सामयिक परीक्षा- II – 2018-19
विषय-हिन्दी
कक्षा – दसवीं
निर्धारित समय : 90 मिनिट अधिकतम अंक : 50
निर्देश :
इस प्रश्न- पत्र के चार खंड हैं- क,ख,ग और घ |
चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है
यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए |
खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 8
इंद्रियनिग्रह का अर्थ है-बाह्य पदार्थों के आकर्षण को कम करना, अंतर्मुखी बनना, विषयोंकी ओर दौड़ने वाली इंद्रियों को रोकना, इंद्रियों का निग्रह करके हमें उन्हें अपने वश में लानाहै। वे स्वेच्छाचारी न रहकर हमारे अधीन हो जाएँ और हम उनसे जो काम लेना चाहें, जहाँलगाना चाहें वहीं वे लग जाएँ, ऐसा अभ्यास कर लेने से इंद्रियाँ हमारी उपासना में बाधक नबनकर साधक बन सकती हैं। अपनी इंद्रियों का सदुपयोग करने की कला से हम आत्मोत्थानकर सकते हैं। कानों का विषय है-सुनना। राग-द्वेष उत्पन्न करने वाली बातों को न सुनकरसत्पुरुषों की वाणी को सुनकर हमारा उद्धार सहज ही हो सकता है।
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 8
इंद्रियनिग्रह का अर्थ है-बाह्य पदार्थों के आकर्षण को कम करना, अंतर्मुखी बनना, विषयोंकी ओर दौड़ने वाली इंद्रियों को रोकना, इंद्रियों का निग्रह करके हमें उन्हें अपने वश में लानाहै। वे स्वेच्छाचारी न रहकर हमारे अधीन हो जाएँ और हम उनसे जो काम लेना चाहें, जहाँलगाना चाहें वहीं वे लग जाएँ, ऐसा अभ्यास कर लेने से इंद्रियाँ हमारी उपासना में बाधक नबनकर साधक बन सकती हैं। अपनी इंद्रियों का सदुपयोग करने की कला से हम आत्मोत्थानकर सकते हैं। कानों का विषय है-सुनना। राग-द्वेष उत्पन्न करने वाली बातों को न सुनकरसत्पुरुषों की वाणी को सुनकर हमारा उद्धार सहज ही हो सकता है।
इसी तरह एक-एक इंद्रिय के संयम से मनुष्य में कितनी अद्भुत शक्तियों काविकास होता है इसका कुछ विवरण पतंजलि के ‘योगसूत्र’ में पाया जाता है। वास्तव मेंइंद्रियाँ अपने आप में भली-बुरी कुछ भी नहीं हैं। उनको प्रेरणा देने वाला मन और आत्मा है।अत: हमें अपने मन को वश में करना आवश्यक है और वह वश में होगा आत्मा द्वारा क्योंकिसर्वोपरि सत्ता आत्मा ही है।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या है? 1
(ii) आत्मा को सर्वोपरि सत्ता क्यों कहा गया है? 1
(iii) इंद्रियनिग्रह से क्या तात्पर्य है? 2
(iv) इंद्रियाँ बाधक के स्थान पर साधक कैसे बन सकती है? 2
(v) हमारे उदधार का क्या उपाय हो सकता है? 2
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या है? 1
(ii) आत्मा को सर्वोपरि सत्ता क्यों कहा गया है? 1
(iii) इंद्रियनिग्रह से क्या तात्पर्य है? 2
(iv) इंद्रियाँ बाधक के स्थान पर साधक कैसे बन सकती है? 2
(v) हमारे उदधार का क्या उपाय हो सकता है? 2
2. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- 5
वह जो भावों से परिपूर्ण झूठे भवन के आधार की कल्पना है
आज के युग में अभावों से परिपक्व मानव की विडम्बना है।
कण-कण भावहीन है,
फिर भी भावों के प्रभाव का ही नाम जपना है।
शरीर, मन, आत्मा सब पराई हैं,
केवल धन ही अपना है।
भ्रष्टाचार में लिप्त !
आत्मा की आवाजों को सुनना, एक पागलपन है।
सत्य, अहिंसा, प्रेम नहीं आज के आदर्श,
बल्कि लोभ, लालच और कामना है।
मन में विदेश सुख की आस है,
और पराया देश ही अपना है।
ओ ! धनवृत्ति को आतुर नयन,
देशप्रेम केवल एक विडम्बना है।
वह जो भावों से परिपूर्ण झूठे भवन के आधार की कल्पना है
आज के युग में अभावों से परिपक्व मानव की विडम्बना है।
कण-कण भावहीन है,
फिर भी भावों के प्रभाव का ही नाम जपना है।
शरीर, मन, आत्मा सब पराई हैं,
केवल धन ही अपना है।
भ्रष्टाचार में लिप्त !
आत्मा की आवाजों को सुनना, एक पागलपन है।
सत्य, अहिंसा, प्रेम नहीं आज के आदर्श,
बल्कि लोभ, लालच और कामना है।
मन में विदेश सुख की आस है,
और पराया देश ही अपना है।
ओ ! धनवृत्ति को आतुर नयन,
देशप्रेम केवल एक विडम्बना है।
(i) आज के मानव के आदर्श कौन-कौन से है?
(ii) कवि ने कविता में किसकी ओर संकेत किया है?
(iii) आज के धन-लोलुप के लिए आत्मा की आवाज सुनना पागलपन क्यों है?
(iv) वर्तमान में मानव की क्या स्थिति हो गयी है?
(v) कवि ने किसे विडम्बना कहा है और क्यों?
खण्ड ‘ख’ : व्याकरण
3. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए 2
(क) वह कब्रिस्तान की जमीन थी जिसके किनारे पर दो-चार घर बने थे। (सरल वाक्यबनाइए।)
(ख) हमारा विद्यालय अपनी संस्कृति और कार्यशैली के लिए अपनी विशेष पहचान बनाए हुएहै। (वाक्य का भेद बताइए।)
(ii) कवि ने कविता में किसकी ओर संकेत किया है?
(iii) आज के धन-लोलुप के लिए आत्मा की आवाज सुनना पागलपन क्यों है?
(iv) वर्तमान में मानव की क्या स्थिति हो गयी है?
(v) कवि ने किसे विडम्बना कहा है और क्यों?
खण्ड ‘ख’ : व्याकरण
3. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए 2
(क) वह कब्रिस्तान की जमीन थी जिसके किनारे पर दो-चार घर बने थे। (सरल वाक्यबनाइए।)
(ख) हमारा विद्यालय अपनी संस्कृति और कार्यशैली के लिए अपनी विशेष पहचान बनाए हुएहै। (वाक्य का भेद बताइए।)
4. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तित कीजिए। : 2
(क) तुलसीदास द्वारा ‘रामचरितमानस’ की रचना की गई। (कर्तृवाच्य में)
(ख) हम इतना भार नहीं सह सकते। (कर्मवाच्य में)
(क) तुलसीदास द्वारा ‘रामचरितमानस’ की रचना की गई। (कर्तृवाच्य में)
(ख) हम इतना भार नहीं सह सकते। (कर्मवाच्य में)
5. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का परिचय दीजिए। 2
(क) हमारी बेपढ़ी-लिखी माँ यहाँ रहती हैं।
(ख) आज तक मैं उससे उबर नहीं पाई हूँ।
(क) हमारी बेपढ़ी-लिखी माँ यहाँ रहती हैं।
(ख) आज तक मैं उससे उबर नहीं पाई हूँ।
6. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए 2
(क) करुण रस का उदाहरण लिखिए। ।।
(ख)उत्साह किस रस का स्थायी भाव है?
(ख)उत्साह किस रस का स्थायी भाव है?
7. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए 21
(1) “फादर कामिल बुल्के को जहरबाद से नहीं मरना चाहिये था।” लेखक ने ऐसा क्यों कहाहै?
(2) शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है? ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठके आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(1) “फादर कामिल बुल्के को जहरबाद से नहीं मरना चाहिये था।” लेखक ने ऐसा क्यों कहाहै?
(2) शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है? ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठके आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(3) ‘मन्नू भंडारी की माँ त्याग और धैर्य की पराकष्ठा थी-फिर भी लेखिका के लिए आदर्श नबन सकी।’
(4) ‘छाया मत छूना’ में कवि ‘छाया’ किसे कहता है और क्यों?
(5) संगतकार की आवाज में एक हिचक-सी क्यों प्रतीत होती है?
(4) ‘छाया मत छूना’ में कवि ‘छाया’ किसे कहता है और क्यों?
(5) संगतकार की आवाज में एक हिचक-सी क्यों प्रतीत होती है?
(6) कविता ‘छाया मत छूना’ में कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात किस कारण से कीहै? स्पष्ट कीजिए।
(7) (ख) ‘दुख-बाँचने’ से कवि का क्या आशय है?
8. ‘आप चैन की नींद सो सकें इसीलिए तो हम यहाँ पहरा दे रहे हैं”-एक फौजी के इस कथनपर जीवन-मूल्यों की दृष्टि से चर्चा कीजिए। 4
9. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 200-250 शब्दों में निबंध लिखिए:
(क) एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम 4
(ख) वन और पर्यावरण
(क) एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम 4
(ख) वन और पर्यावरण
आपके मित्र के पिता के सीमा पर शहीद हो जाने का समाचार प्राप्त होने पर । अपनीभावनाएँ व्यक्त करते हुए मित्र को संवेदना पत्र लिखिए। |
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