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Thursday 30 April 2020

नवीं पाठ योजना ...एक कुत्ता और एक मैना

इकाई पाठ – योजना
कक्षा     नवमीं
पुस्तक     – क्षितिज (भाग-)
विषय-वस्तु – लेख (निबंध)
प्रकरण      एक कुत्ता और मैना 
शिक्षणउद्देश्य :-
(1) ज्ञानात्मक –
(1) मनुष्य-मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार कीजानकारी देना।
(2) रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के महान व्यक्तित्व से परिचित कराना
(3) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के जीवन का संक्षिप्त परिचय प्राप्त करना
(4) नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्दभंडार में वृद्धि करना।
(5) साहित्य के गद्य –विधा ( निबंधकीजानकारी देना।
(6) छात्रों को हिन्दी के साहित्यकारों के बारे मेंजानकारी देना।
(7) नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।
(8) जीव-जंतुओं के अंतर्मन को समझकर उनके प्रति प्रेम एवं दया भाव रखना
(2) कौशलात्मक -
(1) स्वयं निबंध लिखने की योग्यता का विकासकरना।
(2) पाठ में वर्णित घटनाओं का तथ्य संग्रह करना।
(3) बोधात्मक – 
(1) साहित्यकार आचर्य हजारी प्रसाद द्विवेदा के जीवन-वृत्त से परिचित होना।
(2) रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।
(3) निबंध में वर्णित महत्त्वपूर्ण नैतिक मूल्यों कीसूची बनाना
(4) समाज में जीवन के प्रति स्वस्थ दॄष्टिकोणका विकास करना।
(4) प्रयोगात्मक – 
(1) निबंध की बातों को अपने दैनिक जीवन केसंदर्भ में जोड़कर देखना।
(2) गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का चरित्र-चित्रणकरना 
(3) निबंध का सारांश अपने शब्दों में लिखना।
सहायक शिक्षण – सामग्री:-
(1) चाक , डस्टर आदि।
(2) पावर प्वाइंट के माध्यम से पाठ की प्रस्तुति।
पूर्व ज्ञान:-
(1) रवीन्द्रनाथ टैगोर के जीवन का थोड़ा-बहुतज्ञान है।
(2) सामाजिक जीवन की अच्छाइयों औरबुराइयों से परिचित हैं
(3) निबंध - रचना का ज्ञान है।
(4) साहित्यिक-भाषा की थोड़ी-बहुत जानकारीहै।
(5) मानवीय स्वभाव की जानकारी है।
(6) जीव-जंतुओं के स्वभाव से परिचित हैं।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
(1) बच्चो! क्या आप गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के जीवन से परिचित हैं ? 
(2) क्या आप कुत्ते और मैना के स्वभाव बारे में कुछ जानतेहैं ?  
(3) मनुष्य की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए।
(4) क्या आपने कभी किसी प्राणी के जीवन को गौर से देखा है ?
(5) आप जीव-जंतुओं के प्रति मानवीय स्वभाव में किस प्रकार के बदलाव देखते हैं ?
उद्देश्य कथन :- बच्चोआज हम प्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य हजारे प्रसाद द्विवेदी के द्वारा रचित निबंध ‘ एक कुत्ता और एक मैना ’ काअध्ययन करेंगे।
पाठ की इकाइयाँ
प्रथम अन्विति   ( आज से कई वर्ष …………दिखाई दे रही है )
•  श्रीनिकेतन का तिमंज़िला मकान
•  लेखक का गुरूदेव से प्रथम मिलन ।
•  गुरुदेव से वार्तालाप।
•  कुत्ते के प्रति गुरुदेव का प्यार।
              द्वितीय अन्विति :  ( हम लोग उस कुत्ते…………….कौए दिखाई दिए )
• कुत्ते के प्रति लिखी कविता का सार। 
• गुरुदेव की मृत्यु पर कुत्ते का शोक
• लेखक का गुरुदेव के साथ बगीचे में भ्रमण
       तॄतीय अन्विति -  एक दूसरी बार…………..उसका गायब हो जाना )
• मैना के प्रति गुरुदेव के विचार
• लेखक का मैना-दंपत्ति के क्रियाकलापों का वर्णन करना
• मैना-दंपत्ति का आपसी वार्तालाप
• गुरुदेव के द्वारा मैना पर लिखी कविता का सार
• मैना के प्रति लेखक का दुख।
शिक्षण विधि :-
क्रमांक
अध्यापक - क्रिया
छात्र - क्रिया
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निबंध का सारांश :- ‘ एक कुत्ता और एक मैना ’ निबंध में न केवल पशु-पक्षियों के प्रति मानवीय प्रेम प्रदर्सित है, बल्कि पशु-पक्षियों से मिलने वाले प्रेम, भक्ति, विनोद और करुणा जैसे मानवीय भावों का भी विस्तार है। समें रवीन्द्रनाथ की कविताओं और  उनसे जुड़ी स्मृतियों के ज़रिए गुरुदेव की संवेदनशीलता, आंतरिक विराटता और  सहजता के चित्र तो उकेरे ही गए हैं, पशु-पक्षियों के संवेदनशील जीवन का भी बहुत सूक्ष्म निरीक्षण है। यह निबंध सभी जीवों से प्रेम की प्रेरणा देता है।
निबंध को ध्यानपूर्वक सुनना औरसमझने का प्रयास करना।आधुनिकता की भावना को आत्मसात करते हुए वर्तमान जीवन से प्रेरणा प्राप्त करना।
२.
लेखक परिचय :- हजारी प्रसाद द्विवेदी (जन्म १९०७ मृत्यु १९७९) ने उच्च शिक्षा काशी हिंन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त की और शांतिनिकेतन तथा काशे हिन्दू विश्वविद्यालय एवं पंजाब विश्वविद्यालय में अध्यापन – कार्य किया। 
द्विवेदी जी ने साहित्य की अनेक विधाओं में उच्च कोटि के रचनाएँ कीं। उनके ललित निबंभ विशेष उल्लेखनीय हैं। जटिल, गंभीर और दर्शन प्रधान बातों को बी सरल, सुबोध एवम मनोरंजन ढंग से प्रस्तुत करना उनके लेखन की विशेषता है। 
अशोक के फूल, कुटज, कल्पलता, बाणभट्ट ले आत्मकथा पुनर्नवा, हिन्दी साहित्य का उद्भव और विकास, हिन्दी साहित्य की भूमिका , कबीर उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं ।
लेखक के बारे में दी गई जानकारी को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।
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शिक्षक के द्वारा निबंध का उच्च स्वर में पठन करना।
उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यानसे सुनना।
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निबंध के अवतरणों की व्याख्या करना।
निबंध को हॄदयंगम करने की क्षमताको विकसित करने के लिए लेख कोध्यान से सुनना। लेख से संबधितअपनी जिज्ञासाओं का निराकरणकरना।
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कठिन शब्दों के अर्थ :-
क्षीणवपु – कमजोर शरीर  , प्रगल्भ- वाचाल
परितृप्ति – पूरी तरह संतोष प्राप्त करना
प्राणपण – ज़ान की बाज़ी ,  मर्मभेदी – दिल को लगने वाला ,   तितल्ले – तीसरी मंज़िल पर अभियोग – आरोप
ईषत – आंशिक रूप से , निर्वास्न – देश निकाला
बिड़ाल – बिलाव ,  मुखातिब – संबोधित होकर
सर्वव्यापक – सब में रहने वाला ,  अपरिसीम – असीमित
यूथभ्रष्ट – समुह से निकला हुआ , धृष्ट – लज्जा रहित
उत्तरायण – शांतिनिकेतन में उत्तर दिशा की ओर बना रवींद्रनाथ टैगोर का एक निवास-स्थान
शब्दार्थ अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।
छात्रों द्वारा पठित दों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूरकरना।
छात्रों द्वारा पठन।
पाठ में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।
• क्रिया
• शब्द युग्म
• उपसर्ग
व्याकरण के इन अंगों के नियमप्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका में लिखना।

गृह – कार्य :-
(1) पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठनकरना।
(2) पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना।
(3) पाठ के प्रमुख सूचनाओं की संक्षेप में सूची तैयारकरना।
(4) पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोगकरना।
परियोजना कार्य :-
(1) पशु-पक्षियों पर लिखी कविताओं का संग्रह करना
(2) ‘ पशु-पक्षियों से प्रेम ’ विषय पर एक लेख लिखिए।
मूल्यांकन :- 
निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
1. पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न
➢ गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया ?
➢ मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्प्ष्ट कीजिए।
➢ गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?
2. इकाई परीक्षाएँ
3. गृह – कार्य
4. परियोजना कार्य





विषय शिक्षक के हस्ताक्षरप्राचार्य के हस्ताक्षर

2 comments:

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