केन्द्रीय विद्यालय संगठन हैदराबाद संभाग
पूर्व बोर्ड परीक्षा -2, 2018 -19
कक्षा - बारहवीं समय- 3.00 घंटे विषय – हिंदी(केंद्रिक) पूर्णांक -80
सामान्य निर्देश -- कृपया जाँच कर लें कि इस प्रश्न पत्र में चार खंड-क,ख,ग,घ एवं कुल14 प्रश्न हैं।
इस प्रश्न पत्र को पढ़ने के लिए 15 मिनट का समय दिया गया है।
खण्ड ‘क’
1 . निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : 12
स्वास्थ्य जीवधारियों के आनंदमय जीवन की कुंजी है; क्योंकि स्वास्थ्य के बिना जीवधारियों की समस्त क्रियाएँ- प्रक्रियाएँ रुक जाती हैं, शिथिल हो जाती हैं। जीवन को जल भी इसलिए कहा जाता है। जिस प्रकार रुका जल सड़ जाता है,दुर्गंधयुक्त हो जाता है, ठीक इसी प्रकार शिथिल और कर्महीन जीवन खो जाता है। स्वास्थ्य शरीर और खेल-कूद का परस्पर गहरा संबंध है। पशु-पक्षी हो या मनुष्य, जो खेलता-कूदता नहीं, वह उत्फुल्ल और प्रसन्न रह ही नहीं सकता।जब हम खेलते हैं तो हममें नया प्राणवेग,नई स्फूर्ति ओर नई चेतना आ जाती है। हम देखते हैं कि हवा के झोंके एक दूसरे का पीछा करते हुए दूर-दूर तक दौड़ते हैं, वृक्ष की शाखाओं को हिला-हिलाकर अठखेलियाँ करते हैं। आकाश में उड़ते पक्षी तरह-तरह की क्रीड़ाएँ करते हैं। हमें भी जीवन-जगत में प्रेरणा लेते हुए खुले मन से खेल-कूद में भाग लेना चाहिए।
(क) स्वास्थ्य जीवधारियों के लिए क्यों आवश्यक है?2
(ख) जीवन को जल क्यों कहा गया है?2
(ग) स्वास्थ्य और खेल-कूद का परस्पर क्या संबंध है?2
(घ) उदाहरण देते हुए सिद्ध कीजिए कि प्रकृति भी खेल-कूद पसंद करती है?2
(ड) कर्म का स्वास्थ्य से क्या संबंध है?2
(च) हममें नया प्राणवेग,नई स्फूर्ति ओर नई चेतना कब आ जाती है 2
2 .निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-- 1x4=4
पथ बंद है पीछे अचल है पीठ पर धक्का प्रबल।
मत सोच बढ़ चल तू अभय, ले बाहु में उत्साह-चल।
जीवन-समर के सैनिकों संभव असंभव को करो
पथ-पथ निमंत्रण दे रहा आगे कदम,आगे कदम।
ओर बैठने वाले तुझे देगा न कोई बैठने।
पल-पल समर, नूतन सुमन-शय्या न देगा लेटने।
आराम संभव है नहीं जीवन सतत संग्राम है
बढ़ चल मुसाफिर धर कदम, आगे कदम,आगे कदम।
ऊँचे हिमानी शृंग पर, अंगार के भू-भृंग पर
तीखे करारे खंग पर आरम्भ कर अद्भुत सफ़र ओर नौजवाँ,निर्माणके पथ मोड़ दे, पथ खोल दे जय-हार में बढ़ता रहे आगे कदम, आगे कदम।
(क) इस काव्यांश में कवि किसे और क्या प्रेरणा दे रहा है?
(ख) किस पंक्ति का आशय है–- जीवन के युद्ध में सुख-सुविधाएँ चाहना ठीक नहीं? (ग) अद्भुत सफ़र की अद्भुतता क्या है? (घ) आशय स्पष्ट कीजिए –‘जीवन सतत संग्राम है।‘
खण्ड ‘ख’
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अनुच्छेद लिखिए । 5
(क) जीवन की उपयोगिता
(ख) भ्रष्टाचार का दानव (ग) भारत का बदलता स्वरूप (घ) कमर तोड़ महँगाई
4.आपके क्षेत्र में भीषण बाढ़ के कारण मची तबाही और राहत कार्यों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तुरंत कदम उठाने का अनुरोध कीजिए। 5
अथवा
खराब सड़कें व बढ़ते सड़क हादसे की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए अपने नगर पालिका के आयुक्त को पत्र लिखिए |
5. संक्षेप में उत्तर दीजिए – -1x4=4
(क) मुद्रण माध्यम (प्रिंट मिडिया) की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ?
(ख) भारत में पहला छापाखाना कब और कहाँ खुला ?
(ग) बीट किसे कहते हैं ?
(घ) खोजी पत्रकारिता से क्या आशय हैं?
6.‘विस्फोटों का सिलसिला’ अथवा ‘आज की तनाव ग्रस्त जीवन शैली ‘किसी एक विषय पर आलेख लिखिए | 3
अथवा
हाल ही में अपनी पढी किसी पुस्तक की संक्षिप्त समीक्षा कीजियेI
7.‘महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अपराध’ (या) शिक्षा का बदलता स्वरुप विषय पर एक फीचर लिखिए। 3
खण्ड ‘ग’
8. निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –2x3=6
मैं निज उर के उदगार लिए फिरता हूँ,
मैं निज उर के उपहार लिए फिरता हूँ,
मैं यह अपूर्ण संसार न मुझको भाता
मैं सपनों का संसार लिए फिरता हूँ।
मैं जला हृदय में अग्नि, दहा करता हूँ,
सुख-दुख दोनों में मग्न रहा करता हूँ,
जग भव-सगार तरने को नाव बनाए,
मैं भव मौजों पर मग्न बहा करता हूँ। (क) कवि क्या लिए फिरता है ?
(ख) कवि को यह संसार कैसा प्रतीत होता है ?
(ग) कवि किस मन: स्थिति में रहता है ?
अथवा
धूत कहौ , अवधूत कहौ , रजपुतु कहौ, जोल्हा कहौ कोऊ ।।
काहूकी बेटीसों बेटा न ब्याहब , काहू की जाति बिगार न सोऊ ।।
तुलसी सरनाम गुलामु है रामको, जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ ।।
माँगि कै खैबो,मसीत को सोइबो, लैबो को एकु न दैबो को दोऊ।।
(क) कवि तुलसी लोगों से क्या कहते हैं ?
(ख) तुलसीदास तत्कालीन समाज की परवाह क्यों नहीं करते थे ?
(ग) तुलसीदास स्वयं को किसका गुलाम मानते थे ?
9. निम्नलिखित काव्यांश पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :2+2=4
नभ में पाँती बँधे बगुलों के पंख
चुराए लिए जातीं मेरी वे आँखें
कजरारे बादलों की छाई नभ छाया
तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया ।
हौले-हौले जाती मुझे बाँध निज माया से ।
(क) काव्यांश की भाषा पर टिप्पणी कीजिए ।
(ख) काव्यांश का भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ।
अथवा
प्रभु प्रलाप सुनि कान बिकल भए बानर निकर ।
आइ गयउ हनुमान जिमि करुना महं वीर रस ।
(क)हनुमान के आगमन को ‘करुण रस में वीर रस का आगमन’ क्यों कहा गया है? इसका सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ।
(ख) अनुप्रास अलंकार के दो उदाहरण छाँटकर उनका सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ।
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 3+3=6
(क)” छोटा मेरा खेत” कविता में छोटे चौकोने खेत को कागज़ का पन्ना क्यों कहा गया है?
(ख) पतंगों के साथ वे भी उड़ रहे हैं – बच्चों का उड़ान से क्या संबंध बनता है ?
(ग) पेट की ज्वाला को शांत करने के लिए लोग कैसे-कैसे काम करने को विवश हो जाते हैं ?
11.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : -2x3=6
शिरीष तरु सचमुच पक्के अवधूत की भांति मेरे मन में ऐसी तरंग जगा देता है जो ऊपर की ओर उठती रहती है। इस चिलकती धूप में इतना सरस वह कैसे बना रहता है?क्या ये बाह्य परिवर्तन धूप, वर्षा, आँधी,लू –-अपने आप में सत्य नहीं है? हमारे देश के ऊपर से जो यह मार-काट, अग्निदाह, लूट-पाट,खून-खच्चर का बवंडर बह गया है, उसके भीतर भी क्या स्थिर रहा जा सकता है?शिरीष रह सका है। अपने देश का एक बूढ़ा रह सका था। क्यों मेरा मन पूछता है कि ऐसा क्यों संभव हुआ? क्योंकि शिरीष भी अवधूत है।शिरीष वायुमंडल से रस खींचकर इतना कोमल और इतना कठोर है। गाँधी भी वायुमंडल से रस खींचकर इतना कोमल और इतना कठोर हो सका था। मैं जब –जब शिरीष की ओर देखता हूँ तब – तब हूक उठती है –- हाय, वह अवधूत आज कहां है !
(क) वर्तमान समाज की उथल-पुथल के संदर्भ में शिरीष–वृक्ष से क्या प्रेरणा ग्रहण की जा सकती है? (ख) लेखक ने ‘एक बूढ़ा’किसे कहा है? किस संदर्भ में उसका उल्लेख किया गया है ?
(ग) एक ही व्यक्ति कोमल और कठोर दोनों कैसे हो सकता है ?
अथवा
इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों की त्यों मन पर दर्ज हैं | कभी –कभी कैसे-कैसे सन्दर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं ? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी –बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नामों –निशान नहीं हैं | अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है | हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जांचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं ? काले मेघा दल के दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी की फूटी रह जाती है ,बल पियासे के पियासे रह जाते हैं ? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति ?
क. लेखक के मन में कौन-सी बात दर्ज है और क्यों ?
ख. देश के संदर्भ में लेखक को कौन-सी बात कचोटती है ?
ग. भ्रष्टाचार के बारे में मनुष्यों का आचरण कैसा है ?
12. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-- 10
(क) भक्तिन अपना वास्तविक नाम क्यों छुपाती है?भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा 3
(ख) जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया ? 3
(ग) नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था ? 3
(घ)आम्बेडकर के अनुसार आदर्श समाज के तीन प्रमुख तत्व कौन-कौन से हैं? 1
खंड ‘घ’
13. सिंधु–सभ्यता की खूबी उसका सौंदर्य–बोध है जो राजपोषित या धर्मपोषित न होकर समाज पोषित
था। ऐसा क्यों कहा गया? 4
अथवा
“जूझ” शीर्षक के औचित्य पर टिप्पणी कीजिये I
14. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिये: 4+4=8
(क) “ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथल–पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फ़र्क मिट गया है।“इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति व्यक्त करें |
(ख) यशोधर बाबू के चारित्र पर प्रकाश डालिए ।
(ग)अध्यापक के रूप में सौन्दलगेकर के चरित्र की विशेषताओं पर “जूझ” पाठ के आधार पर प्रकाश डालिएI
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