*चलते-चलते:0320*
*⚜तीन मुक्तक (कोरोना)⚜*
*कोरोना घातक है लेकिन, घबराना तो ठीक नहीं।*
*लापरवाही से यहाँ वहाँ पर, आना जाना ठीक नहीं।*
*अगर बचोगे खुद ही खुद तो, गैर स्वयं बच जाएंगे।*
*नासमझी में अफवाहों को, यूँ फैलाना ठीक नहीं।।*
🌹
*कोरोना का क्यूँ कर रोना, उपचार हमारे हाथों में।*
*रक्षा और सुरक्षा का, अधिकार हमारे हाथों में।*
*तन से तन की दूरी रक्खें, और स्वच्छता खूब रहे।*
*हम चाहें तो खुशियों का, संसार हमारे हाथों में।।*
🌹
*सरकारों की कोशिश में कुछ, हम भी हाँथ बटाएं।*
*और मिले निर्देश उन्हें हम, अंतस से अपनाएं।*
*भेदभाव को भूलभाल कर, मिलकर जतन करें।*
*मिलजुलकर इस कोरोना को, आओ मार भगाए।।*
सर्वाधिकार सुरक्षित
*🌹ओम अग्रवाल (बबुआ), मुंबई*
20032020
*⚜तीन मुक्तक (कोरोना)⚜*
*कोरोना घातक है लेकिन, घबराना तो ठीक नहीं।*
*लापरवाही से यहाँ वहाँ पर, आना जाना ठीक नहीं।*
*अगर बचोगे खुद ही खुद तो, गैर स्वयं बच जाएंगे।*
*नासमझी में अफवाहों को, यूँ फैलाना ठीक नहीं।।*
🌹
*कोरोना का क्यूँ कर रोना, उपचार हमारे हाथों में।*
*रक्षा और सुरक्षा का, अधिकार हमारे हाथों में।*
*तन से तन की दूरी रक्खें, और स्वच्छता खूब रहे।*
*हम चाहें तो खुशियों का, संसार हमारे हाथों में।।*
🌹
*सरकारों की कोशिश में कुछ, हम भी हाँथ बटाएं।*
*और मिले निर्देश उन्हें हम, अंतस से अपनाएं।*
*भेदभाव को भूलभाल कर, मिलकर जतन करें।*
*मिलजुलकर इस कोरोना को, आओ मार भगाए।।*
सर्वाधिकार सुरक्षित
*🌹ओम अग्रवाल (बबुआ), मुंबई*
20032020
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