2. आलोक धन्वा
(पतंग)
महत्त्वपूर्ण बिंदु
● मौसम एवं ऋतुओं की जानकारी |
● देसी व अंग्रेजी महीनों की जानकारी |
● कविता में मह्त्त्वपूर्ण अलंकार, प्रतीक, बिम्ब जैसे –आंखों जैसा लाल सेवेरा, शरद आया पुलों को पार करते हुए ।
● पतंग बच्चों की उमंग का रंग-बिरंगा सपना है जिनके जरिए वे आसमान की ऊंचाइयों
को छूना चाहते हैं तथा उसके पार जाना चाहते हैं।
● बिम्बात्मक शैली का प्रयोग ।
● बाल- चेष्टा का अनूठा वर्णन।
● शरद- ऋतु का मानवीकरण ।
सौन्दर्य बोध के प्रश्न –
“जन्म से ही लाते हैं अपने साथ कपास
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं |
छतों को और भी नरम बनाते हुए
जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं
दाल की तरह लचीले वेग से अक्सर |”
(1) ‘जन्म से ही लाते हैं अपने साथ कपास’ इस पंक्ति की भाषा की विशेषता बताइए |
(2) पंक्ति में प्रयुक्त लाक्षणिक अर्थ बताइए |
(3) सुनहला सूरज किसका प्रतीक है ?
उत्तर (क) मानक हिंदी भाषा, प्रतीकों का सुंदर प्रयोग, सरल शब्दावली |
(ख) कपास का प्रयोग विशिष्ट है| यह बच्चों के शरीर के सुकोमल, लोच, नरमी, सहनशीलता और शक्ति की और संकेत करता है| बच्चों का शरीर, त्वचा, भाव सभी कुछ अनंत कोमलता से युक्त होता है| कपास बच्चों की कोमलता का प्रतीक है|
(ग) सुनहले सूरज से तात्पर्य सूरज जैसे तेज़ प्रकाश से युक्त उत्साह से भरे हुए, निडर |
काव्यांश पर पूछे गए प्रश्न :-
“सबसे तेज बौछारें गयीं भादों गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नयी चमकीली साईकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए
पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुण्ड को
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके|”
(क) प्रातः काल की तुलना किससे की गयी है और क्यों ?
(ख) शरद के आने की तुलना किससे की गयी है और क्यों ?
(ग) आकाश को मुलायम बनाने से क्या तात्पर्य है ?
(घ) काव्यांश में चित्रित प्रकृति सौंदर्य का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए |
उत्तर :-
(1) खरगोश की लाल आँखों से , रंग व चमक की समानता के कारण |
(2) साइकिल चलाते बच्चे से, क्योंकि शरद में बच्चे के समान उत्साह बना रहता है और वह तेजी से आता है तथा चमकीला है|
(3) बच्चों की कोमलता के कारण | बच्चे इतने कोमल होते हैं कि उनके प्रभाव से आकाश भी कोमल प्रतीत होने लगता है|
(4) चमकीला आसमान, धूप की चमक, शीतल मंद हवा, साफ़ हवा|
महत्त्वपूर्ण प्रश्न :-
1. ‘सबसे तेज़ बौछारें गयी भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है , उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए |
उत्तर :- कवि ने इन पंक्तियों में मौसम में होने वाले परिवर्तन को दर्शाया है | भादो वर्षा ऋतु का अंतिम महीना होता है | इस मौसम में आकाश में बादलों के छाये रहने से अँधेरा बना रहता है तथा वर्षा होती रहती है परन्तु इसके बाद जैसे ही शरद ऋतु का आगमन होता है आकाश एकदम साफ़ स्वच्छ और उजला हो जाता है | सवेरे के समय आकाश में लालिमा छाई रहती है जो खरगोश की आँखों जैसी लगती है तथा मौसम एकदम खुशनुमा हो जाता है |
2. ‘जन्म से ही वे लाते हैं अपने साथ कपास’ – कपास के बारे में सोचें की कपास से बच्चों का क्या सम्बन्ध बन सकता है?
उत्तर :- कपास की तरह ही बच्चे भी जन्म से ही कोमल और मुलायम होते हैं | बच्चों के सपने कपास से बनी डोर के सामान होते हैं ,जो पतंग की तरह ऊँची उड़ान भरते हैं |बच्चे कपास की तरह कोमल आकर्षक और लचीले होते हैं लचीलेपन के कारण ही वो एक छत से दूसरी छत पर आसानी से छलांग लगा लेते हैं साथ ही उनकी भावनाएँ भी कपास के सामान स्वच्छ होती हैं यही कारण है की इन दोनों में समानता बताई गयी है |
3. ‘रोमांचित शरीर का संगीत’ के जीवन की लय से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर :- जब व्यक्त किसी कार्य को करने के लिए उत्साहित होता है तो उस कार्य में आने वाली सभी बाधाएँ आसानी से पार कर लेता है | व्यक्ति अपने जीवन में जितना रोमांचित होगा उतना ही कार्य के प्रति तन्मयता आती है | बच्चे भी पतंग उड़ाते समय बहुत उत्साहित और रोमांचित होते हैं इसी कारण छतों के किनारे से गिरने का डर उनको नही होता यदि व्यक्ति के जीवन में रोमांच भरा होता है तो उसके जीवन में उमंगो की एक लहर बनी होती है जो उसके जीवन को लय ताल प्रदान करती है और वो अपने जीवन के लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर लेता है |
4.पृथ्वी का प्रत्येक कोना बच्चों के पास स्वत: कैसे आ जाता है ?
उत्तर :- जब बच्चे पतंग उड़ाते है तो वे सब कुछ भूल जाते हैं और वो चाहते हैं की उनकी पतंग सबसे ऊंची उड़े और पतंग उड़ाते वक़्त वो भूल जाते हैं की वो कहाँ भाग रहे हैं और पतंग की रंगीन दुनिया में खो जाते हैं , इसीलिए पृथ्वी का प्रत्येक कोना उनके लिए अपने आप सिमटता चला जाता है | इसी कारण से कहा गया है कि पृथ्वी का प्रत्येक कोना बच्चों के पास स्वतः आ जाता है |
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