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Thursday 26 March 2020

July masik 12th HINDI

केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 4, भुवनेश्वर
मासिक परीक्षा – जुलाई – 2019
विषय – हिंदी            पूर्णांक – 80           समय – 3 घण्टे 

खण्ड : क

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : 
      विविध धर्म एक ही जगह पहुँचाने वाले अलग-अलग रास्ते हैं। एक ही जगह पहुँचने के लिए हम  
       अलग-अलग रास्तों से चलें तो इसमें दुख का कोई कारण नहीं है। सच पूछो तो जितने मनुष्य हैं, 
       उतने ही धर्म भी हैं। हमें सभी धर्मों के प्रति समभाव रखना चाहिए। इससे अपने धर्म के प्रति
       उदासीनता आती हो, ऐसी बात सही नहीं, बल्कि अपने धर्म पर जो प्रेम है, उसकी अन्धता
       मिटती है। इस तरह सभी धर्मों के प्रति प्रेम हमें ज्ञानमय और निर्मल बनाता है। मेरी सम्मति है
       कि संसार के धर्मग्रंथों को आदरपूर्वक पढ़ना प्रत्येक सभ्य पुरुष और स्त्री का कर्तव्य है। अगर
       हमें दूसरे धर्मों का वैसा आदर करना है जैसा हम उनसे अपने धर्म का कराना चाहते हैं तो संसार
       के सभी धर्मों  का आदरपूर्वक अध्ययन करना हमारा एक पवित्र कर्म हो जाता है। जब तक 
       अलग-अलग धर्म मौजूद हैं, तब तक प्रत्येक धर्म को किसी विशेष बाह्य चिह्न की आवश्यकता 
       हो सकती है; लेकिन जब बाह्य चिह्न केवल आडम्बर बन जाते हैं अथवा अपने धर्म को दूसरे 
       धर्मों से अलग बताने के काम आते हैं तब वे त्याज्य हो जाते हैं। धर्मों के भ्रातृ-मंडल का उद्देश्य
       यह होना चाहिए कि वह एक हिन्दू को अधिक अच्छा हिन्दू, एक मुसलमान को अधिक अच्छा 
       मुसलमान और एक ईसाई को अधिक अच्छा ईसाई बनने में मदद करे.

   प्रश्न
   (क) हमें सभी धर्मों के प्रति समभाव क्यों रखना चाहिए ?                          [2]   
   (ख) धर्म को बाह्य चिह्नों की आवश्यकता कब पड़्ती है ?                         [2] 
   (ग) धर्म के बाह्य चिह्न कब त्याज्य बन जाते हैं ?                              [2]    
   (घ) धर्मों के भ्रातृ-मण्डल का क्या उद्देश्य होना चाहिए ?                           [2]  
   (ङ) हमें सभी धर्मग्रंथों का आदरपूर्वक अध्ययन क्यों करना चाहिए?                  [2] 
   (च) सन्धि-विच्छेद करें – अध्ययन                                             [1] 
   (छ) विलोम शब्द लिखें – आवश्यक                                            [1] 


2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -       [4]      
जो बीत गई सो बात गई !
जीवन में एक सितारा था
माना, वह बेहद प्यारा था,
वह डूब गया , तो डूब गया !
अम्बर के आनन को देखो,
कितने इसके तारे टूटे,
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट् गए फिर कहाँ मिले,
पर बोलो टूटे तारों पर 
                               कब अम्बर शोक मनाता है !
 प्रश्न: 
   (क) कवि ने ‘सितारा’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है ?                    
   (ख) अम्बर को क्या-क्या सहन करना पड़ता है ?                                              
   (ग) अम्बर टूटे तारों पर शोक क्यों नहीं मनाता ?                                             
   (घ) कवि ने क्या सन्देश दिया है ? इससे उसके किस दृष्टिकोण का परिचय मिलता है ?              
   
खण्ड – ख 

3. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर अनुच्छेद लिखें –     [ 5 ] 
    (क) लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका  (ख) मेरे सपनों का भारत  (ग) इण्टरनेट का महत्त्व  
    (घ) नारी-शिक्षा 

4. दैनिक पत्र ‘नवजागरण’ को संवाददाताओं की आवश्यकता है। इस पद के लिए अपनी योग्यताओं का 
  विवरण देते हुए समाचार-पत्र के प्रबन्धक के नाम एक पत्र लिखें।                      [ 5 ] 

अथवा

  मूल्यदेय डाक (वी.पी.पी.) से पुस्तकें मँगाने के लिए किसी प्रकाशक के प्रबन्धक के नाम एक पत्र लिखें। 

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखें –                                     [ 4 ] 
    (क) वॉच डॉग’ पत्रकारिता से क्या आशय है?
    (ख) फ्रीलांसर पत्रकार किसे कहते हैं?
    (ग) ‘डेड लाइन’ क्या है? 
    (घ) भारत में पहला छापाखाना कब और कहाँ खुला? 

6. नमामि गंगे पर एक आलेख लिखें।                                             [ 3 ]
अथवा
  हाल में पढ़ी हुई किसी पुस्तक की समीक्षा लिखें। 
6. ‘स्वच्छ भारत’ अथवा ‘युवा वर्ग पर पाश्चात्य फैशन का बढ़ता प्रभाव’ विषय पर लगभग 150 शब्दों में
  फ़ीचर का आलेख लिखिए।                                                     [ 3 ] 

खण्ड – ग 

7. निम्नलिखित काव्यांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें:-                           [ 6 ] 
कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने
कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने
बाहर भीतर
इस घरउस घर
कविता के पंख लगा उड़ने के माने
चिड़िया क्या जाने?
 प्रश्न 
      (क) कविता की उड़ान से क्या आशय है
  (ख) बाहर भीतर / इस घरउस घर” के द्वारा कवि क्या स्पष्ट करना चाहता है? 
    (ग) कविता की उड़ान और चिड़िया की उड़ान में क्या अंतर है?

9. निम्नलिखित काव्यांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें :-              [ 4 ]         
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए 
अपनी नई चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए
घण्टी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए। 

    (क) काव्यांश की अलंकार-योजना का विश्लेषण करें। 
    (ख) काव्यांश की बिम्ब-योजना को स्पष्ट करें।

10. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखें :                   [ 6 ] 
   (क) जहाँ पर दाना रहते हैं, वहीं नादान भी होते हैं – कवि ने ऐसा क्यों कहा होगा?   
   (ख) सबसे तेज़ बौछारें गयीं, भादो गया के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका 
       वर्णन अपने शब्दों में करें।   
   (ग) भाषा को सहूलियत से बरतने’ का क्या अभिप्राय है?

11. निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर 
   लिखिए :                                                           [ 6 ] 
    बाज़ार में एक जादू है। वह जादू आँख की राह काम करता है। वह रूप का जादू है पर जैसे चुम्बक 
    का जादू लोहे पर ही चलता है, वैसे ही इस जादू की भी मर्यादा है। जेब भरी हो और मन खाली हो,
    ऐसी हालत में जादू का असर खूब होता है। जेब खाली पर मन भरा न हो, तो भी जादू चल जाएगा।
    मन खाली है तो बाज़ार की अनेकानेक चीज़ों का निमंत्रण उस तक पहुँच जाएगा। कहीं हुई उस वक्त 
    जेब भरी तब तो फिर वह मन किसकी माननेवाला है! मालूम होता है यह भी लूँ,वह भी लूँ। सभी 
    सामान ज़रूरी और आराम को बढ़ानेवाला मालूम होता है। पर यह सब जादू का असर है। जादू की
    सवारी उतरी कि पता चलता है कि फ़ैंसी चीज़ों की बहुतायत आराम में मदद नहीं देती, बल्कि खलल
    ही डालती है। 
 प्रश्न : 
    (क) बाज़ार के जादू को रूप का जादू क्यों कहा गया है ?
    (ख) बाज़ार का जादू किस तरह के व्यक्तियों पर अधिक असर करता है?
    (ग) मन खाली होने से क्या अभिप्राय है? यह खालीपन बाज़ारवाद को कैसे बढ़ावा देता है?  

अथवा

  पानी की आशा पर जैसे सारा जीवन आकर टिक गया हो। बस एक बात मेरी समझ में नहीं आती थी 
  कि जब चारों ओर पानी की इतनी कमी है तो लोग घर में इतनी कठिनाई से इकट्ठा करके रखा हुआ 
  पानी बाल्टी भर-भर कर इन पर क्यों फेंकते हैं। कैसी निर्मम बरबादी है पानी की। देश की कितनी क्षति 
  होती है इस तरह के अंधविश्वासों से। कौन कहता है इन्हें इन्द्र की सेना ? अगर इन्द्र महाराज से ये 
  पानी दिलवा सकते हैं तो खुद अपने लिए पानी क्यों नहीं मांग लेते? क्यों मुहल्ले भर का पानी नष्ट
  करवाते घूमते हैं नहीं यह सब पाखंड है। अंधविश्वास है। ऐसे ही अंधविश्वासों के कारण हम अंग्रेजों से 
  पिछड गए और गुलाम बन गए.
  प्रश्न
(1) ‘पानी की आशा पर जैसे सारा जीवन आकर टिक गया हो’ से लेखक का क्या आशय है ?
(2) लेखक ने किसे पानी की निर्मम बरबादी कहा है ?
(3) इन्दर सेना के सम्बन्ध में लेखक का क्या दृष्टिकोण है ?

12. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें :                    [ 3 + 3 + 3 + 1 ] 
  (क) 'काले मेघा पानी दे' संस्मरण विज्ञान के सत्य पर सहज प्रेम की विजय का चित्र प्रस्तुत करता है -स्पष्ट कीजिए ।
ख) “बाज़ार एक तरह से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है।” ‌- इस कथन से आप कहाँ तक 
      सहमत हैं?  
  (ग)   'इंदर सेना' क्या थी ? जीजी ने ‘इन्दर सेना’ पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया? 
  (घ) बाज़ारूपन का क्या तात्पर्य है?

13. श्री सौंदलगेकर के अध्यापन की उन विशेषताओं को रेखांकित कीजिए जिन्होंने कविताओं के प्रति लेखक 
   के मन में रुचि जगाई।                                             [ 4 ] 

14. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें :                                  [ 8 ] 
   (क) अपना भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद यशोधरबाबू अपने को अधूरा-सा क्यों महसूस करते हैं?
   (ख) कविता के प्रति लगाव से पहले और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या
       बदलाव आया?  
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