श्रद्धा मैम द्वारा निर्मित। उन्होंने अपनी मेहनत हम सभी के साथ साझा की। सभी अध्यापकगण और विद्यार्थी , अभिभावक सभी उनके बहुत आभारी हैं। कहते हैं भले लोग संसार में कम हैं, उसी समय यदि हम स्वयं को परोपकारी बना लें तो यह संख्या शीघ्र ही बढ़ने लगेगी । भगवान का बहुत बहुत धन्यवाद कि श्रद्धा मैम का आशीर्वाद सदा मुझे मिलता रहता है।
आभार सहित स्वीकार मैम...
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टर्म-२ : हिंदी कोर : बारहवीं - पाँच अभ्यास प्रश्न-पत्र
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