पाठ योजना
दिनांक - कक्षा – 11 पाठ शुरु करने की दिनांक -
विषय - हिंदी अध्याय का नाम - शिवशंभू के चिट्ठे अध्याय पूर्ण करने की अपेक्षित दिनांक –
कालांश - अध्याय पूर्ण करने की वास्तविक दिनांक –
पाठ का सार
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गतिविधियां / क्रियाकलाप
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गृहकार्य
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उच्च अधिगम प्रश्न, निम्न अधिगम प्रश्न
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अतिरिक्त सूचना,ई सामग्री
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पाठ का सार
विदाई संभाषण पाठ लेखक बालमुकुंद गुप्त के द्वारा रचित शिवशंभू के चिट्ठे नामक पुस्तक का एक अंश है | यह पाठ लार्ड कर्जन के ना चाहते हुए भी भारत के वायसराय के पद से इस्तीफा देकर वापस इंग्लैंड जाने से संबंधित है | इसमें लेखक द्वारा कर्जन पर व्यंग्य किया गया है | उनकी भाषा खरी खरी कहने वाली है | व्यंग्य शक्ति इतनी मुखर है कि सुनने वाला तिलमिला जाता है | |
- अध्याय शुरू करने से पहले पूर्व ज्ञान पर आधारित प्रस्तावना प्रश्न किए जाएंगे |
- अध्याय का आदर्श वाचन करते हुए उसका अर्थ बताते हुए आगे बढेगें | विद्यार्थी मौन वाचन करने के बाद अपनी शंकाओं का समाधान के लिए प्रश्न करेगें | - "आजादी के आंदोलन में इस प्रकार के लेखन का योगदान" विषय पर चर्चा का आयोजन किया जाएगा | - " कर्जन ने हमेशा भारत का अहित ही किया " विषय पर वाद विवाद का आयोजन | - विद्यार्थियों से बोध प्रश्न किए जाएंगे | - शब्दार्थ बताते हुए श्यामपट्ट कार्य किया जाएगा | - पढाए गए बिन्दुओं से गृहकार्य दिया जाएगा | |
1. आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया- यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?
2. पाठ का यह अंश शिवशंभु के चिट्ठे से लिया गया है| शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है| बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा?
3. इस पाठ में आए आलिफ़ लैला, अलहदीन, अबुल हसन और बग़दाद के खलीफा के बारे में सूचना एकत्रित कर कक्षा में चर्चा कीजिए|
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उच्च अधिगम प्रश्न
1. क्या आँख बंद करके मनमाने हुक्म चलाना और किसी की कुछ न सुनने का नाम ही शासन है?- इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन क्या है?
2. नादिर से बढ़कर आपकी जिद्द है- कर्जन के सन्दर्भ में क्या आपको
निम्न अधिगम प्रश्न
1.यह बात सही लगती है?
आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में तीसरी शक्ति और भी है- यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?
2. कर्जन को इस्तीफ़ा क्यों देना पड़ गया?
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पाठ से संबधित विडियो व पी पी टी
दिखाई जायगी |
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पाठ योजना
दिनांक - कक्षा – 11 पाठ शुरु करने की दिनांक -
विषय - हिंदी अध्याय का नाम - अध्याय पूर्ण करने की अपेक्षित दिनांक –
कालांश - अध्याय पूर्ण करने की वास्तविक दिनांक –
पाठ का सार
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गतिविधियां / क्रियाकलाप
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गृहकार्य
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उच्च अधिगम प्रश्न, निम्न अधिगम प्रश्न
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अतिरिक्त सूचना,ई सामग्री
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पाठ का सार
लता मंगेशकर
यह अध्याय महान चित्रपट गायिका लता मंगेशकर के जीवन व कार्यों की एक झलक है | लेखक ने लता मंगेशकर का परिचय देते हुए उनको सर्वश्रेष्ठ गायिका माना है | वे कहते हैं कि लता जी ने संगीत सुनने वालों के कानों का परिष्कार किया है | उन्होंने शास्त्रिय संगीत एवं चित्रपट संगीत का तुलनात्मक वर्णन किया है | वे चित्रपट संगीत में स्थानीय संगीत को शामिल करने का स्वागत करते हैं | वे गायिकी के क्षेत्र में लता मंगेशकर को अभूतपूर्व गायिका मानते हैं |
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- अध्याय शुरू करने से पहले पूर्व ज्ञान पर आधारित प्रस्तावना प्रश्न किए जाएंगे |
- अध्याय का आदर्श वाचन करते हुए उसका अर्थ बताते हुए आगे बढेगें | विद्यार्थी मौन वाचन करने के बाद अपनी शंकाओं का समाधान के लिए प्रश्न करेगें | - "आजादी के आंदोलन में इस प्रकार के लेखन का योगदान" विषय पर चर्चा का आयोजन किया जाएगा | - " कर्जन ने हमेशा भारत का अहित ही किया " विषय पर वाद विवाद का आयोजन | - विद्यार्थियों से बोध प्रश्न किए जाएंगे | - शब्दार्थ बताते हुए श्यामपट्ट कार्य किया जाएगा | - पढाए गए बिन्दुओं से गृहकार्य दिया जाएगा | |
1. लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है| पाठ के सन्दर्भ में स्पष्ट करते हुए बताएँ कि आपके विचार में इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के अभ्यास की आवश्यकता है?
2. लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नज़र आती हैं? उदाहरण सहित बताइए|
3. लता ने करुण रस के गानों के साथ न्याय नहीं किया है, जबकि श्रृंगारपरक गाने वे बड़ी उत्कटता से गाती हैं- इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
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