*सह पाठयक्रम गतिविधियाँ : अर्थ, परिभाषा, उदाहरण, महत्व एवं लाभ*:-
*€सह पाठयक्रम गतिविधियों का अर्थ*€
पहले सह पाठयक्रम गतिविधियों को पाठ्येतर गतिविधियाँ के रूप में जाना जाता था जो गैर शैक्षणिक पाठ्यक्रम का एक हिस्सा था। यह बच्चे और छात्रों के व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं को विकसित करने में मदद करता है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भावनात्मक, शारीरिक, आध्यात्मिक और नैतिक विकास जरूरी है जहाँ सह पाठयक्रम गतिविधियाँ पूरक के रूप में काम करता है। सह पाठयक्रम गतिविधियाँ आपके पाठयक्रम का ही नहीं बल्कि आपके जिंदगी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक ऐसी गतिविधियाँ है जो आपके बच्चे के विभिन्न विकास जैसे बौद्धिक विकास, भावनात्मक विकास, सामाजिक विकास, नैतिक विकास और सौंदर्य विकास में अहम् भूमिका निभाता है।
*#सह पाठयक्रम गतिविधिओं की परिभाषा#*
सह पाठयक्रम गतिविधियाँ एक ऐसा पाठयक्रम है जो मुख्य पाठ्यक्रम के पूरक के रूप में काम करता है। ये पाठ्यक्रम का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करने के साथ ही कक्षा शिक्षा को मजबूत करने में सहायक है। इस तरह की कार्यक्रम स्कूल के नियमित समय के बाद आयोजित किया जाता है इसलिए इसे पाठ्येतर गतिविधियां के रूप में जाना जाता है।
*#सह पाठयक्रम गतिविधिओं के उदाहरण#*
खेल
संगीत
बहस
कला
नाटक
बहस और चर्चा
भाषण प्रतियोगिता
कहानी लेखन प्रतियोगिता
निबंध लेखन प्रतियोगिता
कला शिल्प
प्रतियोगिता
सजावट
स्कूल पत्रिका में लेख
लोक संगीत
लोक नृत्य
फूलों की सजावट
स्कूल सजावट
मूर्ति निर्माण
फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता
चार्ट और मॉडल की तैयारी
एल्बम बनाना
फोटोग्राफी
क्ले मॉडलिंग
खिलौना बनाना
साबुन बनाना
टोकरी बनाना
त्योहार के उत्सव मानना
*#छात्र और सह पाठयक्रम गतिविधिओं की भूमिका#*
सह पाठयक्रम गतिविधिओं द्वारा छात्र व्यावहारिक ज्ञान के अनुभव को जान पाता है। बहुत हद तक यह क्लास शिक्षण और प्रशिक्षण को मजबूत करता है। बौद्धिक व्यक्तित्व के लिए क्लास रूम टीचिंग जरूरी है जबकि सौंदर्य विकास ,चरित्र निर्माण, आध्यात्मिक विकास इत्यादि में सह पाठयक्रम गतिविधिओं का होना जरूरी है। यह स्कूल तथा कॉलेज के छात्रों के बीच समन्वय, समायोजन , भाषण प्रवाह आदि विकसित करने के लिए मदद करता है।
*#सह पाठयक्रम गतिविधिओं के लाभ#*
वैसे तो सह पाठयक्रम गतिविधिओं के बहुत सारे फायदे हैं। लेकिन यहां पर कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया है।
* सह पाठयक्रम गतिविधियाँ खेल, अभिनय, गायन एवं कविता पाठ को प्रोत्साहित करता है।
*गतिविधियाँ जैसे खेल, बहस में भागीदारी, संगीत, नाटक, आदि शिक्षा को पूर्ण करने में मदद करता है।
*यह बहस के माध्यम से स्वतंत्र रूप से खुद को अभिव्यक्त करने के लिए छात्रों को सक्षम बनाता है।
* खेल बच्चों को फिट और ऊर्जावान बनने में मदद करता है।
*स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने के लिए मदद करता है।
* यह गतिविधियाँ बताता है कि किसी भी काम को संगठित रूप में कैसे करना चाहिए, कौशल विकसित कैसे किया जाये, सहयोग और विभिन्न प्रस्थिथिओं में समन्वय कैसे रखा जाये।
* यह समाजीकरण, आत्म-पहचान और आत्म मूल्यांकन का अवसर प्रदान करता है।
* यह निर्णय लेने में आप को एकदम सही बनाता है।
* यह अपनेपन की भावना विकसित करने में मदद करता है।
*#पाठयक्रम गतिविधियाँ के आयोजन में शिक्षक की भूमिका#*
1. शिक्षक को एक अच्छा योजनाकार होना चाहिए ताकि विभिन्न गतिविधियों को व्यवस्थित ढंग से पूरा किया जा सके।
2. शिक्षक का कर कर्त्तव्य होना चाहिए कि वह पाठयक्रम गतिविधियों प्रदर्शन करते हुए बच्चों को अधिक से अधिक अवसर दे।
3. शिक्षक को एक अच्छा आयोजक होना चाहिए ताकि छात्रों को इसके बारे में अधिक से अधिक फायदा उठा सके ।
*#आउटडोर सह पाठयक्रम गतिविधिओं की सूची#*
सामूहिक परेड
सामूहिक ड्रिल
योग
व्यायाम
साइकिल चलाना
बागवानी
क्रिकेट
फ़ुटबॉल
बास्केटबाल
वालीबाल
कबड्डी
खो-खो
हाथ गेंद
लंबी पैदल यात्रा
सामूहिक प्रार्थना
सुबह की सभा
पड़ोस में समाज सेवा
गांव सर्वेक्षण
*#इंडोर सह पाठयक्रम गतिविधिओं की सूची#*
नाटक
संगीत और नृत्य
चित्रांकन और रंगाई
सजावट
क्ले मॉडलिंग
प्राथमिक चिकित्सा
सिलाई
रंगोली
बुक बाइंडिंग
कार्ड बोर्ड काम
चमड़े का काम
आयोजन स्कूल पंचायत
कला और शिल्प
-👏👏 साभार
*€सह पाठयक्रम गतिविधियों का अर्थ*€
पहले सह पाठयक्रम गतिविधियों को पाठ्येतर गतिविधियाँ के रूप में जाना जाता था जो गैर शैक्षणिक पाठ्यक्रम का एक हिस्सा था। यह बच्चे और छात्रों के व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं को विकसित करने में मदद करता है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भावनात्मक, शारीरिक, आध्यात्मिक और नैतिक विकास जरूरी है जहाँ सह पाठयक्रम गतिविधियाँ पूरक के रूप में काम करता है। सह पाठयक्रम गतिविधियाँ आपके पाठयक्रम का ही नहीं बल्कि आपके जिंदगी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक ऐसी गतिविधियाँ है जो आपके बच्चे के विभिन्न विकास जैसे बौद्धिक विकास, भावनात्मक विकास, सामाजिक विकास, नैतिक विकास और सौंदर्य विकास में अहम् भूमिका निभाता है।
*#सह पाठयक्रम गतिविधिओं की परिभाषा#*
सह पाठयक्रम गतिविधियाँ एक ऐसा पाठयक्रम है जो मुख्य पाठ्यक्रम के पूरक के रूप में काम करता है। ये पाठ्यक्रम का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करने के साथ ही कक्षा शिक्षा को मजबूत करने में सहायक है। इस तरह की कार्यक्रम स्कूल के नियमित समय के बाद आयोजित किया जाता है इसलिए इसे पाठ्येतर गतिविधियां के रूप में जाना जाता है।
*#सह पाठयक्रम गतिविधिओं के उदाहरण#*
खेल
संगीत
बहस
कला
नाटक
बहस और चर्चा
भाषण प्रतियोगिता
कहानी लेखन प्रतियोगिता
निबंध लेखन प्रतियोगिता
कला शिल्प
प्रतियोगिता
सजावट
स्कूल पत्रिका में लेख
लोक संगीत
लोक नृत्य
फूलों की सजावट
स्कूल सजावट
मूर्ति निर्माण
फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता
चार्ट और मॉडल की तैयारी
एल्बम बनाना
फोटोग्राफी
क्ले मॉडलिंग
खिलौना बनाना
साबुन बनाना
टोकरी बनाना
त्योहार के उत्सव मानना
*#छात्र और सह पाठयक्रम गतिविधिओं की भूमिका#*
सह पाठयक्रम गतिविधिओं द्वारा छात्र व्यावहारिक ज्ञान के अनुभव को जान पाता है। बहुत हद तक यह क्लास शिक्षण और प्रशिक्षण को मजबूत करता है। बौद्धिक व्यक्तित्व के लिए क्लास रूम टीचिंग जरूरी है जबकि सौंदर्य विकास ,चरित्र निर्माण, आध्यात्मिक विकास इत्यादि में सह पाठयक्रम गतिविधिओं का होना जरूरी है। यह स्कूल तथा कॉलेज के छात्रों के बीच समन्वय, समायोजन , भाषण प्रवाह आदि विकसित करने के लिए मदद करता है।
*#सह पाठयक्रम गतिविधिओं के लाभ#*
वैसे तो सह पाठयक्रम गतिविधिओं के बहुत सारे फायदे हैं। लेकिन यहां पर कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया है।
* सह पाठयक्रम गतिविधियाँ खेल, अभिनय, गायन एवं कविता पाठ को प्रोत्साहित करता है।
*गतिविधियाँ जैसे खेल, बहस में भागीदारी, संगीत, नाटक, आदि शिक्षा को पूर्ण करने में मदद करता है।
*यह बहस के माध्यम से स्वतंत्र रूप से खुद को अभिव्यक्त करने के लिए छात्रों को सक्षम बनाता है।
* खेल बच्चों को फिट और ऊर्जावान बनने में मदद करता है।
*स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने के लिए मदद करता है।
* यह गतिविधियाँ बताता है कि किसी भी काम को संगठित रूप में कैसे करना चाहिए, कौशल विकसित कैसे किया जाये, सहयोग और विभिन्न प्रस्थिथिओं में समन्वय कैसे रखा जाये।
* यह समाजीकरण, आत्म-पहचान और आत्म मूल्यांकन का अवसर प्रदान करता है।
* यह निर्णय लेने में आप को एकदम सही बनाता है।
* यह अपनेपन की भावना विकसित करने में मदद करता है।
*#पाठयक्रम गतिविधियाँ के आयोजन में शिक्षक की भूमिका#*
1. शिक्षक को एक अच्छा योजनाकार होना चाहिए ताकि विभिन्न गतिविधियों को व्यवस्थित ढंग से पूरा किया जा सके।
2. शिक्षक का कर कर्त्तव्य होना चाहिए कि वह पाठयक्रम गतिविधियों प्रदर्शन करते हुए बच्चों को अधिक से अधिक अवसर दे।
3. शिक्षक को एक अच्छा आयोजक होना चाहिए ताकि छात्रों को इसके बारे में अधिक से अधिक फायदा उठा सके ।
*#आउटडोर सह पाठयक्रम गतिविधिओं की सूची#*
सामूहिक परेड
सामूहिक ड्रिल
योग
व्यायाम
साइकिल चलाना
बागवानी
क्रिकेट
फ़ुटबॉल
बास्केटबाल
वालीबाल
कबड्डी
खो-खो
हाथ गेंद
लंबी पैदल यात्रा
सामूहिक प्रार्थना
सुबह की सभा
पड़ोस में समाज सेवा
गांव सर्वेक्षण
*#इंडोर सह पाठयक्रम गतिविधिओं की सूची#*
नाटक
संगीत और नृत्य
चित्रांकन और रंगाई
सजावट
क्ले मॉडलिंग
प्राथमिक चिकित्सा
सिलाई
रंगोली
बुक बाइंडिंग
कार्ड बोर्ड काम
चमड़े का काम
आयोजन स्कूल पंचायत
कला और शिल्प
-👏👏 साभार
👏👏👍धन्यवाद🙏
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