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Wednesday 3 March 2021

सम्पादकीय , विद्यालय पत्रिका हेतु (सम्पादक की ओर से )

 







सम्पादक की ओर से ✍️ :—



‘धर्मपद’  में  ले  आए , ख़ुशियों  का त्योहार ॥

सदा करें  कुछ  हम नया , संग लें  नव विचार ॥

आपको ही अब सौंप रहा , जो है धरोहर आपकी , 

रचनात्मकता रचती सदा , रंगीन नया संसार ॥


   


           आप सभी को यह सूचित करते हुए अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ कि हमारे विद्यालय की ई-पत्रिका का सुखद प्रकाशन हो रहा है । 

 

           ई-पत्रिका ‘धर्मपद’ का यह पहला अंक होगा । इससे पूर्व भी विद्यालय अपनी पत्रिकाएँ लगातार प्रकाशित करता रहा है किंतु उसे कोई विशेष नाम नहीं दिया जाता था  । 


          इस बार पत्रिका को पहली बार ‘धर्मपद’ नाम दिया गया है । 


          दरअसल धर्मपद ओडिशा की लोककथा का एक पात्र है , जिनकी आयु मात्र बारह वर्ष होती है और इस अल्पायु में ही वो बालक त्याग की पराकाष्ठा को पार कर जाता है । इस प्रकार एक झटके में ही हो महानता की सीमा से काफ़ी आगे निकल जाता है । 


           यह पत्रिका ‘धर्मपद’ , उन महात्यागी महात्मा बच्चे के महाबलिदान को समर्पित है । 


           विद्यालय के बहुत - से विद्यार्थी और कर्मचारी बहुत अच्छा लिखते हैं ।‘धर्मपद’ पत्रिका के माध्यम से सम्पूर्ण विद्यालय के कर्मचारियों और विद्यार्थियों की रचनात्मकता को सबके सामने लाकर विद्यालय की प्रतिभाओं को एक उज्ज्वल मार्ग दिखाना ही इस पत्रिका का ध्येय था । निस्सन्देह पत्रिका अपने इस उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रही । 


          इस महामारी के दौर में ऑनलाइन रहते हुए ई-पत्रिका प्रकाशन निश्चय ही एक चुनौती भरा कार्य था । इन चुनौतियों का सामना करने और इसके कामयाब प्रकाशन में श्री जगदीश प्रसाद साहू सर (कंप्यूटर इन्स्ट्रैक्टर ) का अथाह सहयोग था , उन्होंने लगातार ई-पत्रिका प्रकाशन में अपना समय दिया तथा सुंदर प्रारूप , साज-सज्जा ,आकर्षक मुख पृष्ठ के साथ ही प्रसंगानुरूप चित्रों का चयन करके पत्रिका को जीवंत कर दिया । 


      विद्यालय के होनहार विद्यार्थियों और सम्मानित अभिभावकगण का हृदय से विशेष आभार व्यक्त करता हूँ , की घर रहने के बावजूद उन सभी ने लगातार निस्स्वार्थ स्नेही सहयोग करते हुए मुझे उत्साहित रखा । 


      मैं हमारे विद्यालय के सभी हिंदी , संस्कृत , अंग्रेज़ी, चित्रकला , संगीत के अध्यापकगण का आभार व्यक्त करता हूँ , जिन्होंने अपना अमूल्य समय पत्रिका प्रकाशन में दिया तथा अपनी रचनाएँ भी पत्रिका हेतु प्रदान कीं। 


     साथ ही प्राचार्या श्रीमती अनीता दाश और प्रधानाध्यापक श्री अविराम दास का यदि आभार व्यक्त न करूँ तो कृतघ्न कहलाऊँगा । मैम ने पत्रिका हेतु सम्पादन का कार्यभार मुझे सौंपकर मुझपर उपकार किया , जिसके लिए मैं उनका आभारी हूँ और सर का हर समय सहयोगी स्वभाव मुझे संबल प्रदान करता रहा । 



    उन सभी का भी हार्दिक आभार जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में इस ई-पत्रिका प्रकाशन में हमारा सहयोग किया । 



आप सभी को अनंत शुभकामनाओं के साथ ही …


आभारी 


घनश्याम 

(सम्पादक - ई-पत्रिका -धर्मपद) 

स्नातकोत्तर शिक्षक हिंदी 

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक -४ ,

भुवनेश्वर 


     


      


         

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