विशिष्ट दस्तावेज विधिक या तकनीकी प्रकृति का है या नहीं तो विभाग या कार्यालय का प्रधान उसका विनिश्चय करेगा।


(4) उपनियम (1) में किसी बात के होते हुए भी, केन्द्रीय सरकार, आदेश द्वारा ऐसे अधिसूचित कार्यालयों को विनिर्दिष्ट कर सकती है जहां ऐसे कर्मचारियों द्वारा,जिन्हें हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त है, टिप्पण, प्रारूपण और ऐसे अन्य शासकीय प्रयोजनों के लिए, जो आदेश में विनिर्दिष्ट किए जाएं, केवल हिन्दी का प्रयोग किया जाएगा ।


9. हिन्दी में प्रवीणता-


यदि किसी कर्मचारी ने-


(क) मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतुल्य या उससे उच्चतर कोई परीक्षा हिन्दी के माध्यम से उत्तीर्ण कर ली है;या


(ख) स्नातक परीक्षा में अथवा स्नातक परीक्षा की समतुल्य या उससे उच्चतर किसी अन्य परीक्षा में हिन्दी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लिया हो; या


(ग) यदि वह इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप में यह घोषणा करता है कि उसे हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त है;


तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त कर ली है ।


10. हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान-


(1) (क) यदि किसी कर्मचारी ने-


(i) मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतुल्य या उससे उच्चतर परीक्षा हिन्दी

विषय के साथ उत्तीर्ण कर ली है; या


(ii) केन्द्रीय सरकार की हिन्दी परीकाा योजना के अन्तर्गत आयोजित प्राज्ञ

परीक्षा या यदि उस सरकार द्वारा किसी विशिष्ट प्रवर्ग के पदों के सम्बन्ध में उस योजना के अन्तर्गत कोई निम्नतर परीक्षा विनिर्दिष्ट है, वह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है;या


(iii) केन्द्रीय सरकार द्वारा उस निमित्त विनिर्दिष्ट कोई अन्य परीक्षा उत्तीर्ण

कर ली है; या


(ख) यदि वह इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप में यह घोषणा करता है कि उसने ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया है;


तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है।


(2) यदि केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों में से अस्सी प्रतिशत ने हिन्दी का ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया है तो उस कार्यालय के कर्मचारियों के बारे में सामान्यतया यह समझा जाएगा कि उन्होंने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है।


(3) केन्द्रीय सरकार या केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट कोई अधिकारी यह अवधारित कर सकता है कि केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय के कर्मचारियों ने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है या नहीं।


(4) केन्द्रीय सरकार के जिन कार्यालयों में कर्मचारियों ने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है उन कार्यालयों के नाम राजपत्र में अधिसूचित किए जाएंगे;


परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार की राय है कि किसी अधिसूचित कार्यालय में काम करने वाले और हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले कर्मचारियों का प्रतिशत किसी तारीख में से

उपनियम (2) में विनिर्दिष्ट प्रतिशत से कम हो गया है, तो वह राजपत्र में अधिसूचना द्वारा घोषित कर सकती है कि उक्त कार्यालय उस तारीख से अधिसूचित कार्यालय नहीं रह जाएगा ।


11. मैनुअल, संहिताएं, प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य, लेखन सामग्री आदि-


(1) केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से संबंधित सभी मैनुअल, संहिताएं और प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य, हिन्दी और अंग्रेजी में द्विभाषिक रूप में यथास्थिति, मुद्रित या साइक्लोस्टाइल किया जाएगा और प्रकाशित किया जाएगा।


(2) केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग किए जाने वाले रजिस्टरों के प्ररूप और शीर्षक हिन्दी और अंग्रेजी में होंगे।


(3) केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग के लिए सभी नामपट्ट, सूचना पट्ट, पत्रशीर्ष और लिफाफों पर उत्कीर्ण लेख तथा लेखन सामग्री की अन्य मदें हिन्दी और अंग्रेजी में लिखी जाएंगी, मुद्रित या उत्कीर्ण होंगी;


परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार ऐसा करना आवश्यक समझती है तो वह, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय को इस नियम के सभी या किन्हीं उपबन्धों से छूट दे सकती है।


12. अनुपालन का उत्तरदायित्व-


(1) केन्द्रीय सरकार के प्रत्येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह--


(i) यह सुनिश्चित करे कि अधिनियम और इन नियमों के उपबंधों और उपनियम (2) के अधीन जारी किए गए निदेशों का समुचित रूप से अनुपालन हो रहा है;और


(ii) इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त और प्रभावकारी जांच के लिए उपाय करे ।


(2) केन्द्रीय सरकार अधिनियम और इन नियमों के उपबन्धों के सम्यक अनुपालन के लिए अपने कर्मचारियों और कार्यालयों को समय-समय पर आवश्यक निदेश जारी कर सकती है ।

Wednesday, 28 July 2021

तरुणोत्सव /ब्रिज कोर्स की लगभग सम्पूर्ण जानकारी ( tarunotsav/bridge course)(report)(photos)

 






*केंद्रीय विद्यालय क्रमांक - 4, भुवनेश्वर  में कक्षा ग्यारहवीं में आने वाले विद्यार्थियों हेतु तरुणोत्सव / ब्रिज कोर्स का आयोजन*



     केंद्रीय विद्यालय क्रमांक - 4, भुवनेश्वर  में प्राचार्य श्रीमती अनीता दाश के नेतृत्व में कक्षा ग्यारहवीं में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए ऑनलाइन मोड में तरुणोत्सव/ ब्रिज कोर्स का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा रहा है । 


    इस कोर्स में विद्यार्थियों को विभिन्न कौशलों और संकायों की जानकारी दी जा रही है , जिससे वो बिना किसी दुविधा के अपना आगे का अध्ययन जारी रख सकें । 


     दसवीं के बाद विद्यार्थियों के मन में अनेक शंकाएँ होती हैं । जैसे :- कौन-से विषय लें ? आगे क्या करें ? सबसे सही रास्ता क्या है ? कैरियर विकल्प कैसे चुनें आदि । 



     बच्चों की इन्हीं शंकाओं का समाधान ब्रिज कोर्स/तरुणोत्सव के द्वारा विभिन्न विषय विशेषज्ञों , कैरियर काउंसलर, संगीत शिक्षक, कला शिक्षक द्वारा किया जा रहा है । इस कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों, कौशल विकास, संगीत व कला का जीवन में महत्त्व , बेहतर कैरियर चयन से संबंधित विस्तृत जानकारी दी जा रही है ।


   तरुणोत्सव/ ब्रिज कोर्स का आयोजन 26 जुलाई से  4 अगस्त तक प्रतिदिन निर्धारित समय सारिणी के अनुसार किया जा रहा है ।



 विद्यालय में आयोजित की जा रही गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा :—


:— 1. विद्यार्थियों को कक्षा ग्यारह में लिए जाने वाले विषयों हिंदी , अंग्रेज़ी , जीव विज्ञान , रसायन विज्ञान , भौतिक विज्ञान , कम्प्यूटर विज्ञान , आई. पी. , वाणिज्य , अर्थशास्त्र, बिजनेस स्टडीज, गणित आदि से सम्बन्धित बेसिक ज्ञान से परिचित करवाना । अपने कैरियर निर्माण में इन विषयों की उपयोगिता और स्कोप का ज्ञान करवाना । 

इस हेतु सभी विषयाध्यापकों को उनका स्लॉट निर्धारित कर रखा है । इस प्रकार विद्यार्थियों को ग्यारहवीं कक्षा हेतु बुनियादी शिक्षा दी जा रही है । इस प्रकार विद्यार्थियों के मानविकी, वाणिज्य और विज्ञान संकायों से सम्बंधित लगभग सभी शंकाओं का समाधान किया जा रहा है , ताकि बच्चा आसानी से अपने लिए भविष्य के विषय और लक्ष्य चुन सके । 



2. ‘समकालीन परिप्रेक्ष्य में, बच्चों के जीवन में संगीत की उपयोगिता’   विषय के अंतर्गत संगीत शिक्षक सुश्री ऋचा सक्सेना द्वारा 28/07/2021 को प्रस्तुतीकरण के साथ ही सारगर्भित और रोचक व्याख्यान दिया गया । इसमें उन्होंने संगीत का संक्षिप्त इतिहास , उससे होने वाले लाभों , संगीत के महत्त्व पर प्रकाश डाला । साथ ही उन्होंने संगीत कला के सामान्य ज्ञान से भी विद्यार्थियों का परिचय करवाया । उन्होंने बताया कि संगीत न केवल हमारे लिए आनंद की विषय-वस्तु है, बल्कि संगीत एक उत्तम औषधि का कार्य भी करता है तथा अनेक व्याधियों का उपचार भी संगीत से सम्भव है । संगीत को भी अपनी जीविकोपार्जन का साधन बनाया जा सकता है और विश्वस्तरीय ख्याति पाई जा सकती है । इसके साथ ही बच्चों का परिचय संगीत की मौलिक ध्यान रखने वाली बातों से भी उन्होंने करवाया । 


3. ‘कैरियर प्रोस्पैक्टस’ विषय के अंतर्गत श्री देबीप्रसाद दास , प्रिन्सिपल साइंटिस्ट एंड हैड,  सीएसआईआर, आईएमएमटी, भुवनेश्वर को 28/07/2021 को मुख्य वक़्ता के तौर पर विद्यालय में आमंत्रित किया गया । उन्होंने अपने रोचक उद्बोधन में बच्चों को कैरियर चॉइस , शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य , कैरियर अवसर आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला । अपने लाभदायक व्याख्यान का अंत उन्होंने बच्चों को  कुछ सुझाव देकर किया , जैसे :— अपने कौशल अपडेट करिए , अपने काम से प्यार करिए , शॉर्ट-कट से बचिए , समय का सदुपयोग आदि । उन्होंने मानव जीवनचक्र दिखाते हुए अच्छे कैरियर की उपयोगिता पर बहुत बल दिया । हमें परिवर्तन करने और आगे बढ़ने हेतु हमेशा तत्पर रहना चाहिए । इन सबके अतिरिक्त उन्होंने अपने जीवन के कुछ अनुभव भी विद्यार्थियों से साझा किए तथा सीएसआईआर में भी बच्चों को अवसर खोजने हेतु प्रोत्साहित किया । 


4. ‘तरुणोत्सव अव आर्ट एंड क्राफ़्ट’ विषय के अंतर्गत विद्यालय के कला-शिक्षक डॉ.(श्री) जी. राऊत ने 29/07/2021 को विद्यार्थियों को कला की बारिकियाँ सिखाईं। उन्होंने आधुनिक और उपयोगी तकनीकों के सुंदर उपयोग द्वारा अपने कला-शिक्षण से बच्चों का मन मोह लिया ।




       इन सब गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स के महत्त्व पर प्रकाश डाला जाए तो यह बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास में बहुत ही अहम भूमिका निभाने वाला है । जो बच्चा अभी कक्षा दस से उत्तीर्ण होकर कक्षा ग्यारह में आने वाला है , उसके मन में विविध शंकाएँ होंगी ही और यदि बात की जाए कोरोनाकाल की तो इस समय में तो तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स की महत्ता और भी बढ़ जाती है । 

 


     पहले से ही तनावग्रस्त माहौल में तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स बच्चे के लिए बहुत राहत देने वाला क्रियाकलाप साबित हो रहा है । इस महामारी के दौर में बच्चे को अहसास होता है कि उसका विद्यालय , उसके शिक्षक तथा अन्य भी कई लोग उसकी सहायता हेतु हमेशा तैयार हैं । अतः उनका आत्मविश्वास लगातार बढ़ता चला जाता है । 



      कोर्स के दौरान, और बाद में भी बच्चों की ख़ुशी देखकर अनुमान हो गया कि तरुणोत्सव ने अपने नाम को सार्थक करना शुरू कर दिया है । नयी कक्षा में नयी ऊर्जा के साथ ही अब वो प्रवेश करेंगे । निस्सन्देह बच्चे स्वयं को पहले से अधिक सहज अनुभव कर रहे हैं । 



  विद्यार्थियों का उनकी नयी कक्षा में बहुत-बहुत स्वागत है । 


सधन्यवाद 



घनश्याम 

(तरुणोत्सव / ब्रिज कोर्स  समन्यक) 

स्नातकोत्तर शिक्षक (हिंदी) 

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक - 4, 

भुवनेश्वर 


ऑनलाइन सीसीए ऐक्टिविटी न. 5,6 (online CCA Activitie No 5,6)

 






केंद्रीय विद्यालय क्रमांक -४, भुवनेश्वर 

KENDRIYA VIDYALAYA NUMBER - 4, BHUBANESHWAR 



*पाठ्य-सहगामी क्रियाकलाप* 

*CCA ACTIVITY NO - 5,6*



*English Debate*


Topic :- *Should students get limited access to internet ?*



INCHARGE :- Vishnu sir

Time :—  4-5 मिनट 

Category 1 :— 6th - 8th 

Category 2 :— 9th -12th 

Date :— 23/07/2021 (Friday)

Time :— (2:00 pm से प्रारम्भ )

Platform :- G-Suite 

Link shared by :—  Vishnu sir

Anchoring by students :(guide by Muralidhar sir )


Judges :— 1. Vishnu sir 

2. Barik sir 

3. Murali Sir 


Note 

:— बच्चों, सबसे पहले आपको वीडियो ऑन करके आदरणीया प्राचार्या महोदया से शुरू करके अपने अध्यापकगण , साथियों आदि को सम्बोधन करना है । फिर अपना नाम , कक्षा , विभाग , विद्यालय का नाम बोलेंगे ।


Note :- *If the incharge wants, he can change some rules according to him. Please it would be better to talk to the CCA in-charge about this as well.*




Thank you

CCA I/C




Principal

तरुणोत्सव / ब्रिज कोर्स tarunotsav/ bridge course (teachers Msg) हिंदी में अवसर (scope in hindi)

      






 तरुणोत्सव / ब्रिज कोर्स पर अध्यापक का संदेश

 

 

 

      कक्षा दस के बाद मेरे लिए सबसे सही क्या करना रहेगा ? मेरा दोस्त तो वाणिज्य ले रहा है , मामाजी विज्ञान के लिए कह रहे थे , पिछले साल ही देखी एक फ़िल्म ने मुझे आईएएस बनने की प्रेरणा दी , बुआ जी की बेटी तो अभी कम्प्यूटर अभियंता है और मैं भी वही बनने की सोच रहा था , यदि मैं कुछ नया करूँ तो … और सबसे बढ़कर , ग्यारहवीं में कैसे होती है पढ़ाई ? सब्जेक्ट तो लगभग वही रहते हैं , फिर बदल क्या जाता है ? और इन कक्षाओं को पढ़ाने वाले अध्यापकगण किस तरह से पढ़ाते होंगे ? और भी न जाने कितने ही सवाल ????

 

    इन सभी प्रश्नों के जवाब तलाशते किशोरावस्था की शुरुआत में तरुण और उनका बालमन। 

 

    ऐसे समय में आता है तरुणोत्सव जैसे भगवान राम ने रामसेतु बना लिया हो या  हनुमान जी संजीवनी लेकर लौट आए हों …

 

   दसवीं और ग्यारहवीं के गैप को पार करवाता है पुल …. ब्रिज …. ब्रिज कोर्स । कहीं-न-कहीं ये इन तरुणों का उत्सव ही होता है , इसी से काफ़ी कुछ , सहज ही रोचक तरीक़े से सीख पाते हैं हमारे तरुण और ये हो जाता है तरुणोत्सव ।

 

    निश्चित ही तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स के महत्त्व पर प्रकाश डाला जाए तो यह बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास में बहुत ही अहम भूमिका निभाने वाला है । जो बच्चा अभी कक्षा दस से उत्तीर्ण होकर कक्षा ग्यारह में आने वाला है , उसके मन में विविध शंकाएँ होंगी ही और यदि बात की जाए कोरोनाकाल की तो इस समय में तो तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स की महत्ता और भी बढ़ जाती है । 

 

 

    पहले से ही तनावग्रस्त माहौल में तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स बच्चे के लिए बहुत राहत देने वाला क्रियाकलाप साबित हो रहा है । इस महामारी के दौर में बच्चे को अहसास होता है कि उसका विद्यालय , उसके शिक्षक तथा अन्य भी कई लोग उसकी सहायता हेतु हमेशा तैयार हैं । अतः उनका आत्मविश्वास लगातार बढ़ता चला जाता है । 

 

 

     कोर्स के दौरान, और बाद में भी बच्चों की ख़ुशी देखकर अनुमान हो गया कि तरुणोत्सव ने अपने नाम को सार्थक करना शुरू कर दिया है । नयी कक्षा में नयी ऊर्जा के साथ ही अब वो प्रवेश करेंगे । निस्सन्देह बच्चे स्वयं को पहले से अधिक सहज अनुभव कर रहे हैं । 

 

हिंदी विषय में स्कोप :— संसार भर में 6500 के क़रीब भाषाएँ बोली जाती हैं । हिंदी विश्व में बोली जाने वाली तीन प्रमुख भाषाओं में से एक है । लगभग 55 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं । हिंदी को एक विषय के रूप में पढ़ा जाना आपके किए कई अवसरों के दरवाज़े खोल सकता है । इन्हीं अवसरों में से कुछ निम्नलिखित हैं :— 

1. शिक्षक/प्रोफ़ेसर :— हिंदी में बीएड , नेट-जेआरएफ , एमफ़िल-पीएचडी आदियोग्यताएँ अर्जित करने के बाद विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में अध्यापक , प्राध्यापक, प्राचार्य कुलपति आदि सम्मानित पदों को सुशोभित किया जा सकता है । 

 

2. फ़िल्में और हिंदी :— हिंदी फ़िल्मों का कारोबार बहुत बड़ा है। आज की तारीख़ में सबसे ज़्यादा फ़िल्में , धारावाहिक , लघु-फ़िल्में आदि भारत में ही बनती हैं और इनमें हिंदी का ही बोलबाला है । हॉलीवुड या अन्य कई भाषाओं की डबिंग के लिए भी हिंदी जानकारों की आवश्यकता होती है । हिंदी में कहानी , पटकथा , संवाद , गाने आदि की माँग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है । इनसे नाम और पैसे दोनों कमाए जा सकते हैं और जीवन समृद्धि से परिपूर्ण हो सकता है । 

 

3. मीडिया :— हिंदी पत्र-पत्रिकाओं, रेडियो, इंटर्नेट , टेलीविजन आदि में अनेक हिंदी पेशेवरों की माँग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है । इसके लिए बहुत से कोर्स अनेक विश्वविद्यालयों ने चला रखे हैं । उन कोर्स को करके मीडिया में एक अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है । हम एक अच्छे पत्रकार , अनुवादक आदि बन सकते हैं ।

 

4. राजभाषा हिंदी अधिकारी :— सरकार के सभी विभागों में राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है । रेलवे , आयकर विभाग , आईआईटी,सीएसआईआर, बैंक,  पुलिस आदि सभी विभागों में एक हिंदी अधिकारी का पद सृजित है । अतः हिंदी में उच्च शिक्षा प्राप्त करके यह पद पाया जा सकता है। 

 

5. अनुवादक :— इनकी आवश्यकता हर कहीं महसूस होती है । इस समय संसार में हिंदी बोलने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है , अतः अनुवादकों का कार्य भी बढ़ता जा रहा है ।कई अन्य भाषाओं से पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करने में भी अनुवादकों की माँग बढ़ जाती है । बहुत से सरकारी और ग़ैर-सरकारी विभागों में भी अनुवादों के पद विद्यमान हैं । 

 

6. यू-ट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लैट्फ़ॉर्म पर अवसर :— इस समय भारत ही नहीं संसार भर में जो टॉप यू-ट्यूबर हैं , वो हिंदी भाषा में ही कंटेंट बनाते हैं । कारण सीधा-सा है , हिंदी बोलने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। 

 

7. प्रतियोगी परीक्षाएँ :— बहुत-सी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं । आईएएस, राज्य लोक सेवा आयोग, रेलवे आदि के प्रश्न-पत्र हिंदी माध्यम में भी आते हैं और हिंदी से इनमें प्रश्न भी पूछे जाते हैं । दोनों ही स्थितियों में हिंदी का महत्त्व और बढ़ जाता है । 

 

8. हिंदी-कोचिंग :— मुंबई जैसे बड़े शहरों में ही नहीं , बल्कि अब तो छोटे शहरों में भी हिंदी की कोचिंग का कारोबार बड़ी तेज़ी से फल-फूल रहा है ।करोड़ों का टर्नओवर होने के साथ ही इस क्षेत्र में अच्छे-से नाम भी कमाया जा सकता है । 

 

9. हिंदी में कमेंट्री :— किसी भी खेल के लिए हिंदी में कमेंटेटरों की आवश्यकता लगातार रहती है । अतः हिंदी-कमेंट्री में कैरियर बनाया जा सकता है ।

 

10. विज्ञापन-एजेंसियाँ :— सोशल मीडिया , टेलिविज़न आदि पर विज्ञापन तो हम प्रतिदिन देखते ही रहते हैं । इन सबमें सबसे बड़ा हिस्सा हिंदी विज्ञापनों का ही है और अच्छी ख़बर ये है कि ये लगातार उन्नति की ओर अग्रसर है ।

 

11. साहित्यकार :— हिंदी में कविता , कहानी , उपन्यास , नाटक आदि लिखकर भी बहुत अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है । अच्छे लेखक/ कवियों के लिए साहित्य अकादमी , ज्ञानपीठ , नोबेल जैसे पुरस्कार हैं । साथ ही पद्म श्री, पद्म भूषण , पद्म विभूषण जैसे पुरस्कार भी हैं । 

 

12. अन्य :— नेताओं को हमेशा अच्छे भाषणों की आवश्यकता रहती है । यदि कोई हिंदी भाषा में अच्छे भाषण लिख सके तो वह इस दिशा में आगे बढ़ सकता है । हिंदी प्रूफ़ रीडिंग, विदेशों में हिंदी पेशेवरों की माँग , अनेक देशों में हिंदी की पढ़ाई पीएचडी तक होने से वहाँ हिंदी-जानकारों की आवश्यकता , हिंदी फ़्रीलैन्सर, हिंदी टाइपिस्ट , पर्यटन , मंचों पर हिंदी कविऔर काव्य आदि । 

 

 

     हिंदी भाषा और हिंदी विषय में बहुत-से अवसर हैं । इन अवसरों को ध्यान में रखकर योजनानुसार कार्य किया जाए तो हिंदी के माध्यम से भी एक अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है । 

 

 

 

 विद्यार्थियों का उनकी नयी कक्षा में बहुत-बहुत स्वागत है । निश्चय ही वे अपने लक्ष्य को अवश्य ही प्राप्त करेंगे ।

 

सधन्यवाद 

 

 

घनश्याम 

(तरुणोत्सव / ब्रिज कोर्स  समन्यक) 

स्नातकोत्तर शिक्षक (हिंदी) 

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक - 4, 

भुवनेश्वर 

 

Saturday, 24 July 2021

CBSE द्वारा जुलाई में जारी नए अंक व पाठ्यक्रम विभाजन की सब फ़ाइल एक साथ (हिंदी ) 9-12 कक्षाएँ ... परियोजना सम्बंधित निर्देश भी (साभार 👏👏 विभिन्न स्रोत )

https://youtu.be/6mxoo_VkFS0 

सीबीएसई द्वारा जारी नया अंक विभाजन - पाठ्यक्रम विभाजन :— कोशिश की है कि सारी जानकारी एक ही जगह उपलब्ध हो सके । कोई सुधार की आवश्यकता हो तो अवश्य ही सूचित करें :— 8278677890(Whatsapp) 









http://cbseacademic.nic.in/Term-wise-curriculum_2022.html

*CBSE TERM WISE CURRICULUM*



http://cbseacademic.nic.in/curriculum_2022.html

*CBSE SYLLABUS*




https://drive.google.com/file/d/1NWrcLfuNkR0dEJ5yu0KSvRzHCIi0AnN0/view?usp=drivesdk

*अंक और पाठ्यक्रम विभाजन 2021-22 (Very latest July) 11th-12th classes*




https://drive.google.com/file/d/1pBKvuhW3wAT5UcJcLA8cG3siu0X3Xm-n/view?usp=drivesdk

*अंक और पाठ्यक्रम विभाजन 2021-22 (July ) 9-10 course A*




https://drive.google.com/file/d/1WZFk9t1rR0l6sSTk1ogMHQHgCyeZKYA2/view?usp=drivesdk

*अंक और पाठ्यक्रम विभाजन 2021-22 (July) 9-10 course B*



https://drive.google.com/file/d/1Xq34xoYijIsCgTh-oPA5akaAew9K4peL/view?usp=drivesdk

*internal assessment practical projects (परियोजना) 2021-22 (July) 9-12 th classes*



{{*यदि ये लिंक आपसे यहाँ open नहीं होते तो कृपया आप इनको यहाँ से copy करके Whatsapp पर या सीधा google में जाकर paste करने से ओपन हो जाएँगे ।*}}

नया प्रश्न-पत्र प्रारूप (2021-22) बारहवीं KVS CBSE

 #साभार संकलित 👏👏





कक्षा- बारहवीं विषय-हिन्दी(केन्द्रिक) 302

संशोधित प्रश्न-पत्र प्रारूप (केवल प्रथम सत्र) सत्र 2021-2022


  • प्रथम सत्र में वस्तुपरक (बहुविकल्पात्मक) प्रश्न पूछे जाएंगे|

परीक्षा भार विभाजन

विषयवस्तु

उप भार 

कुल भार

1

अपठित गद्यांश बोध (चिंतन क्षमता एवं अभिव्यक्ति कौशल पर बहुविकल्पात्मक प्रश्न 

15


दो अपठित गद्यांशों में से कोई एक गद्यांश करना  (1 अंक के 10 प्रश्न)

110

110


दो अपठित पद्यांशों में से कोई एक पद्यांश करना| (1 अंक के 5 प्रश्न)

5

5

2

कार्यालयी हिन्दी और रचनात्मक लेखन (‘अभिव्यक्ति और माध्यम’ पुस्तक के आधार पर)

5


1

अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक से बहुविकल्पात्मक प्रश्न (1अंक के 5 प्रश्न)

5

5

3

पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 से बहुविकल्पात्मक प्रश्न

15


पठित काव्यांश पर 5 बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक के 5 प्रश्न)

5

5


पठित गद्यांश पर 5 बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक के 5 प्रश्न)

5

5


पठित पाठों पर पाँच बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक के 5 प्रश्न)

5

5

4

अनुपूरक पाठयपुस्तक वितान भाग-2 से बहुविकल्पात्मक प्रश्न

5


1

पठित पाठों पर बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक के5 प्रश्न)

5

5

5

आतंरिक मूल्यांकन

10


1

श्रवण तथा वाचन

10

10

कुल अंक


50

सत्र 1 2021-22 में निम्नलिखित पाठ सम्मिलित किए गए हैं-


पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2

काव्य खंड

गद्य खंड

हरिवंश राय बच्चन -एक गीत

महादेवी वर्मा- भक्तिन

कुँवर नारायण-कविता के बहाने

जैनेन्द्र कुमार- बाज़ार दर्शन

रघुवीर सहाय-कैमरे में बंद अपाहिज

धर्मवीर भारती- काले मेघा पानी दे

गजानन माधव मुक्तिबोध- सहर्ष स्वीकारा है


अभिव्यक्ति और माध्यम

वितान भाग-2

विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन

मनोहर श्याम जोशी- सिल्वर वैडिंग

पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया

आनंद यादव- जूझ

                                                                                                                                                         

हर घर तिरंगा har ghar tiranga selfie my gov connect

  +91 93554 13636 *नमस्कार*   my gov connect द्वारा *हर घर तिरंगा* अभियान चलाया जा रहा है।      इसके अंतर्गत दिए गए नम्बर पर *Hi* लिखकर भेजे...