तरुणोत्सव / ब्रिज कोर्स पर अध्यापक का संदेश
कक्षा दस के बाद मेरे लिए सबसे सही क्या करना रहेगा ? मेरा दोस्त तो वाणिज्य ले रहा है , मामाजी विज्ञान के लिए कह रहे थे , पिछले साल ही देखी एक फ़िल्म ने मुझे आईएएस बनने की प्रेरणा दी , बुआ जी की बेटी तो अभी कम्प्यूटर अभियंता है और मैं भी वही बनने की सोच रहा था , यदि मैं कुछ नया करूँ तो … और सबसे बढ़कर , ग्यारहवीं में कैसे होती है पढ़ाई ? सब्जेक्ट तो लगभग वही रहते हैं , फिर बदल क्या जाता है ? और इन कक्षाओं को पढ़ाने वाले अध्यापकगण किस तरह से पढ़ाते होंगे ? और भी न जाने कितने ही सवाल ????
इन सभी प्रश्नों के जवाब तलाशते किशोरावस्था की शुरुआत में तरुण और उनका बालमन।
ऐसे समय में आता है तरुणोत्सव जैसे भगवान राम ने रामसेतु बना लिया हो या हनुमान जी संजीवनी लेकर लौट आए हों …
दसवीं और ग्यारहवीं के गैप को पार करवाता है पुल …. ब्रिज …. ब्रिज कोर्स । कहीं-न-कहीं ये इन तरुणों का उत्सव ही होता है , इसी से काफ़ी कुछ , सहज ही रोचक तरीक़े से सीख पाते हैं हमारे तरुण और ये हो जाता है तरुणोत्सव ।
निश्चित ही तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स के महत्त्व पर प्रकाश डाला जाए तो यह बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास में बहुत ही अहम भूमिका निभाने वाला है । जो बच्चा अभी कक्षा दस से उत्तीर्ण होकर कक्षा ग्यारह में आने वाला है , उसके मन में विविध शंकाएँ होंगी ही और यदि बात की जाए कोरोनाकाल की तो इस समय में तो तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स की महत्ता और भी बढ़ जाती है ।
पहले से ही तनावग्रस्त माहौल में तरुणोत्सव/ब्रिज कोर्स बच्चे के लिए बहुत राहत देने वाला क्रियाकलाप साबित हो रहा है । इस महामारी के दौर में बच्चे को अहसास होता है कि उसका विद्यालय , उसके शिक्षक तथा अन्य भी कई लोग उसकी सहायता हेतु हमेशा तैयार हैं । अतः उनका आत्मविश्वास लगातार बढ़ता चला जाता है ।
कोर्स के दौरान, और बाद में भी बच्चों की ख़ुशी देखकर अनुमान हो गया कि तरुणोत्सव ने अपने नाम को सार्थक करना शुरू कर दिया है । नयी कक्षा में नयी ऊर्जा के साथ ही अब वो प्रवेश करेंगे । निस्सन्देह बच्चे स्वयं को पहले से अधिक सहज अनुभव कर रहे हैं ।
हिंदी विषय में स्कोप :— संसार भर में 6500 के क़रीब भाषाएँ बोली जाती हैं । हिंदी विश्व में बोली जाने वाली तीन प्रमुख भाषाओं में से एक है । लगभग 55 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं । हिंदी को एक विषय के रूप में पढ़ा जाना आपके किए कई अवसरों के दरवाज़े खोल सकता है । इन्हीं अवसरों में से कुछ निम्नलिखित हैं :—
1. शिक्षक/प्रोफ़ेसर :— हिंदी में बीएड , नेट-जेआरएफ , एमफ़िल-पीएचडी आदियोग्यताएँ अर्जित करने के बाद विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में अध्यापक , प्राध्यापक, प्राचार्य कुलपति आदि सम्मानित पदों को सुशोभित किया जा सकता है ।
2. फ़िल्में और हिंदी :— हिंदी फ़िल्मों का कारोबार बहुत बड़ा है। आज की तारीख़ में सबसे ज़्यादा फ़िल्में , धारावाहिक , लघु-फ़िल्में आदि भारत में ही बनती हैं और इनमें हिंदी का ही बोलबाला है । हॉलीवुड या अन्य कई भाषाओं की डबिंग के लिए भी हिंदी जानकारों की आवश्यकता होती है । हिंदी में कहानी , पटकथा , संवाद , गाने आदि की माँग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है । इनसे नाम और पैसे दोनों कमाए जा सकते हैं और जीवन समृद्धि से परिपूर्ण हो सकता है ।
3. मीडिया :— हिंदी पत्र-पत्रिकाओं, रेडियो, इंटर्नेट , टेलीविजन आदि में अनेक हिंदी पेशेवरों की माँग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है । इसके लिए बहुत से कोर्स अनेक विश्वविद्यालयों ने चला रखे हैं । उन कोर्स को करके मीडिया में एक अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है । हम एक अच्छे पत्रकार , अनुवादक आदि बन सकते हैं ।
4. राजभाषा हिंदी अधिकारी :— सरकार के सभी विभागों में राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है । रेलवे , आयकर विभाग , आईआईटी,सीएसआईआर, बैंक, पुलिस आदि सभी विभागों में एक हिंदी अधिकारी का पद सृजित है । अतः हिंदी में उच्च शिक्षा प्राप्त करके यह पद पाया जा सकता है।
5. अनुवादक :— इनकी आवश्यकता हर कहीं महसूस होती है । इस समय संसार में हिंदी बोलने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है , अतः अनुवादकों का कार्य भी बढ़ता जा रहा है ।कई अन्य भाषाओं से पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करने में भी अनुवादकों की माँग बढ़ जाती है । बहुत से सरकारी और ग़ैर-सरकारी विभागों में भी अनुवादों के पद विद्यमान हैं ।
6. यू-ट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लैट्फ़ॉर्म पर अवसर :— इस समय भारत ही नहीं संसार भर में जो टॉप यू-ट्यूबर हैं , वो हिंदी भाषा में ही कंटेंट बनाते हैं । कारण सीधा-सा है , हिंदी बोलने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।
7. प्रतियोगी परीक्षाएँ :— बहुत-सी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं । आईएएस, राज्य लोक सेवा आयोग, रेलवे आदि के प्रश्न-पत्र हिंदी माध्यम में भी आते हैं और हिंदी से इनमें प्रश्न भी पूछे जाते हैं । दोनों ही स्थितियों में हिंदी का महत्त्व और बढ़ जाता है ।
8. हिंदी-कोचिंग :— मुंबई जैसे बड़े शहरों में ही नहीं , बल्कि अब तो छोटे शहरों में भी हिंदी की कोचिंग का कारोबार बड़ी तेज़ी से फल-फूल रहा है ।करोड़ों का टर्नओवर होने के साथ ही इस क्षेत्र में अच्छे-से नाम भी कमाया जा सकता है ।
9. हिंदी में कमेंट्री :— किसी भी खेल के लिए हिंदी में कमेंटेटरों की आवश्यकता लगातार रहती है । अतः हिंदी-कमेंट्री में कैरियर बनाया जा सकता है ।
10. विज्ञापन-एजेंसियाँ :— सोशल मीडिया , टेलिविज़न आदि पर विज्ञापन तो हम प्रतिदिन देखते ही रहते हैं । इन सबमें सबसे बड़ा हिस्सा हिंदी विज्ञापनों का ही है और अच्छी ख़बर ये है कि ये लगातार उन्नति की ओर अग्रसर है ।
11. साहित्यकार :— हिंदी में कविता , कहानी , उपन्यास , नाटक आदि लिखकर भी बहुत अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है । अच्छे लेखक/ कवियों के लिए साहित्य अकादमी , ज्ञानपीठ , नोबेल जैसे पुरस्कार हैं । साथ ही पद्म श्री, पद्म भूषण , पद्म विभूषण जैसे पुरस्कार भी हैं ।
12. अन्य :— नेताओं को हमेशा अच्छे भाषणों की आवश्यकता रहती है । यदि कोई हिंदी भाषा में अच्छे भाषण लिख सके तो वह इस दिशा में आगे बढ़ सकता है । हिंदी प्रूफ़ रीडिंग, विदेशों में हिंदी पेशेवरों की माँग , अनेक देशों में हिंदी की पढ़ाई पीएचडी तक होने से वहाँ हिंदी-जानकारों की आवश्यकता , हिंदी फ़्रीलैन्सर, हिंदी टाइपिस्ट , पर्यटन , मंचों पर हिंदी कविऔर काव्य आदि ।
हिंदी भाषा और हिंदी विषय में बहुत-से अवसर हैं । इन अवसरों को ध्यान में रखकर योजनानुसार कार्य किया जाए तो हिंदी के माध्यम से भी एक अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है ।
विद्यार्थियों का उनकी नयी कक्षा में बहुत-बहुत स्वागत है । निश्चय ही वे अपने लक्ष्य को अवश्य ही प्राप्त करेंगे ।
सधन्यवाद
घनश्याम
(तरुणोत्सव / ब्रिज कोर्स समन्यक)
स्नातकोत्तर शिक्षक (हिंदी)
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक - 4,
भुवनेश्वर
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