ghanshyamsharmahindi.blogspot.com

Saturday, 4 April 2020

E content उल्टा पिरामिड शैली एवं सम्पादक

उल्टा पिरामिड शैली
उल्टा पिरामिड शैली एक लेखन शैली है जिसकी मदद से खबरें बुनी जाती है। इसे अंग्रेजी में इन्वर्टेड पिरामिड मैथड कहा जाता है।
विशेषता: -
● इस शैली में सबसे पहले समाचार का महत्त्वपूर्ण तथ्य लिखा जाता है।
● उसके बाद घटते हुए अन्य तथ्यों एवं सूचनाओं को लिखा जाता है।
● उलटा पिरामिड शैली में कहानी का क्लाइमेक्स अंत में नहीं , बल्कि खबर के प्रारम्भ में आ जाता है।
शैली के हिस्से: -
इस शैली के तीन हिस्से होते हैं जो इस प्रकार है - (1) इंट्रो या लीड इसे हिंदी में मुखड़ा कहा जाता है। (2) बॉडी इसमें समाचार के विस्तृत ब्योरे को घटते हुए क्रम में लिखा जाता है। और (3) समापन होता है।
महत्वपूर्ण प्रश्न: -
1.लाइव से क्या अभिप्राय है?
उ०: - किसी घटना का घटना-स्थल से सीधा प्रसारण लाइव कहलाता है |
2.भारत का पहला समाचार वाचक किसे माना जाता है?

उ०: - देवर्षि नारद
3.जन संचार का सबसे पहला महत्त्वपूर्ण तथा सर्वाधिक विस्तृत माध्यम कौन सा था ?

उ०: - समाचार-पत्र और पत्रिका
4.प्रिंट मीडिया के प्रमुख तीन पहलू कौन-कौन से  हैं ?

उ०: -​
● समाचारों को संकलित करना
● संपादन करना
● मुद्रण तथा प्रसारण
5.समाचारों को संकलित करने का कार्य कौन करता है ?

उ०: - संवाददाता
6.भारत में पत्रकारिता की शुरुआत कब और किससे हुई ?

उ०: - भारत में पत्रकारिता की शुरुआत सन १७८० में जेम्स आगस्ट हिकी के बंगाल गजट से हुई जो कलकत्ता से निकला था |
7.हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र किसे माना जाता है ?

उ०: - हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र ‘उदंत मार्तंड’ को माना जाता है जो कलकत्ता से पंडित जुगल किशोर शुक्ल के संपादन में निकला था |
8.आजादी से पूर्व कौन-कौन प्रमुख पत्रकार हुए?

उ०: - महात्मा गांधी , लोकमान्य तिलक, मदन मोहन मालवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी , माखनलाल चतुर्वेदी, महावीर प्रसाद द्विवेदी , प्रताप नारायण मिश्र, बाल मुकुंद गुप्त आदि हुए |
9.आजादी से पूर्व के प्रमुख समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के नाम लिखिए |

उ०: - केसरी, हिन्दुस्तान, सरस्वती, हंस, कर्मवीर, आज, प्रताप, प्रदीप, विशाल भारत आदि|
10. आजादी के बाद की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं तथा पत्रकारों के नाम लिखए |

उ०: - प्रमुख पत्र ---- नव भारत टाइम्स, जनसत्ता, नई दुनिया, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण आदि |
प्रमुख पत्रिकाएँ – धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, दिनमान , रविवार , इंडिया टुडे, आउट लुक आदि |
प्रमुख पत्रकार-  अज्ञेय, रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, मनोहरश्याम जोशी, राजेन्द्र माथुर, प्रभाष जोशी आदि ।
11.समाचार किसे कहते हैं?

उ०: - समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है,जिसमें अधिक से अधिक लोगों की  रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ता हो ।
12.समाचार के तत्त्वों को लिखिए |

उ०: - पत्रकारिता की दृष्टि से किसी भी घटना, समस्या व विचार को समाचार का रूप धारण करने के लिए उसमें निम्न तत्त्वों में से अधिकांश या सभी का होना आवश्यक होता है-
नवीनता, निकटता, प्रभाव, जनरुचि, संघर्ष, महत्त्वपूर्ण लोग, उपयोगी जानकारियाँ, अनोखापन आदि ।
13.डेडलाइन से आप क्या समझते हैं ?

उ०: - समाचार माध्यमों के लिए समाचारों को कवर करने के लिए निर्धारित समय-सीमा को डेडलाइन कहते हैं।
14.संपादन से क्या अभिप्राय है ?

उ०: - प्रकाशन के लिए प्राप्त समाचार-सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके पठनीय  तथा प्रकाशन योग्य बनाना संपादन कहलाता  है।
15. संपादकीय क्या है ?

उ०: - संपादक द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक लेख को, जिसे संबंधित समाचारपत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं।संपादकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता ।

16.समाचार  किस शैली में लिखे जाते हैं ?

उ०: - समाचार उलटा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं, यह समाचार लेखन की सबसे उपयोगी और लोकप्रिय शैली है। इस शैली का विकास अमेरिका में गृह युद्ध  के दौरान हुआ। इसमें महत्त्वपूर्ण घटना  का वर्णन पहले प्रस्तुत किया जाता है, उसके बाद महत्त्व की दृष्टि से घटते क्रम में घटनाओं को प्रस्तुत कर समाचार का अंत किया जाता है। समाचार में इंट्रो, बॉडी और समापन के क्रम में घटनाएँ  प्रस्तुत की जाती हैं।
17.समाचार के छह प्रकार कौन-कौन से हैं ?

उ०: - समाचार लिखते समय मुख्य रूप से छह प्रश्नों- क्या, कौन, कहाँ, कब, क्यों और कैसे का उत्तर देने की कोशिश की जाती है। इन्हें समाचार के छह ककार कहा जाता है। प्रथम चार प्रश्नों के उत्तर इंट्रो में तथा अन्य दो के उत्तर समापन से पूर्व बॉडी वाले भाग में दिए जाते हैं।
18.फ़ीचर क्या है?

उ०: - फ़ीचर एक प्रकार का  सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है ।
19.फ़ीचर लेखन का क्या उद्देश्य होता है ?

उ०: - फ़ीचर का उद्देश्य मुख्य रूप से पाठकों को सूचना देना, शिक्षित करना तथा उनका मनोरंजन करना होता है।
20.फ़ीचर और समचार में क्या  अंतर है ?

उ०: - समाचार में रिपोर्टर को अपने विचारों को डालने की स्वतंत्रता नहीं होती, जबकि फ़ीचर में लेखक को अपनी राय , दृष्टिकोण और भावनाओं को जाहिर करने का अवसर होता है । समाचार उल्टा पिरामिड शैली में  लिखे जाते हैं, जबकि फ़ीचर लेखन की कोई सुनिश्चित शैली नहीं होती । फ़ीचर में समाचारों की तरह शब्दों की सीमा नहीं होती। आमतौर पर फ़ीचर, समाचार रिपोर्ट से बड़े होते हैं । पत्र-पत्रिकाओं में प्राय: २५० से २००० शब्दों तक के फ़ीचर छपते हैं ।
21.विशेष रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं?

उ०: - सामान्य समाचारों से अलग वे विशेष समाचार जो गहरी छान-बीन, विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर प्रकाशित किए जाते हैं, विशेष रिपोर्ट कहलाते हैं ।
22. विशेष रिपोर्ट  के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए ।
उ०: -
1. खोजी रिपोर्ट : इसमें अनुपल्ब्ध तथ्यों को गहरी छान-बीन  कर सार्वजनिक किया जाता है।
2. इन्डेप्थ रिपोर्ट:  सार्वजानिक रूप से प्राप्त तथ्यों की गहरी छान-बीन कर उसके महत्त्वपूर्ण पक्षों को पाठकों के सामने लाया जाता है ।
3. विश्लेषणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या का विवरण सूक्ष्मता के साथ विस्तार से दिया जाता है । रिपोर्ट अधिक विस्तृत होने पर कई दिनों तक किस्तों में प्रकाशित की जाती है ।
4. विवरणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या को विस्तार एवं बारीकी के साथ प्रस्तुत किया जाता है।
23. विचारपरक लेखन किसे कहते हैं ?

उ०: - जिस लेखन में विचार एवं चिंतन की प्रधानता  होती है, उसे  विचार परक लेखन कहा जाता है।समाचार-पत्रों में समाचार एवं फ़ीचर के अतिरिक्त संपादकीय, लेख, पत्र, टिप्पणी, वरिष्ठ पत्रकारों व विशेषज्ञों के स्तंभ छपते हैं। ये सभी विचारपरक लेखन के अंतर्गत आते हैं।
24.संपादकीय से क्या अभिप्राय है ?

उ०: - संपादक द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक  लेख को, जिसे संबंधित समाचारपत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं ।  संपादकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता ।
25.स्तंभ लेखन से क्या तात्पर्य है ?

उ०: - यह एक प्रकार का विचारात्मक लेखन है। कुछ महत्त्वपूर्ण लेखक अपने खास वैचारिक रुझान एवं लेखन शैली  के लिए जाने जाते हैं। ऐसे लेखकों की लोकप्रियता को देखकर समाचरपत्र उन्हें अपने पत्र में नियमित स्तंभ-लेखन की जिम्मेदारी प्रदान करते हैं। इस प्रकार किसी समाचार-पत्र में किसी ऐसे लेखक द्वारा किया गया विशिष्ट एवं नियमित लेखन जो अपनी विशिष्ट शैली एवं वैचारिक रुझान के कारण समाज में ख्याति-प्राप्त हो, स्तंभ लेखन कहा जाता है ।
26.संपादक के नाम पत्र से आप क्या समझते हैं ?

उ०: - समाचार पत्रों में संपादकीय पृष्ठ पर तथा पत्रिकाओं की शुरुआत में संपादक के नाम आए पत्र प्रकाशित किए जाते हैं । यह प्रत्येक समाचारपत्र का नियमित स्तंभ होता है। इसके माध्यम से समाचार-पत्र अपने पाठकों को जनसमस्याओं तथा मुद्दों पर अपने विचार एवं राय व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है ।

No comments:

Post a Comment

ADMISSION 2025-26। KVS। All files 🙏साभार संकलन🙏

 ➡️➡️   KVS ADMISSION 2025-26 ALL FILES click here ADMISSION 2025-26 ALL FILES click here