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Sunday, 1 March 2020

मासिक परीक्षा १०th November

केन्द्रीय विदयालय, झारसुगुड़ा
                             मासिक परीक्षा नवंबर 
विषय :-
हिन्दी -पाठ्यक्रम-()
कक्षा :-
दसवीं(X)
समय :-
2:- घंटे                                      

अंक :-
40
प्रश्न-1

निम्नलिखित अपठित गद्यान्श को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-  
  आप का जीवन एक संग्राम स्थल है जिसमे आपको विजयी बनना है। महान जीवन के रथ के पहिए फूलों से भरे नंदन वन से नही गुजरतेकंटको से भरे बीहड़ पथ पर चलते हैं। आपको ऐसे ही महान जीवन पथ का सारथी बनकर अपनी यात्रा को पूरा करना है। जब तक आपके पास आत्म-विश्वास का दुर्जेय शस्त्र नही हैन तो आप जीवन की ललकार का सामना कर सकते हैंन जीवन संग्राम में विजय प्राप्त कर सकते हैं और न महान जीवन के सपनो पर चढ सकते हैं। जीवन पथ पर आप आगे बढ रहे हैं,दुख और निराशा की काली घटाएँ आपके मार्ग पर छा रही हैंआपत्तियों का अंधकार मुहँ फ़ैलाए आपकी प्रगति को निगलने के लिए बढा चला आ रहा हैलेकिन आपके हृदय में आत्मविश्वास की दृढ़ ज्योति जगमगा रही है।
(क) महान जीवन के रथ किस रास्ते से गुजरते हैं ?
(ख) आप किस शास्त्र के द्वारा जीवन के कष्टों का सामना कर सकते हैं ?
(ग) निराशा की काली घटाएँ किस प्रकार समाप्त हो जाती है ?










     


प्रश्न-
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार  दीजिये-
() अध्यापक ने छात्रों को समय से आने के लिए कहा    (कर्मवाच्य में  परिवर्तित कीजिये)
(ख) महर्षि दयानन्द द्वारा आर्यसमाज की स्थापना की गई।(कर्तृवाच्य में परिवर्तित कीजिए)  
() मोहन निबंध पढ़ता है।(कर्मवाच्य मे परिवर्तितकीजिए)
() सरला नहीं खाएगी।                           (भाववाच्य में परिवर्तित कीजिए)
() मुझसे उपन्यास लिखा जाएगा ।                   (कर्तृवाच्य मे परिवर्तित कीजिए
5x1=5

प्रश्न-4  
निम्नलिखित वाक्य में आश्रित उपवाक्य अलग करके बताएँ कि वह किस प्रकार का है 
(क) जब मीरा मेरे पास पहुँची, तब लगभग दस बजे थे । 
(ख) ऐसा कोई नहीं है जो कुश्ती में खली को जीत सके । 
(ग) मैंने उसे चेतावनी दी कि जीवन में प्रेम मत करो । 
प्रश्न पद परिचय बताइए
क) मनुष्यता पूर्णत: समाप्त हो गई है।
(ख) अरे ! तुम भी आ गए।





3x1=3 
प्रश्न-
निम्नलिखित गद्यांश को पढकर प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
      पिताजी के जिस शक्की स्वभाव पर मैं कभी भन्ना-भन्ना जाती थी , आज एकाएक अपने खंडित विश्वासों की व्यथा के नीचे मुझे उनके शक्की स्वभाव की झलक ही दिखाई देती है .. बहुत   “ अपनों” के हाथों विश्वासघात की गहरी व्यथा से उपजा शक  होश संभालने के बाद से ही जिन पिताजी से किसी न किसी बात पर हमेशा मेरी टक्कर चलती रही, वे तो न जाने कितने रूपों में मुझमे हैं ... कहीं कुंठाओं के रूप में, कहीं प्रतिक्रिया के रूप में तो कहीं प्रतिच्छाया के रूप में | केवल बाहरी भिन्नता के आधार पर अपनी परम्परा और पीढ़ियों को नकारने वालों को क्या सचमुच इस बात का बिलकुल एहसास नही होता कि उनका आसन्न अतीत किस कदर उनके भीतर जड़ जमाए बैठा रहता है ! समय का प्रवाह भले ही हमारा रूप बदल दे, हमें पूरी तरह उससे मुक्त तो नही ही कर सकता !
(क) लेखिका और उसके पिता के संबंध कैसे थे?
(ख) आसन्न अतीत से क्या तात्पर्य है?
(ग) क्या परम्परा और पुरानी पीढ़ी के प्रभाव को नकारा जा सकता है ॽ
)  “रसराज”किस रस को कहते हैं ? 
()  विभाव किसे कह्ते हैं ?इसके कितने भेद होते हैं?
()  “बीभत्स रसका स्थाई भाव क्या होता है?
(घ) श्रगार रस का उदाहरण लिखे ।
क ) भयानक रस का स्थाई भाव बताइए |
(ख)  राम को रूप निहारति जानकी ,कंकन के नग की परछाई |1
    याते सबै सुधि भूल गई,कर टेकि रही पल टारती नाहीं (प्रयुक्त रस का नाम लिखिए)
(ग)  अखिल भुवन चर अचर सब ,हरि मुख में लखि मातु |
    चकित भई गदगद वचन,विकसित दृग पुलकात (प्रयुक्त रस का नाम लिखिए )
(घ)  छोड़ो मत अपनी आन सीस कट जाए 1
    मत झुको अनय पर भले व्योम फट जाए |
    दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है 
    मरता है जो एक ही बार मरता है || (प्रयुक्त रस का नाम लिखिए)



प्रश्न-

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए -
(क) बिस्मिल्ला खाँ हिन्दू- मुस्लिम एकता के प्रतीक थे, कैसे ?  
(ख) बिस्मिल्ला खाँ के चरित्र की विशेषताओं को लिखिए  
(ग) बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों ? 
3x2=6

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