इकाई पाठ – योजना
• कक्षा – नवमीं
• पुस्तक – क्षितिज (भाग-१)
• विषय-वस्तु – निबंध
• प्रकरण – ‘ मेरे बचपन के दिन ’
शिक्षण- उद्देश्य :-
1. ज्ञानात्मक –
1. मनुष्य-मात्र के स्वभाव एवं व्यवहार की जानकारी देना।
2. पाठ में वर्णित घटनाओं की सूची बनाना।
3. निबंध की विषयवस्तु को पूर्व में सुनी हुई घटना से संबद्ध करना।
4. नए शब्दों के अर्थ समझकर अपने शब्द- भंडार में वृद्धि करना।
5. साहित्य के गद्य –विधा (लेख/निबंध) की जानकारी देना।
6. छात्रों को हिन्दी के साहित्यकारों के बारे में जानकारी देना।
7. नैतिक मूल्यों की ओर प्रेरित करना।
8. संस्मरण- लेखन की विशेषताएँ समझाना।
2. कौशलात्मक -
1. स्वयं लेख/निबंध लिखने की योग्यता का विकास करना।
2. पाठ में वर्णित मानवतावादी विचारधारा को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा देना।
3. बोधात्मक –
1. साहित्यकार महादेवी वर्मा के चरित्र को समझने का प्रयास करना।
2. रचनाकार के उद्देश्य को स्पष्ट करना।
3. निबंध में वर्णित महत्त्वपूर्ण नैतिक मूल्यों की सूची बनाना।
4. समाज में जीवन के प्रति स्वस्थ दॄष्टिकोण का विकास करना।
4. प्रयोगात्मक –
1. निबंध की घटनाओं को अपने दैनिक जीवन के संदर्भ में जोड़कर देखना।
2. महादेवी वर्मा का चरित्र-चित्रण करना ।
3. पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखना।
4. महादेवी वर्मा की जीवनी का वर्णन संक्षेप में अपने शब्दों में करना।
सहायक शिक्षण – सामग्री:-
1. चाक , डस्टर आदि।
2. पावर प्वाइंट के द्वारा पाठ की प्रस्तुति।
पूर्व ज्ञान:-
1. साहित्यिक-लेख का ज्ञान है।
2. सामाजिक जीवन की अच्छाइयों और बुराइयों से परिचित हैं।
3. लेख/निबंध रचना का ज्ञान है।
4. साहित्यिक-भाषा की थोड़ी-बहुत जानकारी है।
5. बचपन की स्मृति से उत्साहित हैं।
6. मानवीय स्वभाव की जानकारी है।
प्रस्तावना – प्रश्न :-
1. बच्चो! क्या आप हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकारों के बारे में जानते हैं?
2. क्या आप महदेवी वर्मा के बारे में कुछ जानते हैं? उनकी प्रसिद्धि के दो कारण बताइए।
3. कुछ संस्मरण लेखकों के नाम बताइए।
4. मनुष्य की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए।
5. अपने बचपन की कोई दो घटनाओं के बारे में बताइए।
उद्देश्य कथन :- बच्चो! आज हम प्रसिद्ध लेखिका ‘महादेवी वर्मा’ के द्वारा रचित निबंध ‘मेरे बचपन के दिन ’ का अध्ययन करेंगे।
पाठ की इकाइयाँ—
प्रथम अन्विति— (‘बचपन की ………….मिले होंगे उसमें)
• लेखिका के परिवार में पहली लड़की जन्म।
• माँ ने हिन्दी पढ़ना सिखाया।
• लेखिका का संस्कॄत सीखना।
• लेखिका का मिशन स्कूल में प्रवेश।
• छात्रावास में सुभद्र कुमारी से पहचान।
• लेखिका का कविता लिखना प्रारंभ।
• कविता –पाठ में लेखिका को प्रायः प्रथम पुरस्कार।
द्वितीय अन्विति :- ( एक बार की……………कुछ और होती।)
• पुरस्कार में मिला चाँदी का कटोरा ‘बापू’ को दान।
• मराठी लड़की से मराठी सीखना ।
• छात्रावास में एकता का वातावरण।
• जवारा के नवाब साहब से पारिवारिक संबंध ।
• छोटे भाई का नाम नवाब साहब के द्वारा रखा जाना।
• आपसी एकता की कामना।
शिक्षण विधि :-
क्रमांक
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अध्यापक - क्रिया
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छात्र - क्रिया
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१.
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संस्मरण का सारांश :-
प्रस्तुत संस्मरण में महादेवी जी ने अपने बचपन के उन दिनों को स्मृति के सहारे लिखा है जब वे विद्यालय में पढ़ रही थीं। इस अंश में लड़कियों के प्रति सामाजिकरवैये, विद्यालय की सहपाठिनों,छात्रावास के जीवन और स्वतंत्रता आंदोलन के प्रसंगों का बहुत ही सजीव वर्णन है। लेखिका अपने बचपन के दिनों को याद कर कहती है कि वे परिवार में पहली लड़की पैदा हुईं थीं ।घर में हिन्दी का कोई वातावरण नहीं था लेकिन माँ ने उसे संस्कृत, हिन्दी,अंगेरज़ी आदि की शिक्षा दी।फिर मिशन स्कूल में जाने पर उनकी मुलाकात सुभद्रा कुमारी चौहान से हुई। उनकेछात्रावास में विभिन्न स्थानों से आए बच्चों में एकता एवं सहानुभुति की भावना थी।वे कविता भी लिखती थी। कविता –पाठ में उन्हें हमेशा प्रथम पुरस्कार ही मिलता था। एक बार उन्होंने पुरस्कार में मिले चाँदी के कटोरे को दानस्वरूप गाँधी जी को दे दिया। उनके घर के पास रहने वाले नवाब साहब के परिवार से उनके बड़े अच्छे संबंध थे। नवाब साहब ने ही उनके छोटे भाई का नामकरण किया था। उस समय लोगों में जैसी एकता और भाईचारा दिखता था , आजकल वह सपना –सा लगताहै।
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लेख को ध्यानपूर्वक सुनना और समझने का प्रयास करना। रामन के कार्यों पर तथा देश में वैज्ञानिक उन्नत्ति पर अपने विचार प्रस्तुत करना।
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२.
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लेखिका-परिचय :- महादेवी वर्मा (१९०७-१९८७) एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं जिन्होंने साहित्य के गद्य एवं पद्य दोनों विधाओं में अद्वितीय सफलता प्राप्त की है। उनके लेख मानव –जीवन से काफ़ी गहराई से जुड़े हुए हैं। सत्य के प्रति आस्था और निष्ठा ही उनकी धरोहर है। हिन्दी गद्य साहित्य में संस्मरण एवं रेखाचित्र कोबुलन्दियों तक पहुँचाने का श्रेय महादेवी जी को है। उनके संस्मरणों और रेखाचित्रोंमें शोषित, पीड़ित लोगों के प्रति ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी आत्मीयताएवं अक्षय करुणा प्रकट हुई है। उनकी भाषा – शैली सरल एवं स्पष्ट है तथा शब्द चयन प्रभावपूर्ण और चित्रात्मक। महादेवी जी छायावाद के प्रमुख कवियों में से एक थीं। नीहार, रश्मि, नीरजा, दीपशिखा उनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं। अतीत के चलचित्र,स्मृति की रेखाएँ, पथ के साथी, शृंखला की कड़ियाँ उनकी महत्वपूर्ण गद्य रचनाएँ हैं। महादेवी वर्मा को साहित्य अकादमी एवं ज्ञानपीठ पुरस्कारसे सम्मानित किया गया। भारत से उन्हें पद्मभूषण से अलंकॄत किया।
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लेखिका के बारे में आवश्यक जानकारियाँ अपनी अभ्यास –पुस्तिका मेंलिखना।
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३.
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शिक्षक के द्वारा पाठ का उच्च स्वर में पठन करना।
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उच्चारण एवं पठन – शैली को ध्यान सेसुनना।
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४.
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पाठ के अवतरणों की व्याख्या करना।
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पाठ को हॄदयंगम करने की क्षमता को विकसित करने के लिए पाठ को ध्यान से सुनना। पाठ से संबधित अपनी जिज्ञासाओं का निराकरण करना।
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५.
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कठिन शब्दों के अर्थ :-
परमधाम – स्वर्ग , प्रतिष्ठित – सम्मानित
वाइस चांसलर – कुलपति , निराहार – बिना कुछ खाए-पिए
फूल – ताँबे और राँगे से बनी एक धातु
पदक – धातु का गोल टुकड़ा जो पुरस्कार के रूप में दिया जाता है , लहरिया – रंग-बरंगी धारियों वाली साड़ी
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६.
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छात्रों द्वारा पठित अनुच्छेदों में होने वाले उच्चारण संबधी अशुद्धियों को दूर करना।
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छात्रों द्वारा पठन।
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७.
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पाठ में आए व्याकरण का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना।
• विलोम शब्द
• उपसर्ग एवं प्रत्यय
• समास
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व्याकरण के इन अंगों के नियम, प्रयोग एवं उदाहरण को अभ्यास-पुस्तिका मेंलिखना।
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गृह – कार्य :-
1. पाठ का सही उच्चारण के साथ उच्च स्वर मेँ पठन करना।
2. पाठ के प्रश्न – अभ्यास करना।
3. संस्मरण की प्रमुख सूचनाओं की संक्षेप में सूची तैयार करना।
4. पाठ में आए कठिन शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग करना।
परियोजना कार्य :-
1. हिन्दी के संस्मरण लेखकों के बारे में जानकारी एकत्र करना।
2. अपने आसपास के लोगों के व्यवहार पर एक अनुच्छेद लिखना ।
मूल्यांकन :-
निम्न विधियों से मूल्यांकन किया जाएगा :-
1. पाठ्य-पुस्तक के बोधात्मक प्रश्न—
o लेखिका के बचपन के समय लड़कियों की दशा कैसी थी?
o लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाई?
o लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
o जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है?
2. इकाई परीक्षाएँ
3. गृह – कार्य
4. परियोजना - कार्य
विषय - शिक्षक के हस्ताक्षर प्राचार्य के हस्ताक्षर