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Tuesday 25 February 2020

12 वीं मासिक परीक्षा अक्तूबर


केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक – 4भुवनेश्वर
मासिक परीक्षा अक्टूबर  2019
  कक्षा – बारहवीं                                                                                                   समय – 3 घण्टे 
  विषय – हिन्दी (केन्द्रिक)                                                                                       पूर्णांक – 80
खण्ड – क  

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 
    जीवन में वही मनुष्य सफल है, जो समय के साथ चलता है। कुछ लोग तो ऐसे दूरदर्शी होते हैं,
 जो आनेवाले समय को पहले ही भाँप जाते हैं। ऐसे व्यक्ति अपनी योजना पहले ही बना लेते हैं
 तथा हर कसौटी पर सफल होते हैं। हमें अपना काम कभी भी समय के भरोसे नहीं छोड़ना
 चाहिए। चाहे जैसी भी परिस्थिति क्यों न हो, हमें समय के साथ  आगे बढ़ते हुए अपना काम पूरा
 करते रहना चाहिए। कल के भरोसे काम को छोड़ना समस्याओं को आमंत्रित करना  है। समय 
 बड़ा ही बलवान है। समय के अनुरूप चलनेवाला गरीब से अमीर एवं समय को न भाँपनेवाला 
 अमीर से कंगाल  भी बन जाता है। व्यापारी वर्ग हमेशा समय को ध्यान में रखकर अपना रोज़गार
 शुरू करता है तथा धन लगाता है। यह  कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ क्षण
 ऐसे आते हैं, जिनसे उसके भाग्य का बनना और बिगड़ना तय  होता है। अगर व्यक्ति ने समय  
   की सही गति या दशा को समझ लिया, तब तो वह सफल हो गया, अन्यथा उसके हाथ केवल 
 असफलता ही लगेगी। खेल-कूद, खासकर दौड़ की प्रतियोगिताओं में समय ही निर्णायक होता है। 
 अपने निर्दिष्ट  लक्ष्य पर पहुँचनेवाला धावक एक क्षण आगे पहुँच जाने पर ओलम्पिक का मैडल
 पा जाता है। एक क्षण पहले अस्पताल में पहुँच जाने पर रोगी बच जाता है। अत: हम कह सकते
 हैं कि मानव-जीवन का सबसे बड़ा नियामक घटक समय ही  है।
         जिस विद्यार्थी ने समय की कीमत समझ ली, वह सफलता अवश्य प्राप्त करेगा। 
    प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी दिनचर्या की समय-सारिणी बनाकर उसका कड़ाई से पालन करना 
    चाहिए। जिस विद्यार्थी ने समय का सही उपयोग करना सीख लिया, उसके लिए कोई भी कार्य
   असम्भव नहीं है। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो किसी कार्य के पूरा न होने पर समय की दुहाई 
    दिया करते हैं। वास्तव में सच्चाई इसके विपरीत होती है।  अपनी अकर्मण्यता और आलस्य को
   वे समय की कमी के बहाने छिपाते हैं। कुछ लोगों को अकर्मण्य रहकर निठल्ले समय बिताना
   अच्छा लगता है। ऐसे लोग केवल बातूनी होते हैं। दुनिया के सफलतम व्यक्तियों ने सदैव कार्य
   की व्यस्तता में समय बिताया है। उनकी सफलता का रहस्य समय का सदुपयोग रहा है। दुनिया
   में अथवा प्रकृति में हर वस्तु का समय निश्चित है। समय बीत जाने पर कार्य फलप्रद नहीं 
    होता। सूरज यदि समय पर उदय होना व अस्त होना बन्द कर दे, वर्षा यदि समय पर न हो,
   किसान समय पर अनाज न बोए तो कैसी स्थिति हो जाएगी? केवल परीक्षा के समय यदि 
    विद्यार्थी परिश्रम करेगा और शेष दिन आराम करेगा तो उसे वांछित सफलता नहीं मिल सकती।
  प्रश्न 
  (क़) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।                                    [1]
  (ख) जीवन में कौन व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है ?                               [2]
  (ग) खेतों में समय का क्या महत्व होता है ?                                        [2]
  (घ) विद्यार्थी-जीवन में समय का क्या महत्व है ?                                    [2]
  (ङ) समय के अभाव की दुहाई कैसे लोग दिया करते हैं?                                [2]
  (च) हमें समय का पाठ किससे पढ़ना चाहिए और क्यों ?                               [2]
  (ज) निम्नलिखित शब्दों से विशेषण बनाइए -  समय, अवश्य।                        [1]

2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –                   [4] 
           बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।
           ताते जल नहा पहन श्वेत वसन आई,
           खुले लान बैठ गई दमकती लुनाई,
           सूरज खरगोश धवल गोद उछल आया
           बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।
                    पैरों में मखमल की जूती-सी क्यारी,
                    मेघ-ऊन का गोला बुनती सुकुमारी,
                    डोलती सलाई हिलता जल लहराया।
                    बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया।
           बोली कुछ नहीं, एक कुर्सी की खाली,
           हाथ बढ़ा छज्जे की साया सरका ली,
           बाँह छुड़ा भागा, गिर बर्फ हुई छाया।
           बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया। 
   प्रश्न 
(क) किसने, किसे बुलाया ?
(ख) धूप’ कैसे वस्त्र पहनकर आई ?
(ग) ‘क्यारी’ को किसके समान बताया गया है ?
(घ) ‘मेघ’ किसके रूप में है ?
खण्ड – ख  

3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 150 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए–    [5] 
  (क) विकास के पथ पर भारत 
(ख) स्वास्थ्य ही धन है
   (ग) योग की बढ़ती लोकप्रियता
  (घ) परोपकार।  

4. आपके शहर में परिवहन व्यवस्था की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। इस समस्या पर 
  अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने स्थानीय समाचार-पत्र के सम्पादक को
  पत्र लिखिए।                                                              [5]
अथवा
 अपने क्षेत्र के थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर शिकायत कीजिए कि आपके मोबाइल पर कोई व्यक्ति 
 लगातार तरह-तरह की धमकियाँ दे रहा है।     
5.  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –                                   [4]
   (क) संवाददाता किसे कहते हैं ?
   (ख) एडवोकेसी पत्रकारिता किसे कहते हैं?
   (ग) जनसंचार के मुद्रित माध्यमों की सबसे बड़ी विशेषता क्या है ?    
   (घ) ‘फ्लैश’ या ‘ब्रेकिंग न्यूज’ का क्या आशय है?
6.  अपने विद्यालय में मनाए गए हिंदी पखवाड़ा समारोह पर एक प्रतिवेदन तैयार कीजिए। [3]                                                                   
अथवा
   ‘नारी-शिक्षा’ पर एक आलेख तैयार कीजिए। 
7. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर फीचर तैयार कीजिए।                [3] 
   (क) सोशल मीडिया का प्रभाव
  (ख) बाल मजदूरी। 

खण्ड – ग 

8.निम्नलिखित काव्यांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: [2*3 = 6]    (i)               
         
             सचमुच मुझे दण्ड दो कि हो जाऊं
         पाताली अंधेरे की गुहाओं में विवरों में
         धुएं के बादलों में
         बिलकुल मैं लापता
         लापता कि वहां भी तो तुम्हारा ही सहारा है !!
         इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है
               या मेरा जो होता-सा लगता है, होता-सा सम्भव है
         सभी वह तुम्हारे ही कारण के कार्यों का घेरा है , कार्यों का वैभव है
         अब तक तो जिन्दगी में जो कुछ था , जो कुछ है
         सहर्ष स्वीकारा है
         इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है
         वह तुम्हें प्यारा ह
       (क़) कवि तथा कविता का नाम लिखिए|                                     
(ख) कवि दण्ड में क्या पाना चाहता है ?                                      
(ग) कवि को ज़िन्दगी में ‘जो कुछ था, जो कुछ है’ सहर्ष स्वीकार क्यों है ?          
9. निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर
  दीजिए–                                                    [2+2] 
    
         स्लेट पर या लाल खडिया चाक
             मल की हो किसी ने
             नील जल में या किसी की
             गौर झिलमिल देह
             जैसे हिल रही हो
             और...
             जादू टूटता है इस उषा का अब
             सूर्योदय हो रहा है .
     प्रश्न  
(1) काव्यांश का भाव-सौन्दर्य स्पष्ट करें।                                   
(2) काव्यांश में प्रयुक्त बिम्ब स्पष्ट करें।
   
10  निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखिए –              [3+3 = 6] 
   (क) ‘मैं और, और जग और कहाँ का नाता’ – यहाँ ‘और’ शब्द का चमत्कार स्पष्ट कीजिए। 
   (ख)  ‘कैमरे में बन्द अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है – स्पष्ट
        कीजिए। 
   ()  "पतंगों के साथसाथ वे भी उड़ रहे हैं''  -- बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध है
घ) ‘जादू टूटता है इस उषा का अब’---उषा का जादू क्या है ? वह कैसे टूटता ह ?
ड.)  ‘किशोर और युवा वर्ग समाज का मार्गदर्शक है’। -- पतंग कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए  ।

11. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढिए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-    [2*36] 
       चार्ली की अधिकांश फिल्में भाषा का इस्तेमाल नहीं करतीं, इसलिए उन्हें ज़्यादा-से-ज़्यादा 
   मानवीय होना पडा। सवाक चित्रपट पर कई बडे-बडे कॉमेडियन हुए हैं, लेकिन वे चैप्लिन की
   सार्वभौमिकता तक क्यों नहीं पहुँच पाए – इसकी पडताल अभी होने को है। चार्ली का चिर-युवा
   होना या बच्चों जैसा दिखना एक विशेषता तो है ही, सबसे बडी विशेषता शायद यह है कि वे
   किसी  भी  संस्कृति को विदेशी नहीं लगते। यानी उनके आसपास जो भी चीजें, अडंगे, 
   खलनायक, दुष्ट औरतें आदि रहते हैं वे एक सतत ‘विदेश’ या ‘परदेस’ बन जाते हैं और
   चैप्लिन ‘हम’ बन जाते हैं। चार्ली के सारे संकटों में हमें यह भी लगता है कि यह ‘मैं’ भी हो
   सकता हूँ, लेकिन ‘मैं’ से ज़्यादा चार्ली हमें ‘हम’ लगते हैं।
 प्रश्न:-  
(क) चार्ली की फिल्मों को मानवीय क्यों होना पडा ?                                                          
(ख) चार्ली सभी को अपने क्यों लगते थे ?                                                                          
     (ग) चार्ली की दो विशेषताएं लिखिए।                                                    
12. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –                        [3+3+3+1 = 10]
  (क) चार्ली ने फिल्म-कला को किस प्रकार लोकतांत्रिक बनाया ? 
  (ख) कहानी के किस-किस मोड़ पर लुट्टन के जीवन में क्या-क्या परिवर्तन आए? 
  (ग) ‘नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का 
      नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?   
  (घ) चार्ली चैप्लिन की किन्हीं दो फिल्मों के नाम लिखें।  
13. “जूझ’ कहानी प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष करने की प्रेरक कथा है।” इस कथन की 
   सोदाहरण समीक्षा कीजिए।                                                  [4] 
14. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखिए –                      [8] 
  (क) ‘जूझ’ शीर्षक के औचित्य पर प्रकाश डालें।  
  (ख) सिन्धु-सभ्यता की खूबी उसका सौन्दर्य-बोध है, जो राज-पोषित या धर्म-पोषित न होकर
   समाज-पोषित था।” – ऐसा क्यों कहा गया है? 
  (ग) सिंधु-सभ्यता की नगर-योजना पर प्रकाश डालें।        

                                                     --------###₹₹₹------                                               

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