साभार प्राप्त 👏👏
*प्रशस्ति पत्र*
श्रीमती अंग्रेजी
स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति - 31.03.2021
हर शब्द में एक शास्त्र है, हर वाक्य का कुछ मर्म है।
आपका साथ मिला कुछ वर्षों, ये जन्मों का सत्कर्म है।।
महोदया,
श्रीमती वरिष्ठ परास्नातक शिक्षिका अंग्रेजी, केंद्रीय विद्यालय संगठन की लगभग 27 वर्षों से ज्यादा सफ़ल व समर्पित सेवा के उपरान्त 31.03.2021 (बुधवार) को स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो रही हैं। आपका जन्म 09.04.1964 को गुंटूर (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। आपके पिता स्वर्गीय श्री के. वी. के. मूर्ति और माता स्वर्गीय श्रीमती के. भारती देवी जी हैं। आपने विद्यालयी शिक्षा दिल्ली और किरंदुल से तथा महाविद्यालयी शिक्षा सेंट टेरेसा कॉलेज एलूर आंध्र प्रदेश एवं पं रविशंकर विश्व विद्यालय रायपुर से प्राप्त कीं उसके बाद आर. सी. ई. भोपाल से बी. एड. और अन्नामलाई विश्वविद्यालय चिदंबरम, तमिलनाडु से एम.एड. की पढ़ाई पूरी कीं।
28.11.1993 को केन्द्रीय विद्यालय आकाश नगर में आपने प्राथमिक शिक्षक के पद पर कार्य भार ग्रहण किया, 07.09.1995 को केंद्रीय विद्यालय आकाश नगर में ही आपने प्र.स्नातक शिक्षक अंग्रेजी का पदभार ग्रहण किया, अंततः 07.10.1996 को केंद्रीय विद्यालय किरंदुल में आपने परास्नातक शिक्षक अंग्रेजी का पदभार ग्रहण किया। आपने केंद्रीय विद्यालय तिरुमलगिरी, केन्द्रीय विद्यालय में अपनी अनवरत विनम्रता पूर्वक सेवाएं दीं एवं सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूर्ण किया।
आपके परिवार में आपकी सुपुत्री श्रीमती आर. स्पंदना सीनियर मैनेजर माइक्रोसाफ्ट पोर्टलैंड (यू एस ए) में अपने परिवार के साथ कार्यरत हैं।
आपके व्यक्तित्व में हमें सादगी, सरलता, सौम्यता, स्पष्टवादिता के गुण परिलक्षित होते हैं। आप बेहद मिलनसार, सामाजिक व हँसमुख हैं। अपने सेवा काल में आप समय की पाबंद व अनुशासनबद्ध रही हैं। विद्यालय परिवार से भी आपका असीम स्नेह व लगाव रहा है। विद्यार्थियों और अभिभावकों के मध्य आप खासे लोकप्रिय रही हैं। केन्द्रीय विद्यालय किरंदुल के प्राचार्य, शिक्षक, अन्य कर्मचारीगण व विद्यार्थी आप व आपके परिवार के स्वस्थ व सुखद जीवन की कामना करते हैं। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आप जीवन में अर्जित ज्ञान व अनुभव का समाज हित में निरंतर प्रयोग करते रहेंगी।
दिनाँक 31.03.2021
शुभेच्छु
प्राचार्य, शिक्षक, अन्य कर्मचारीगण व विद्यार्थी
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केन्द्रीय विद्यालय क्र. 4, भुवनेश्वर
प्रशस्ति-पत्र
श्री गुरु प्रसाद जेना, प्रधानाध्यापक
सेवा-निवृत्ति - 31.08.2019
हर शब्द में एक शास्त्र है, हर वाक्य का कुछ मर्म है।
आपका साथ मिला कुछ वर्षों, ये जन्मों का सत्कर्म है।।
महोदय,
श्री गुरु प्रसाद जेना, प्रधानाध्यापक, केन्द्रीय विद्यालय संगठन की लगभग 33 वर्ष से ज़्यादा सफल व समर्पित सेवा के उपरांत दिनांक 31अगस्त, 2019 (शनिवार) को सेवा निवृत्त हो रहे हैं। आपका जन्म 16 अगस्त, 1959 को खड्गपुर, पश्चिम बंगाल में हुआ। आपके पिता स्व.श्री निशाकर जेना जी व माता स्व.श्रीमती सुलोचना जेना जी हैं। आपने विद्यालयी शिक्षा कोंवेंट स्कूल खड्गपुर से तथा महाविद्यालयी शिक्षा उत्कल विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
1 नवंबर,1985 को केन्द्रीय विद्यालय, मेघाहातु बुरु, झारखंड में आपने प्राथमिक शिक्षक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। आपने केंद्रीय विद्यालयढेंकानाल, केंद्रीय विद्यालय कलाईकुंडा, केंद्रीय विद्यालय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड्गपुर, केंद्रीय विद्यालय चारबाटिया में अपनी विनम्रतापूर्वक सेवाएँ दीं। तदुपरान्त 13 जनवरी, 2017 को आपका पदोन्नति स्थानांतरण केंद्रीय विद्यालय क्रमांक - 4, भुवनेश्वर में हुआ। तब से अद्यतन आप के.वि क्रमांक 4, भुवनेश्वर में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत रहे। आपने सफलता पूर्वक अपना कार्यकाल पूर्ण किया है।
आपके परिवार में आपकी धर्मपत्नी श्रीमती दीप्ति जेना, आपकी दो सुपुत्रियाँ श्रीमती तटिनी तपस्विनी, कृषि अधिकारी, जाजपुर में व सुश्रीलिटिल जेना, वरिष्ठ अधिकारी, एक्सिस बैंक, मुंबई में पदस्थ हैं और सुपुत्र श्री मातृ प्रसाद जेना , बी.टेक. प्रथम वर्ष में अध्ययनरत हैं।
आपके व्यक्तित्व में हमें सादगी, सरलता, सौम्यता, स्पष्टवादिता के गुण परिलक्षित होते हैं। आप बेहद मिलनसार, सामाजिक व हँसमुख हैं। अपने सेवा काल में आप समय के पाबंद व अनुशासनबद्ध रहे हैं। विद्यालय परिवार से भी आपका असीम स्नेह व लगाव रहा है । विद्यार्थियों के बीच आप खासे लोकप्रिय रहे हैं।
के.वि. क्रमांक 04, भुवनेश्वर के प्राचार्य, शिक्षक, अन्य कर्मचारीगण व विद्यार्थी, आप व आपके परिवार के स्वस्थ व सुखद जीवन की कामना करते हैं। साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आप जीवन में अर्जित ज्ञान व अनुभव का समाज हित में निरंतर प्रयोग करते रहेंगे।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ –
दिनांक 31.08.2019
शुभेच्छु
प्राचार्य, शिक्षक , कर्मचारीगण व विद्यार्थी
के.वि.क्र.04, भुवनेश्वर
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