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Saturday, 4 April 2020

E content मनोहर श्याम जोशी , वितान

1.  मनोहर श्याम जोशी (सिल्वर वैडिंग)
पाठ का सार:-
* यशोधर बाबू कहानी के मुख्य पात्र हैं।
* होम मिनिस्ट्री में सेक्शन ऑफिसर थे।
* किशन दा उनके आदर्श थे।
* यशोधर बाबू परंपरा को मानने वाले थे।
* वे पश्चिमी संस्कृति को नहीं मानते थे।
* यशोधर बाबू की पत्नी और बच्चे पश्चिमी संस्कृति से बहुत प्रभावित थे।
* यह बात उन्हें अच्छी नहीं लगती थी।  
* यशोधर बाबू को अपने बच्चों का व्यवहार अच्छा नहीं लगता था। बच्चे उनका सम्मान नहीं    करते थे।
* वे कभी अपने परिवार से जुड़ नहीं पाए।
* पत्नी और बच्चों के साथ उनका मतभेद था।
* यह पाठ दो पीढ़ियों के अंतराल को बताता है।
* यशोधर बाबू संस्कारों से जुड़ना चाहते हैं।
* वे संयुक्त परिवार की संवेदना महसूस करते हैं |
प्रश्न –1 यशोधर बाबू के व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए |
उत्तर : सिद्धान्तवादी व्यक्ति ,कर्मठ परिश्रमी और ईमानदार एवं कुशल सेक्शन अफसर |
​सामाजिक मूल्यों की गहरी परख
​परिवार, समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन
​संवेदनशील –नई पीढ़ी के साथ वैचारिक समंजस्य न बैठा पाने के कारण हाशिए पर चले ​जाने का दंश झेलते है फलत: अकेलापन ही उनका साथी हो जाता है  |    
प्रश्न –2 यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है,लेकिन यशोधर बाबू ​असफल  रहते हैं क्यों?
उत्तर-  यशोधर बाबू अपने आदर्श किशन दा से अधिक प्रभावित हैं और आधुनिक परिवेश में बदलते हुए जीवन मूल्यों और संस्कारों के विरुद्ध है | जबकि उनकी पत्नी अपने बच्चों के साथ खड़ी दिखाई देती हैं| वह अपने बच्चों के आधुनिक दृष्टिकोण से प्रभावित हैं और इसे समय की जरूरत भी मानती हैं | इसलिए यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ परिवर्तित होती हैं ,लेकिन यशोधर बाबू अभी भी किशन दा  के संस्कारों और परम्पराओं से चिपके हुए है |

प्र.3-‘यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है’-इस कथन के पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए |

उत्तर- यशोधर बाबू एक सामजिक व्यक्ति थे | अपनी नौकरी शुरू करने के साथ उन्होंने संयुक्त परिवार अपने साथ रखा था | इसी प्रकार सालों में कुमाउनी परम्परा से संबंधित आयोजन भी किया करते थे | यशोधर बाबू एक असंतुष्ट पिता भी थे |अपनी संतानों के साथ उनका संबंध सामान्य नहीं था |अपने पारिवारिक माहौल से बचने के लिए ही वे जान बूझकर अधिक समय तक घर से बाहर रहने की कोशिश करते थे |यशोधर बाबू परम्परावादी व्यक्ति थे | उन्हें सामाजिक रिश्तों को निबाहने में आनंद आता है | अपनी बहन को नियमित तौर पर पैसा भेजते हैं |आधुनिकता के विरोधी होने के बाद भी उन्हें अपने बेटों की प्रगति अच्छी लगती है |नई पीढ़ी को उनके आदर्शों को अपनाना तो चाहिए पर उसमें समयानुकूल परिवर्तन आवश्यक है पुरानी बातों को उसी रूप में अपनाना व्यावहारिक नहीं होगा |
प्र.4-सिल्वर वेडिंग के आधार पर यशोधर बाबू के सामने आई किन्हीं दो ‘समहाउ इम्प्रोपर’स्थितियों का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- कहानीकार ने यशोधर बाबू के बेटे,बेटी और उनकी पत्नी के माध्यम से नए जमाने की सोच को दर्शाया है |ऑफिस के सहयोगियों के माध्यम से नयी सोच का पता चलता है |इन सारी स्थितियों में यशोधर बाबू जिन घटनाओं या बातों से तालमेल नहीं बिठा पाते हैं,उन्हें वे ‘समहाउ इम्प्रोपर’ कहकर अभिव्यक्त करते हैं|इस तरह की इतनी अधिक स्थितियां उनके सामने आती हैं कि वाक्यांश उनका जुमला बन जाता है |यह वाक्यांश उनके असंतुलन एवं असहज व्यक्तित्व को अर्थ प्रदान करता है |कहानी के अंत में यशोधर जी के व्यक्तित्व की सारी विशेषता उभरती है |नये ज़माने और पुरानी पीढ़ी के बीच का अंतर स्पष्ट होता है |



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