सेवा में
श्रीमान उपायुक्त महोदय,
केन्द्रीय विद्यालय संगठन,
क्षेत्रीय कार्यालय
भुवनेश्वर।
विषय- विद्यालय को “क्रोधमुक्त क्षेत्र (Anger free zone)” के रूप में विकसित करने हेतु विस्तृत कार्य योजना।
महोदय,
उपर्युक्त विषयान्तर्गत सूचित किया जाता है कि निर्देशानुसार केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक -४ भुवनेश्वर को “क्रोधमुक्त क्षेत्र (Anger free zone)” के रूप में विकसित करने हेतु व्यापक कार्य योजना तैयार की गई है जो कि पत्र के साथ संलग्न है।
सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित।
सधन्यवाद
भवदीया
(श्रीमती अनिता दाश)
प्राचार्या
केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-४,
भुवनेश्वर
व्यापक कार्य योजना (क्रोध-मुक्त परिसर हेतु)
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-४ भुवनेश्वर परिसर को क्रोधमुक्त क्षेत्र के रूप में विकसित करने हेतु व्यापक कार्य योजना निम्नानुसार है-
प्रति सप्ताह सोमवार को मंच से शिक्षकों द्वारा अभिभाषण दिया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों को निम्नलिखित बातों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा :-
(i) संतुलित आहार ग्रहण करना एवं पर्याप्त नींद लेना।
(ii) शारीरिक व मानसिक स्वच्छता बनाए रखना।
(iii) शारीरिक श्रम को दिनचर्या में शामिल करना।
(iv) प्रात: काल व सांयकाल अनुलोम-विलोम प्राणायाम के साथ 5 मिनट का ध्यान।
(v) शारीरिक लचीलापन (physical flexibility) बनाए रखने के लिए नियमित योगासन।
(vi) प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में जल ग्रहण करना। विद्यालय में प्रतिदिन दूसरे और छठे कालांश में पानी पीने की घंटी लगेगी।
(vii) किसी अन्य व्यक्ति से कोई तुलना नही, स्वंय के उत्थान का संकल्प।
(viii) अहं भाव का परित्याग तथा विनम्रता व शिष्टाचार का अनुपालन।
(ix) संयम, शांति व सदभाव का प्रोत्साहन।
(x) नियमित दिनचर्या में खेल-कूद को अनिवार्यत: शामिल करना। यदि संभव हुआ तो अध्यापकगण व विद्यार्थियों की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन।
खेल कालांश में व्यायाम शिक्षा को नियमित आधार पर शामिल किया जाएगा।
प्रार्थना-सभा में गायत्री मंत्र और ॐ का उच्चारण नियमित करवाया जाएगा।
शिक्षकों द्वारा समय- समय पर ऐसी गतिविधियों का आयोजन किया जाना तय किया गया है जिनसे विद्यार्थियों में प्रेम, दया, परोपकर, सहायता, करुणा, मैत्री, संयम, संतोष, शुचिता, अनुशासन, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा जैसे जीवन मूल्यों का विकास हो क्योंकि ये ऐसे सकारात्मक मनोभाव हैं जिनके द्वारा क्रोध और लोभ जैसे मनोविकारों पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
विद्यालय में परामर्श व निर्देशन समिति का गठन किया जाना निश्चित किया गया जो किसी भी क्रोधग्रस्त विद्यार्थी को आवश्यकतानुसार सलाह और मार्गदर्शन उपलब्ध करवाएगी। इस समिति में निम्नलिखित सदस्यों को शामिल किया गया है :-
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