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Friday 3 December 2021

रिपोर्ट - केंद्रीय विद्यालय गोपेश्वर, चमोली , उत्तराखंड में हुआ डिस्लेक्सिया पर कार्यशाला का आयोजन

 केंद्रीय विद्यालय गोपेश्वर, चमोली , उत्तराखंड में हुआ डिस्लेक्सिया पर कार्यशाला का आयोजन 


    




            केंद्रीय विद्यालय गोपेश्वर मेंडिस्लेक्सिया जागरूकता माहके दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत सर्वप्रथम अध्यापक जागरूकता हेतु 27/11/2021 को विद्यालय के गोपीनाथ सभागार में  विद्यालय की अंग्रेज़ी-परास्नातक शिक्षिका कार्यक्रम की प्रभारी-संसाधिका सुश्री हेमलता ने डिस्लेक्सिया के विषय में अत्यंत सारगर्भित जानकारी अध्यापकगण के बीच साझा की। 


          उन्होंने अपने उपयोगी जानकारीपूर्ण वक्तव्य में बताया कि  डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चा/व्यक्ति पढ़ने, याद रखने में कठिनाई अनुभव करता है। डिस्लेक्सिया एक क़िस्म का लर्निंग डिसऑर्डर है। इसका इलाज सम्भव है। इससे ग्रसित बच्चा उन क्षेत्रों में अच्छा हो सकता है, जिनमें भाषा की कोई आवश्यकता नहीं होती। अतः इस ओर ध्यान दिया जाना अत्यावश्यक है। बच्‍चों की संतुलित-परवरिश करके उन्‍हें एक बेहतर नागरिक बनाना एक बड़ी जिम्‍मेदारी है। यह जिम्‍मेदारी तब और चुनौतीपूर्ण हो जाती है जब बच्‍चों को कुछ विचित्र समस्‍याओं से जूझना हो।डिस्लेक्सिया एक ऐसी ही चुनौती है। इससे ग्रस्‍त बच्‍चे को दूसरे बच्‍चों की तरह भाषा या चिह्नों को पढ़ने, समझने और याद करने में दिक्‍कत होती है और वे परीक्षाओं में बाकी बच्‍चों से पिछड़ जाते हैं। ऐसे बच्‍चों का जीवन एक वयस्क के रूप में और कठिन हो जाता है। इसके बावजूद कड़ी मेहनत लगन, सही समय पर जागरूकता और समाज के सहयोग से ऐसे बच्‍चे तमाम ऊँचाइयों को छू रहे हैं। 


         इस ‘शिक्षक जागरूकता कार्यक्रम’ में शिक्षकगण काफ़ी लाभान्वित रहे और डिस्लेक्सिया पीड़ित बच्चे, उसकी समस्या व समाधान को पहचानने में और अधिक सक्षम हुए। 


      कार्यशाला में श्री घनश्याम, श्री सचिन सनवाल, श्री आज़ाद सिंह, श्री रवि परमार, श्री अजय कुमार , श्रीमती किरण सिलोरी, श्रीमती प्रिया तिवारी सहित समस्त विद्यालय स्टाफ़ ने अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज करवायी। विद्यालय प्राचार्य श्री सचिन कुमार सिंह राठौर ने सभी अध्यापकगण प्रेरित किया कि वो इस अभियान को अपनी-अपनी कक्षाओं में निरंतर जारी रखें और ऐसे बच्चे यदि उनकी कक्षाओं में उन्हें दृष्टिगोचर हों तो उनपर विशेष ध्यान दें। 


        कार्यशाला के अंत में श्री सुमित अंतिल स्नातकोत्तर शिक्षक अर्थशास्त्र ने विद्यालय परिवार की तरफ़ से कार्यशाला संयोजिका-संसाधिका सुश्री हेमलता और उनकी टीम में शामिल श्री हयात सिंह, शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षक, सुश्री मधु प्राथमिक शिक्षिका का इतने जानकारीपूर्ण व्याख्यान और कुशल संयोजन-संचालन हेतु धन्यवाद ज्ञापन किया । साथ ही कार्यक्रम की फ़ोटोग्राफ़ी हेतु श्री नितिन कुमार देवरानी , प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक अंग्रेज़ी का भी आभार ज्ञापित किया गया । 


          डिस्लेक्सिया जागरूकता को अभिभावकगण तथा विद्यार्थियों तक पहुंचाने और उनके सहयोग हेतु शाम 4:00 बजे सुश्री मधु मैडम, प्राथमिक शिक्षिका द्वारा गूगल मीट पर (ऑनलाइन) एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने अभिभावकगण को  डिस्लेक्सिया से अवगत कराया तथा उसे पहचानने के तरीक़े बताए । साथ ही इससे जूझ रहे बच्चों के साथ मित्रवत व सहयोगात्मक व्यवहार रखने की सलाह दी । 


       उन्होंने बताया कि डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चा भी औचित्यपूर्ण वातावरण पाकर उतनी ही सफलता अर्जित कर सकता है, जितनी कि एक सामान्य बच्चा । ऐसे बच्चों की अन्य कलाओं में बहुत रुचि होती है , अतः उस रुचि को पहचानकर अभिभावकगण बच्चे को उसी दिशा में बढ़ने हेतु प्रेरित करें। उन्होंने ‘तारे ज़मीन पर’ फ़िल्म का उदाहरण दिया और साथ ही सलाह दी कि जिन्होंने अभी तक यह फ़िल्म नहीं देखी है, कृपया एक बार अवश्य देखें। इस ऑनलाइन मीट में कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के अभिभावकगण ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने बच्चों सम्बंधित जिज्ञासाओं को शांत किया । 


    

      ‘डिस्लेक्सिया जागरूकता माह’ के अंतर्गत अंतिम और सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य विद्यार्थियों में डिस्लेक्सिया-सम्बंधित जागरूकता है। यह कार्य अब हर शिक्षकगण अपनी-अपनी कक्षाओं में इस माह के दौरान और अपने शिक्षण में अनवरत जारी रखेंगे । 




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