केन्द्रीय विदयालय संगठन –भुबनेश्वर (संभाग)
आदर्श प्रश्न पत्र अंक-योजना
विषय –हिन्दीकक्षा – दसवींपूर्णांक –80अंक
1. क - मनुष्य की खोज (अन्य उपयुक्त शीर्षक भी स्वीकार्य) |
ख- संसार के उत्पादन साधनों में जो भी क्रांतिकारी परिवर्तन क्यों न हुए हों और मनुष्य के सोचने – समझने के तौर-तरीकों में कितनी भी उथल-पुथल क्यों न हुई हो, मनुष्य की भूख ज्यों की त्यों है ।
ग- भोजन के उपकरणों और निर्माण विधि में आदिम मनुष्यों की अपेक्षा अधिक अंतर अवश्य आ गया है ।
घ- ब्रह्म शाश्वत है ,त्रिकाल में सत्य है , सदा सर्वदा बना रहने वाला है ।
ड.- दुर्दमनीय – दुर् उपसर्ग , मानसिक – इक प्रत्यय।
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2. क-“पेड़ों के बदले कारखाने उगाए थे” का आशय है प्रकृति के स्थान पर औद्योगिक विकास ।
ख-हर हाथ को काम और सुख समृद्धि।
ग-आपसी भाई चारे में कमी ।
घ-कवि ने इससे विकास के नये आयाम पर पहुँचने वाले मनुष्य के बारे में कहा है।
ड.-इसमे विकास को अंधाधुंध अपनाने पर होने वाली कठिनाइयों की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है ।
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खंड ‘ख’ - 15 अंक
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3. (क)-आकाश में बादल छाते ही वर्षा होने लगी |
(ख)-मैं खाना खाया और अपने काम पर चला गया।
(ग)-मैंने उस विद्यार्थी को बुलाया जो कक्षा में बुद्धिमानथा |
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1×3=3
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4. (क)-महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की |
(ख)-मोहन से निबंध पढ़ा जाता है |
(ग)-सरला से नहीं खाया जाएगा |
(घ)मैं उपन्यास लिखूँगा ।
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1×4=4
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5. (क)-मनुष्यता- भाववाचक संज्ञा,एकवचन स्त्रीलिंग।
(ख)-प्राप्त करता है- क्रिया,सकर्मक क्रिया,संयुक्त क्रिया,पुल्लिंग, एक वचन ,वर्तमान काल।
(ग)-अरे! – अव्यय, विस्मयादिबोधक(आश्चर्यसूचक)।
(घ)- वसंत ॠतु- संज्ञा,व्यक्तिवाचक. स्त्रीलिंग, एकवचन कर्ता कारक।
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1×4=4
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6. (क) -स्थायी भाव – भय
(ख) - ‘श्रगार रस’|
(ग) - अद्द्भुत रस
(घ)- वीर रस
7. शिक्षक स्व-विवेक से मूल्याँकन करे | वर्तनी पर ½ से अधिक अंक न काटें|
8. शिक्षक स्व-विवेक से मूल्याँकन करे | वर्तनी पर ½ से अधिक अंक न काटें|
9. शिक्षक स्व-विवेक से मूल्याँकन करे | वर्तनी पर ½ से अधिक अंक न काटें|
10. शिक्षक स्व-विवेक से मूल्याँकन करे | वर्तनी पर ½ से अधिक अंक न काटें|
11. शिक्षक स्व-विवेक से मूल्याँकन करे | वर्तनी पर ½ से अधिक अंक न काटें|
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1×4=4
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खंड ‘घ’ - 20 अंक
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12. निबंध – लेखन
विषयवस्तु
भाषागत शुद्धता
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13. पत्रलेखन
आरंभवअंतकीऔपचारिकताएँ (पता, दिनांक, सम्बोधन, समापन)
विषयवस्तुवप्रस्तुति
भाषाशुद्धता
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14. शीर्षक
विषयवस्तु
भाषाशुद्धता
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